पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग, 03 जुलाई 2022

नीरजपाराशर आचारय:

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*** जय श्री राधे ***

?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??

??? *अथ  पंचांगम्* ???

***ll जय श्री राधे ll***

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*दिनाँक:-03/07/2022, रविवार*

चतुर्थी, शुक्ल पक्ष,

आषाढ

“”””””””””””””””””””””””””””””“”””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———– चतुर्थी 17:06:13        तक

पक्ष————————- शुक्ल

नक्षत्र——– आश्लेषा 06:28:58

योग————– वज्र 12:04:11

करण——- विष्टि भद्र 17:06:13

वार———————— रविवार

माह———————— आषाढ

चन्द्र राशि———कर्क 06:28:58

चन्द्र राशि———————सिंह

सूर्य राशि——————– मिथुन

रितु————————–-ग्रीष्म

सायन———————— वर्षा

आयन——————- उत्तरायण

सायन—————– दक्षिणायण

संवत्सर———————–नल

संवत्सर (उत्तर)—————– राक्षस

विक्रम संवत—————- 2079

विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078

शक संवत——————-1944

वृन्दावन

सूर्योदय————— 05:29:22

सूर्यास्त————— 19:17:25

दिन काल————- 13:48:03

रात्री काल————- 10:12:20

चंद्रोदय—————-08:53:41

चंद्रास्त————— 22:29:51

लग्न—-मिथुन 16°55′ , 76°55′

सूर्य नक्षत्र——————– आर्द्रा

चन्द्र नक्षत्र—————–आश्लेषा

नक्षत्र पाया——————- रजत

*???  पद, चरण  ???*

डो—- आश्लेषा 06:28:58

मा—- मघा 13:04:31

मी—- मघा 19:38:41

मू—- मघा 26:11:24

*???  ग्रह गोचर  ???*

        ग्रह =राशी   , अंश  ,नक्षत्र,  पद

==========================

सूर्य=मिथुन      16:12     आर्द्रा  ,      4        छ

चन्द्र = कर्क     29°23,   अश्लेषा,      4       डो

बुध =मिथुन 01  ° 07′   मृगशिरा    ‘   3        का

शुक्र=वृषभ    17°05,  रोहिणी      ‘  3        वी

मंगल=मेष  04°30  ‘        अश्विनी ‘    2         चे

गुरु=मीन  13°30 ‘   उ o भा o,      4         ञ

शनि=कुम्भ 00°33 ‘      उ o भा o   ‘  3      गु

राहू=(व) मेष  25°40′     भरणी ,   4        लो

केतु=(व) तुला 25°40    विशाखा , 2          तू

*??? मुहूर्त प्रकरण ???*

राहू काल 17:34 – 19:17 अशुभ

यम घंटा 12:23 – 14:07 अशुभ

गुली काल 15:50 – 17: 34अशुभ

अभिजित 11:56 – 12:51 शुभ

दूर मुहूर्त 17:27 – 18:22 अशुभ

?गंड मूल अहोरात्र अशुभ

?चोघडिया, दिन

उद्वेग 05:29 – 07:13 अशुभ

चर 07:13 – 08:56 शुभ

लाभ 08:56 – 10:40 शुभ

अमृत 10:40 – 12:23 शुभ

काल 12:23 – 14:07 अशुभ

शुभ 14:07 – 15:50 शुभ

रोग 15:50 – 17:34 अशुभ

उद्वेग 17:34 – 19:17 अशुभ

?चोघडिया, रात

शुभ 19:17 – 20:34 शुभ

अमृत 20:34 – 21:51 शुभ

चर 21:51 – 23:07 शुभ

रोग 23:07 – 24:24* अशुभ

काल 24:24* – 25:40* अशुभ

लाभ 25:40* – 26:57* शुभ

उद्वेग 26:57* – 28:13* अशुभ

शुभ 28:13* – 29:30* शुभ

?होरा, दिन

सूर्य 05:29 – 06:38

शुक्र 06:38 – 07:47

बुध 07:47 – 08:56

चन्द्र 08:56 – 10:05

शनि 10:05 – 11:14

बृहस्पति 11:14 – 12:23

मंगल 12:23 – 13:32

सूर्य 13:32 – 14:41

शुक्र 14:41 – 15:50

बुध 15:50 – 16:59

चन्द्र 16:59 – 18:08

शनि 18:08 – 19:17

?होरा, रात

बृहस्पति 19:17 – 20:08

मंगल 20:08 – 20:59

सूर्य 20:59 – 21:51

शुक्र 21:51 – 22:42

बुध 22:42 – 23:33

चन्द्र 23:33 – 24:24

शनि 24:24* – 25:15

बृहस्पति 25:15* – 26:06

मंगल 26:06* – 26:57

सूर्य 26:57* – 27:48

शुक्र 27:48* – 28:39

बुध 28:39* – 29:30

*?? उदयलग्न प्रवेशकाल  ??*

मिथुन  > 04:32  से  05:48 तक

कर्क    > 05:48  से  08:12  तक

सिंह    > 08:12   से 10:16  तक

कन्या  >  10:16  से  12:32  तक

तुला   >  12:32  से   14:47  तक

वृश्चिक > 14:47   से  17:02 तक

धनु     > 17:02   से   19:12 तक

मकर   > 19:12   से 20:54   तक

कुम्भ   > 20:54   से  22:28  तक

मीन    > 22:28   से 22:58   तक

मेष     > 22:58   से  01:38  तक

वृषभ   > 01:38  से  04:32  तक

*?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप)

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा   +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*?दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो  घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*?  अग्नि वास ज्ञान  -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 4 + 1 + 1 = 6  ÷ 4 = 2 शेष

 आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??*

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु  आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 बुध ग्रह मुखहुति

