पढ़िए आज राशिफल और पंचांग, 05 मई 2022

नीरजपाराशर आचारय:
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* जय श्री राधे *
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
**ll जय श्री राधे ll**
??????????

दिनाँक:-05/05/2022, गुरुवार
चतुर्थी, शुक्ल पक्ष
वैशाख
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि —————चतुर्थी 10:00:25 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र——— मृगशिरा 06:15:18
योग———— सुकर्मा 18:04:40
करण——- विष्टि भद्र 10:00:25
करण————– बव 23:16:31
वार———————– गुरूवार
माह———————— वैशाख
चन्द्र राशि—————— मिथुन
सूर्य राशि———————- मेष
रितु————————- वसंत
सायन———————– ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————- नल
संवत्सर (उत्तर)—————- राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शाका संवत—————- 1944

वृन्दावन
सूर्योदय—————-05:38:20
सूर्यास्त—————- 18:53:50
दिन काल————– 13:15:29
रात्री काल—————10:43:46
चंद्रोदय—————- 08:34:58
चंद्रास्त——————23:07:31

लग्न—- मेष 20°20′ , 20°20′

सूर्य नक्षत्र—————— भरणी
चन्द्र नक्षत्र—————- मृगशिरा
नक्षत्र पाया——————- लोहा

??? पद, चरण ???

की—- मृगशिरा 06:15:18

कु—- आर्द्रा 13:01:10

घ—- आर्द्रा 19:47:12

ङ—- आर्द्रा 26:33:14

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=मेष 20:12 भरणी , 3 ले
चन्द्र =मिथुन 06°23 , मृगशिरा, 4 की
बुध =वृषभ 09 ° 07′ कृतिका ‘ 4 ए
शुक्र=कुम्भ 09 °05, उo भा o ‘ 2 थ
मंगल=कुम्भ 20°30 ‘ पूoभाo’ 1 से
गुरु=मीन 03°30 ‘ ऊ o भा o, 1 दू
शनि=कुम्भ 00°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 28°55’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 28°55 विशाखा , 3 ते

??? मुहूर्त प्रकरण ???

राहू काल 13:56 – 15:35 अशुभ
यम घंटा 05:38 – 07:18 अशुभ
गुली काल 08:57 – 10:37 अशुभ
अभिजित 11:50 -12:43 शुभ
दूर मुहूर्त 10:04 – 10:57 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:22 – 16:15 अशुभ

?चोघडिया, दिन
शुभ 05:38 – 07:18 शुभ
रोग 07:18 – 08:57 अशुभ
उद्वेग 08:57 – 10:37 अशुभ
चर 10:37 – 12:16 शुभ
लाभ 12:16 – 13:56 शुभ
अमृत 13:56 – 15:35 शुभ
काल 15:35 – 17:14 अशुभ
शुभ 17:14 – 18:54 शुभ

?चोघडिया, रात
अमृत 18:54 – 20:14 शुभ
चर 20:14 – 21:35 शुभ
रोग 21:35 – 22:55 अशुभ
काल 22:55 – 24:16* अशुभ
लाभ 24:16* – 25:36* शुभ
उद्वेग 25:36* – 26:57* अशुभ
शुभ 26:57* – 28:17* शुभ
अमृत 28:17* – 29:38* शुभ

?होरा, दिन
बृहस्पति 05:38 – 06:45
मंगल 06:45 – 07:51
सूर्य 07:51 – 08:57
शुक्र 08:57 – 10:04
बुध 10:04 – 11:10
चन्द्र 11:10 – 12:16
शनि 12:16 – 13:22
बृहस्पति 13:22 – 14:29
मंगल 14:29 – 15:35
सूर्य 15:35 – 16:41
शुक्र 16:41 – 17:48
बुध 17:48 – 18:54

?होरा, रात
चन्द्र 18:54 – 19:47
शनि 19:47 – 20:41
बृहस्पति 20:41 – 21:35
मंगल 21:35 – 22:28
सूर्य 22:28 – 23:22
शुक्र 23:22 – 24:16
बुध 24:16* – 25:09
चन्द्र 25:09* – 26:03
शनि 26:03* – 26:57
बृहस्पति 26:57* – 27:50
मंगल 27:50* – 28:44
सूर्य 28:44* – 29:38

?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??

