खुद के हाथ नही होने के बाद भी रहनुमा के पास है अंधे छात्रों की मदद करने का जज्बा
चंडीगढ़। अगर जज्बा हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं और अगर किसी की मदद करने की ठान ली जाए तो फिर सब कुछ मुमकिन है। 17 साल की रहनुमा खुद डिसेबल हैं, लेकिन ब्लाइंड स्टूडेंट्स की मदद करने का उनका जज्बा काबिलेतारीफ है।
गवर्नमेंट माॅडल स्कूल-8 में…