आयोग द्वारा डीजीपी की नियुक्ति के लिए भेजा गया पैनल वापस किए जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोग को अपने पत्र लिखा है यूपी की योगी सरकार ने यूपीएससी को लिखा पत्र कर मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाए जाने की वजह बताई है। सरकार ने जवाब दिया है कि मुकुल गोयल इस लायक नहीं थे कि डीजीपी बनते। चयन के लिए वरिष्ठता के साथ साथ क्षमता भी होनी चाहिए। मुकुल गोयल 2006-07 में पुलिस भर्ती घोटाले में सस्पेंड किये गए थे। आगे लखा है कि मुजफ्फरनगर दंगे के समय मुकुल गोयल ADG LO थे, उस समय इन्हें अकर्मण्यता और अक्षमता के कारण हटाया गया था। सहारनपुर में अकर्मण्यता के कारण सस्पेंड किये गए थे। डीजीपी बनने के बाद भी अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार में संलिप्तता जारी रही। ऐसे कई मामले हैं जो मुकुल गोयल की भ्रष्टाचार में संलिप्तता साबित करते है
UPSC ने प्रदेश सरकार से मुकुल गोयल को डीजीपी पद से हटाए जाने की वजह पूछी थी, क्योंकि वरिष्ठता के कारण प्रस्ताव में इस बार भी उनका नाम भेजा गया है। इसके साथ ही आयोग ने प्रस्ताव में शामिल अन्य अफसरों से स्वप्रमाणित ब्योरा लेकर भेजने को कहा है। सूत्रों का कहना है कि आयोग यह भी देखेगा कि सेवाकाल का निर्धारण डीजीपी का पद रिक्त होने की तिथि से किया जाए या प्रस्ताव भेजे जाने की तिथि से। प्रस्ताव भेजे जाने की तिथि से आकलन किए जाने पर कुछ आईपीएस अफसरों का सेवाकाल छह माह से कम रह जाएगा और वे दौड़ से बाहर हो जाएंगे
इस पत्र के बाद देखते हैं यूपीएससी क्या निर्णय लेता है किसको उत्तर प्रदेश का स्थाई डीजीपी नियुक्त करता है या चौहान ही स्थाई डीजीपी बनाए जाएंगे
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