मेष > 03:50 से 05:40 तक
वृषभ > 05:40 से 07:30 तक
मिथुन > 07:30 से 09:45 तक
कर्क > 09:45 से 12:02 तक
सिंह > 12:02 से 14:15 तक
कन्या > 14:15 से 06:26 तक
तुला > 06:26 से 06:41 तक
वृश्चिक > 06:41 से 08:55 तक
धनु > 08:55 से 22:56 तक
मकर > 22:56 से 00:28 तक
कुम्भ > 00:48 से 02:16 तक
मीन > 02:16 से 03:50 तक

?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

?दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

4 + 5 + 1 = 10 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

बुध ग्रह मुखहुति

? शिव वास एवं फल -:

4 + 4 + 5 = 13 ÷ 7 = 6 शेष

क्रीड़ायां = शोक, दुःख कारक

?भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

प्रातः 10:00 तक समाप्त

स्वर्ग लोक = शुभ कारक

?? विशेष जानकारी ??

*सुकर्मा योग 17:53

??? शुभ विचार ???

अजीर्णे भेषजं वारि जार्णे वारि बलप्रदम् ।
भोजने चाऽमृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम् ।।
।। चा o नी o।।

जल अपच की दवा है. जल चैतन्य निर्माण करता है, यदि उसे भोजन पच जाने के बाद पीते है. पानी को भोजन के बाद तुरंत पीना विष पिने के समान है.

??? सुभाषितानि ???

गीता -: पुरुषोत्तमयोग अo-15

सर्वस्य चाहं हृदि सन्निविष्टोमत्तः स्मृतिर्ज्ञानमपोहनं च ।,
वेदैश्च सर्वैरहमेव वेद्योवेदान्तकृद्वेदविदेव चाहम्‌ ॥,

मैं ही सब प्राणियों के हृदय में अन्तर्यामी रूप से स्थित हूँ तथा मुझसे ही स्मृति, ज्ञान और अपोहन (विचार द्वारा बुद्धि में रहने वाले संशय, विपर्यय आदि दोषों को हटाने का नाम ‘अपोहन’ है) होता है और सब वेदों द्वारा मैं ही जानने योग्य (सर्व वेदों का तात्पर्य परमेश्वर को जानने का है, इसलिए सब वेदों द्वारा ‘जानने के योग्य’ एक परमेश्वर ही है) हूँ तथा वेदान्त का कर्ता और वेदों को जानने वाला भी मैं ही हूँ॥,15॥,

?? दैनिक राशिफल ??

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। विवाद से क्लेश हो सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। गृहिणियां विशेष सावधानी रखें। रसोई में चोट लग सकती है। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।

?वृष
अविवाहितों के लिए वैवाहिक प्रस्ताव आ सकता है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। घरेलू कार्य समय पर होंगे। सुख-शांति बनी रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी।

?मिथुन
स्वास्थ्य का ध्यान रखें। शत्रुता में वृद्धि हो सकती है। भूमि व भवन के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। बड़ा लाभ के योग हैं। परीक्षा व साक्षात्कार में सफलता प्राप्त होगी। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार लाभदायक रहेगा। जल्दबाजी न करें।

?कर्क
धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। पारिवारिक चिंता बनी रहेगी।

?सिंह
पुराने शत्रु सक्रिय रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी व्यक्ति से बेवजह विवाद हो सकता है। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है, धैर्य रखें। शारीरिक कष्ट के योग हैं। लापरवाही न करें। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय-व्यापार लाभदायक रहेगा।

?‍♀️कन्या
परिवार के छोटे सदस्यों के अध्ययन तथा स्वास्थ्य संबंधी चिंता रहेगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। लापरवाही न करें। थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। निवेश में विवेक का प्रयोग करें। धनार्जन होगा।

⚖️तुला
थकान महसूस होगी। शारीरिक आराम की आवश्यकता रहेगी। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मियों का साथ मिलेगा। जल्दबाजी न करें। धनागम होगा।

?वृश्चिक
शरीर साथ नहीं देगा। स्वास्‍थ्य का ध्यान रखें। उत्साह बढ़ेगा। कार्य की बाधा दूर होकर स्थिति लाभप्रद रहेगी। कोई बड़ी समस्या से छुटकारा मिल सकता है। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। प्रमाद न करें।

?धनु
प्रेम-प्रसंग में जोखिम न लें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। पुराना रोग उभर सकता है। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में अधिकारी की अपेक्षाएं बढ़ेगी। तनाव रहेगा। कुसंगति से हानि होगी। दूसरों के कार्य की जवाबदारी न लें। व्यवसाय ठीक चलेगा।

?मकर
कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि नीचा देखना पड़े। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास मनोनुकूल रहेंगे। अपनी देनदारी समय पर चुका पाएंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।

?कुंभ
आशंका-कुशंका के चलते निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होगी। योजना में परिवर्तन हो सकता है। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। मित्रों की सहायता करने का अवसर प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। कारोबारी अनुबंध होंगे।

?मीन
अनहोनी की आशंका रहेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा। किसी धार्मिक आयोजन में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल होगी। आय में वृद्धि होगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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