राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़
नीरजपाराशर आचारय:
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*** जय श्री राधे ***
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
***ll जय श्री राधे ll***
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*दिनाँक:-22/12/2022, गुरुवार*
चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष,
पौष
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———- चतुर्दशी 19:12:57 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———– ज्येष्ठा 28:01:52
योग————– शूल 17:42:17
करण——- विष्टि भद्र 08:48:02
करण———– शकुनी 19:12:57
करण——— चतुष्पद 29:31:52
वार———————– गुरूवार
माह———————— पौष
चन्द्र राशि——-वृश्चिक 28:01:52
चन्द्र राशि——————– धनु
सूर्य राशि——————— धनु
रितु———————— शिशिर
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————— 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 07:07:09
सूर्यास्त—————- 17:28:22
दिन काल————- 10:21:13
रात्री काल————- 13:39:15
चंद्रास्त—————- 16:18:48
चंद्रोदय—————- 30:56:27
लग्न—- धनु 5°59′ , 245°59′
सूर्य नक्षत्र——————– मूल
चन्द्र नक्षत्र——————- ज्येष्ठा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र
*??? पद, चरण ???*
नो—- ज्येष्ठा 11:56:58
या—- ज्येष्ठा 17:20:06
यी—- ज्येष्ठा 22:41:41
यू—- ज्येष्ठा 28:01:52
*??? ग्रह गोचर ???*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=धनु 05 : 29 मूल , 2 यो
चन्द्र =वृश्चिक 17°23, ज्येष्ठा , 1 नो
बुध =धनु 26 ° 34′ पू o षाo ‘ 4 ढा
शुक्र=धनु 20°05, पू o षाo ‘ 3 फा
मंगल=वृषभ 17°30 ‘ रोहिणी’ 3 वी
गुरु=मीन 05°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 26°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 16°30 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 16°30 विशाखा , 4 ता
*?? शुभा$शुभ मुहूर्त ??*
राहू काल 13:35 – 14:53 अशुभ
यम घंटा 07:07 – 08:25 अशुभ
गुली काल 09:42 – 11:00 अशुभ
अभिजित 11:57 – 12:38 शुभ
दूर मुहूर्त 10:34 – 11:16 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:43 – 15:24 अशुभ
वर्ज्यम 11:35 – 13:02 अशुभ
?गंड मूल अहोरात्र अशुभ
?चोघडिया, दिन
शुभ 07:07 – 08:25 शुभ
रोग 08:25 – 09:42 अशुभ
उद्वेग 09:42 – 11:00 अशुभ
चर 11:00 – 12:18 शुभ
लाभ 12:18 – 13:35 शुभ
अमृत 13:35 – 14:53 शुभ
काल 14:53 – 16:11 अशुभ
शुभ 16:11 – 17:28 शुभ
?चोघडिया, रात
अमृत 17:28 – 19:11 शुभ
चर 19:11 – 20:53 शुभ
रोग 20:53 – 22:36 अशुभ
काल 22:36 – 24:18* अशुभ
लाभ 24:18* – 26:00* शुभ
उद्वेग 26:00* – 27:43* अशुभ
शुभ 27:43* – 29:25* शुभ
अमृत 29:25* – 31:08* शुभ
?होरा, दिन
बृहस्पति 07:07 – 07:59
मंगल 07:59 – 08:51
सूर्य 08:51 – 09:42
शुक्र 09:42 – 10:34
बुध 10:34 – 11:26
चन्द्र 11:26 – 12:18
शनि 12:18 – 13:10
बृहस्पति 13:10 – 14:01
मंगल 14:01 – 14:53
सूर्य 14:53 – 15:45
शुक्र 15:45 – 16:37
बुध 16:37 – 17:28
?होरा, रात
चन्द्र 17:28 – 18:37
शनि 18:37 – 19:45
बृहस्पति 19:45 – 20:53
मंगल 20:53 – 22:01
सूर्य 22:01 – 23:10
शुक्र 23:10 – 24:18
बुध 24:18* – 25:26
चन्द्र 25:26* – 26:35
शनि 26:35* – 27:43
बृहस्पति 27:43* – 28:51
मंगल 28:51* – 29:59
सूर्य 29:59* – 31:08
*?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??*
धनु > 05:40 से 07:46 तक
मकर > 07:46 से 09:30 तक
कुम्भ > 09:30 से 11:04 तक
मीन > 11: 04 से 12:32 तक
मेष > 12:32 से 14:12 तक
वृषभ > 14:12 से 18:24 तक
कर्क > 18:24 से 20:40 तक
सिंह > 20:40 से 22:56 तक
कन्या > 22:56 से 01:04 तक
तुला > 01:04 से 03:14 तक
वृश्चिक > 03:14 से 05:30 तक
*?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*?दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 14 + 5 + 1 = 35 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
*? शिव वास एवं फल -:*
29 + 29 + 5 = 63 ÷ 7 = 0 शेष
समशान वास = मृत्यु कारक
*?भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
प्रातः 08:48 तक समाप्त
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
*?? विशेष जानकारी ??*
*श्री शशिमोहनदास जयंती महोत्सव
*भारतीय पौष मास प्रारम्भ
*अयन करीदीन
*??? शुभ विचार ???*
श्वानपुच्छमिच व्यर्थ जीवितं विद्यया विना ।
न गुह्यगोपने शक्तं न च दंशनिवारणे ।।
।। चा o नी o।।
एक अनपढ़ आदमी की जिंदगी किसी कुत्ते की पूछ की तरह बेकार है. उससे ना उसकी इज्जत ही ढकती है और ना ही कीड़े मक्खियों को भागने के काम आती है.
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