मरीजों पर पड़ी महंगाई की मार, दवाओं के दाम 10 से 12 फीसदी तक बढ़े

नेशनल फार्मा प्राइसिंग अथॉरिटी की ओर से एक अप्रैल से दवाओं के दाम बढ़ाने का असर बाजार में दिखने लगा है। प्रदेश में हृदय रोग से संबंधित दवाओं के दाम 10 से 12 फीसदी तक बढ़ गए हैं। मधुमेह ग्रस्त जिन हृदय रोगियों को अब तक एक दिन में करीब 78 रुपये की दवा खानी पड़ती थी, लेकिन उन्हें अब 88 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। यानी हर माह उन्हें 300 रुपया अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा। अन्य बीमारियों की दवाओं के भी दाम बढ़े हैं।
आमतौर पर दवाओं के दाम में एक से दो फीसदी ही बढ़ोतरी होती रही है, लेकिन इस बार 12 फीसदी तक दवाओं के दाम बढ़ाए गए हैं। नए बैच की दवाएं आते ही मरीजों पर अतिरिक्त भार पड़ने लगा है। डायबिटीज, हृदय, आर्थराइटिस सहित कई ऐसी बीमारियां हैं जिनमें नियमित दवा चलती हैं।
इनमें हृदय रोगियों की संख्या ज्यादा है। जानकारों के मुताबिक सरकारी संस्थानों में पूरे प्रदेश से रोजाना करीब तीन हजार हृदयरोगी ओपीडी में आते हैं। दवा कारोबारियों के अनुसार हृदय रोग, मधुमेह, ब्लड प्रेशर के अलावा बुखार, संक्रमण, किडनी, टीबी, न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से जुड़ी करीब 376 दवाओं के दाम बढ़े हैं।

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