*?    शिव वास एवं फल -:*

  4 +  4 + 5 = 13  ÷ 7 = 6  शेष

 क्रीड़ायां = शोक ,दुःख कारक

*?भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

सांय 17:06 तक समाप्त

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

*??    विशेष जानकारी   ??*

* विनायक चतुर्थी

*???   शुभ विचार   ???*

मूर्खस्तु परिहर्त्तव्यः प्रत्यक्षो द्विपदः पशुः ।

भिद्यते वाक्यशूलेन अदृश्यं कण्टकं यथा ।।

।। चा o नी o।।

 मूर्खो के साथ मित्रता नहीं रखनी चाहिए उन्हें त्याग देना ही उचित है, क्योंकि प्रत्यक्ष रूप से वे दो पैरों वाले पशु के सामान हैं,जो अपने  धारदार वचनो से वैसे ही हदय को छलनी करता है जैसे अदृश्य काँटा शारीर में घुसकर छलनी करता है .

*???  सुभाषितानि  ???*

गीता -: मोक्षसान्यांसयोग अo-18

नियतस्य तु सन्न्यासः कर्मणो नोपपद्यते ।,

मोहात्तस्य परित्यागस्तामसः परिकीर्तितः ॥,

(निषिद्ध और काम्य कर्मों का तो स्वरूप से त्याग करना उचित ही है) परन्तु नियत कर्म का (इसी अध्याय के श्लोक 48 की टिप्पणी में इसका अर्थ देखना चाहिए।,) स्वरूप से त्याग करना उचित नहीं है।, इसलिए मोह के कारण उसका त्याग कर देना तामस त्याग कहा गया है॥,7॥,

*??   दैनिक राशिफल   ??*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष

कष्ट, भय व चिंता का वातावरण बन सकता है। विवेक से कार्य करें। समस्या दूर होगी। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। कारोबारी लाभ में वृद्धि होगी। नौकरी में शांति रहेगी। सहकर्मियों का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा। कष्ट, भय व चिंता का वातावरण बन सकता है। विवेक से कार्य करें। समस्या दूर होगी।

?वृष

वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक शिथिलता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। किसी अपने का व्यवहार प्रतिकूल रहेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। नौकरी में अपेक्षानुरूप कार्य न होने से अधिकारी की नाराजी झेलना पड़ेगी।

?मिथुन

यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। थकान महसूस होगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल रहेंगे। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी।

?कर्क

आराम का समय मिलेगा। आशंका-कुशंका रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबारी नए अनुबंध हो सकते हैं, प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।

?सिंह

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। शुभ समाचार मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।

?‍♀️कन्या

अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। ऐश्वर्य पर खर्च होगा।

⚖️तुला

भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार प्राप्ति सहज ही होगी। व्यावसायिक यात्रा से लाभ होगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। निवेशादि शुभ रहेंगे। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। किसी बड़ी समस्या का हल प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें।

?वृश्चिक

शत्रु शांत रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर में प्रतिष्ठित अतिथियों का आगमन हो सकता है। व्यय होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। दुष्‍टजनों से दूर रहें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

?धनु

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि नीचा देखना पड़े। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धनार्जन होगा।

?मकर

व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। समय का अपव्यय होगा। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। विवाद से क्लेश होगा। काम में मन नहीं लगेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति विशेष से अनबन हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

?कुंभ

यात्रा मनोरंजक रहेगी। किसी मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में सोच-समझकर हाथ डालें। जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है।

?मीन

कुबुद्धि हावी रहेगी। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। विवाद से दूर रहें। कुसंगति से बचें। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। निवेश शुभ रहेगा। भाग्य का साथ रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी।

?आपका दिन मंगलमय हो?

?????????

*आचार्य  नीरज  पाराशर (वृन्दावन)*

(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

09897565893,09412618599


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