पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग,01 मार्च 2022

नीरजपाराशर आचारय:
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* जय श्री राधे *
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
**ll जय श्री राधे ll**
??????????

दिनाँक-: 01/03/2022,मंगलवार
चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष
फाल्गुन
“”””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि——– चतुर्दशी 24:59:51 तक
पक्ष———————– कृष्ण
नक्षत्र——- धनिष्ठा 27:46:53
योग———–परिघ 11:15:38
करण—–विष्टि भद्र 14:05:46
करण———शकुनी 24:59:51
वार———————मंगलवार
माह——————– फाल्गुन
चन्द्र राशि —– मकर 16:30:26
चन्द्र राशि ——————– कुम्भ
सूर्य राशि—————– कुम्भ
रितु———————- शिशिर
सायन——————–वसन्त
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————– प्लव
संवत्सर (उत्तर)————- आनंद
विक्रम संवत————- 2078
विक्रम संवत (कर्तक)——2078
शाका संवत————– 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————- 06:45:05
सूर्यास्त————– 18:18:20
दिन काल———– 11:33:14
रात्री काल———– 12:25:45
चंद्रास्त————- 16:56:45
चंद्रोदय————– 30:37:56

लग्न—-कुम्भ 16°16′ , 316°16′

सूर्य नक्षत्र————- शतभिषा
चन्द्र नक्षत्र————— धनिष्ठा
नक्षत्र पाया—————–ताम्र

??? पद, चरण ???

गा—- धनिष्ठा 10:53:47

गी—- धनिष्ठा 16:30:26

गु—- धनिष्ठा 22:08:05

गे—- धनिष्ठा 27:46:53

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=कुम्भ 16:12 ‘ शतभिषा , 3 सी
चन्द्र =मकर 24°23 ‘ धनिष्ठा , 1 गा
बुध = मकर 22 ° 07 ‘ श्रवण ‘ 4 खो
शुक्र=मकर 01°05, उ oषा o ‘ 2 भो
मंगल=मकर 01°30 ‘ उ o षा o ‘ 2 भो
गुरु=कुम्भ 19°30 ‘ शतभिषा, 4 सू
शनि=मकर 24°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व)वृषभ 02°20’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 02°20 विशाखा , 4 तो

??? मुहूर्त प्रकरण ???

राहू काल 15:25 – 16:52 अशुभ
यम घंटा 09:38 – 11:05 अशुभ
गुली काल 12:32 – 13:58 अशुभ
अभिजित 12:09 -12:55 शुभ
दूर मुहूर्त 09:04 – 09:50 अशुभ
दूर मुहूर्त 23:17 – 24:03* अशुभ

?पंचक 16:30 – अहोरात्र अशुभ

?चोघडिया, दिन
रोग 06:45 – 08:12 अशुभ
उद्वेग 08:12 – 09:38 अशुभ
चर 09:38 – 11:05 शुभ
लाभ 11:05 – 12:32 शुभ
अमृत 12:32 – 13:58 शुभ
काल 13:58 – 15:25 अशुभ
शुभ 15:25 – 16:52 शुभ
रोग 16:52 – 18:18 अशुभ

?चोघडिया, रात
काल 18:18 – 19:52 अशुभ
लाभ 19:52 – 21:25 शुभ
उद्वेग 21:25 – 22:58 अशुभ
शुभ 22:58 – 24:31* शुभ
अमृत 24:31* – 26:04* शुभ
चर 26:04* – 27:38* शुभ
रोग 27:38* – 29:11* अशुभ
काल 29:11* – 30:44* अशुभ

?होरा, दिन
मंगल 06:45 – 07:43
सूर्य 07:43 – 08:41
शुक्र 08:41 – 09:38
बुध 09:38 – 10:36
चन्द्र 10:36 – 11:34
शनि 11:34 – 12:32
बृहस्पति 12:32 – 13:29
मंगल 13:29 – 14:27
सूर्य 14:27 – 15:25
शुक्र 15:25 – 16:23
बुध 16:23 – 17:21
चन्द्र 17:21 – 18:18

?होरा, रात
शनि 18:18 – 19:20
बृहस्पति 19:20 – 20:23
मंगल 20:23 – 21:25
सूर्य 21:25 – 22:27
शुक्र 22:27 – 23:29
बुध 23:29 – 24:31
चन्द्र 24:31 – 25:33
शनि 25:33 – 26:36
बृहस्पति 26:36 – 27:38
मंगल 27:38 – 28:40
सूर्य 28:40 – 29:42
शुक्र 29:42- 30:44

?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??

कुम्भ > 06:04 से 07:32 तक
मीन > 07:32 से 09:01 तक
मेष > 09:01 से 11:46 तक
वृषभ > 11:46 से 13:25 तक
मिथुन > 13:25 से 14:49 तक
कर्क > 14:49 से 17:13 तक
सिंह > 17:13 से 18:14 तक
कन्या > 18:14 से 09:29 तक
तुला > 09:29 से 11:56 तक
वृश्चिक > 11:56 से 02:10 तक
धनु > 03:10 से 04:12 तक
मकर > 04:12 से 06:04 तक

?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

?दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 14 + 3 + 1 = 33 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

? शिव वास एवं फल -:

29 + 29 + 5 = 63 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

?भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

दोपहर 14:05 तक समाप्त

पाताल = धनलाभ कारक

?? विशेष जानकारी ??

* महाशिवरात्रि पर्व

* श्री वासुदेव पूज्यनाथ जयन्ती

* बैद्यनाथ जयन्ती

* पंचक प्रारम्भ 16:30 से

??? शुभ विचार ???

दूरागतं पथि श्रान्तं वृथा च गृहमागतम् ।
अनर्चयित्वा यो भुङ्क्ते स वै चाण्डाल उच्यते ।।
।।चा o नी o।।

वह आदमी चंडाल है जो एक दूर से अचानक आये हुए थके मांदे अतिथि को आदर सत्कार दिए बिना रात्रि का भोजन खुद खाता है.

??? सुभाषितानि ???

गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोग अo-13

बहिरन्तश्च भूतानामचरं चरमेव च ।,
सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञयं दूरस्थं चान्तिके च तत्‌ ॥,

वह चराचर सब भूतों के बाहर-भीतर परिपूर्ण है और चर-अचर भी वही है।, और वह सूक्ष्म होने से अविज्ञेय (जैसे सूर्य की किरणों में स्थित हुआ जल सूक्ष्म होने से साधारण मनुष्यों के जानने में नहीं आता है, वैसे ही सर्वव्यापी परमात्मा भी सूक्ष्म होने से साधारण मनुष्यों के जानने में नहीं आता है) है तथा अति समीप में (वह परमात्मा सर्वत्र परिपूर्ण और सबका आत्मा होने से अत्यन्त समीप है) और दूर में (श्रद्धारहित, अज्ञानी पुरुषों के लिए न जानने के कारण बहुत दूर है) भी स्थित वही है॥,15॥,

?? दैनिक राशिफल ??

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
मानसिक शांति के लिए किए गए प्रयास सफल रहेंगे। कोर्ट-कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। प्रसन्नता रहेगी। किसी धार्मिक यात्रा की योजना बनेगी। पूजा-पाठ में मन लगेगा।

?वृष
वाहन व मशीनरी इत्यादि के प्रयोग में लापरवाही न करें। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। दूसरों के कार्य में हस्तक्षेप न करें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। व्यापार ठीक चलेगा।

?मिथुन
कार्यक्षेत्र के लिए नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। बिगड़े काम बन सकते हैं। समाजसेवा करने का मन बनेगा। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यस्तता रहेगी। आराम का समय नहीं मिलेगा। थकान रहेगी।

?कर्क
व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे।

?सिंह
समाजसेवा करने की प्रेरणा प्राप्त होगी। मान-सम्मान मिलेगा। खोई हुई वस्तु मिलने के योग हैं। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें।

?‍♀️कन्या
शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। कारोबार अच्‍छा चलेगा। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। किसी आनंदोत्सव में भाग ले सकते हैं। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी।

⚖️तुला
किसी तरह से बड़ा लाभ होने की संभावना है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। किसी तरह के विवाद में विजय प्राप्त होगी। स्वास्थ्य अच्‍छा रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में नया कार्य मिल सकता है।

?वृश्चिक
कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। थकान व कमजोरी रह सकती है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। दूसरों से अधिक अपेक्षा न करें। बेवजह चिड़चिड़ापन रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। कार्य में मन नहीं लगेगा।

?धनु
भावना में बहकर महत्वपूर्ण निर्णय न लें। नौकरी में कार्यभार रहेगा। लाभ होगा। स्वास्थ्य के संबंध में लापरवाही न करें। स्वास्थ्‍य पर व्यय होगा। दु:खद समाचार मिल सकता है। क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। कुसंगति से हानि होगी।

?मकर
मनपसंद व्यंजनों का आनंद प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग अपने कार्य उत्साह व लगन से कर पाएगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। धन प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। प्रमाद न करें।

?कुंभ
घर, दुकान, फैक्टरी व शोरूम इत्यादि के खरीद-फरोख्त की योजना बनेगी। कारोबार में बड़ा लाभ हो सकता है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रुके काम बनेंगे। घर-बाहर उत्साह व प्रसन्नता से काम कर पाएंगे।

?मीन
प्रसन्नता का वातावरण निर्मित होगा। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति अनुकूल बनेगी। व्यापार-व्यवसाय अच्‍छा चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में मातहत साथ देंगे।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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