पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग-19/11/2021

नीरजपाराशर आचारय:
??????????
**|| जय श्री राधे ||****
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
**ll जय श्री राधे ll****
??????????

दिनाँक-: 19/11/2021,शुक्रवार
पूर्णिमा, शुक्ल पक्ष
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि———- पूर्णिमा 14:26:23 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———-कृत्तिका 28:27:58
योग————- परिघ 27:49:56
करण————– बव 14:26:24
करण————-बालव27:44:17
वार————————शुक्रवार
माह————————कार्तिक
चन्द्र राशि———- मेष 08:12:14
चन्द्र राशि——————- वृषभ
सूर्य राशि—————— वृश्चिक
रितु————————–हेमन्त
आयन——————दक्षिणायण
संवत्सर———————- प्लव
संवत्सर (उत्तर) ——–आनंद
विक्रम संवत————— 2078
विक्रम संवत (कर्तक)—- 2078
शाका संवत—————- 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:44:22
सूर्यास्त—————–17:24:37
दिन काल————- 10:40:14
रात्री काल————- 13:20:31
चंद्रोदय—————- 17:27:36
चंद्रास्त—————–31:03:34

लग्न—-वृश्चिक 2°46′ , 212°46′

सूर्य नक्षत्र—————– विशाखा
चन्द्र नक्षत्र—————— कृत्तिका
नक्षत्र पाया——————–लोहा

??? पद, चरण ???

अ—- कृत्तिका 08:12:14

ई—- कृत्तिका 14:56:51

उ—- कृत्तिका 21:42:08

ए—- कृत्तिका 28:27:58

??? ग्रह गोचर ???

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= तुला 02:42 ‘ विशाखा , 4 तो
चन्द्र =मेष 29°23 ‘ कृतिका , 1 अ
बुध = तुला 26°57 ‘ विशाखा ‘ 3 ते
शुक्र= धनु 17 °55, पू oषा o ‘ 2 धा
मंगल=तुला 19°30 ‘ स्वाति ‘ 4 ता
गुरु=मकर 29°30 ‘ धनिष्ठा , 2 गी
शनि=मकर 13°43 ‘ श्रवण ‘ 2 खू
राहू=(व)वृषभ 07°40’ कृतिका , 4 ए
केतु=(व)वृश्चिक 07°40अनुराधा , 2 नी

राहू काल 10:44 – 12:04 अशुभ
यम घंटा 14:45 – 16:05 अशुभ
गुली काल 08:04 – 09:24 अशुभ
अभिजित 11:43 -12:26 शुभ
दूर मुहूर्त 08:52 – 09:35 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:26 – 13:09 अशुभ

?चोघडिया, दिन
चर 06:44 – 08:04 शुभ
लाभ 08:04 – 09:24 शुभ
अमृत 09:24 – 10:44 शुभ
काल 10:44 – 12:04 अशुभ
शुभ 12:04 – 13:25 शुभ
रोग 13:25 – 14:45 अशुभ
उद्वेग 14:45 – 16:05 अशुभ
चर 16:05 – 17:25 शुभ

चोघडिया, रात
रोग 17:25 – 19:05 अशुभ
काल 19:05 – 20:45 अशुभ
लाभ 20:45 – 22:25 शुभ
उद्वेग 22:25 – 24:05* अशुभ
शुभ 24:05* – 25:45* शुभ
अमृत 25:45* – 27:25* शुभ
चर 27:25* – 29:05* शुभ
रोग 29:05* – 30:45* अशुभ

?होरा, दिन
शुक्र 06:44 – 07:38
बुध 07:38 – 08:31
चन्द्र 08:31 – 09:24
शनि 09:24 – 10:18
बृहस्पति 10:18 – 11:11
मंगल 11:11 – 12:04
सूर्य 12:04 – 12:58
शुक्र 12:58 – 13:51
बुध 13:51 – 14:45
चन्द्र 14:45 – 15:38
शनि 15:38 – 16:31
बृहस्पति 16:31 – 17:25

?होरा, रात
मंगल 17:25 – 18:31
सूर्य 18:31 – 19:38
शुक्र 19:38 – 20:45
बुध 20:45 – 21:51
चन्द्र 21:51 – 22:58
शनि 22:58 – 24:05
बृहस्पति 24:05* – 25:12
मंगल 25:12* – 26:18
सूर्य 26:18* – 27:25
शुक्र 27:25* – 28:32
बुध 28:32* – 29:38
चन्द्र 29:38* – 30:45

?? उदयलग्न प्रवेशकाल ??

वृश्चिक > 06:33 से 08:51 तक
धनु > 08:51 से 10:56 तक
मकर > 10:56 से 12:39 तक
कुम्भ > 12:39 से 14:07 तक
मीन > 14:07 से 15:33 तक
मेष > 15:33 से 17:10 तक
वृषभ > 17:10 से 19:06 तक
मिथुन > 19:06 से 21:20 तक
कर्क > 21:20 से 23:39 तक
सिंह > 23:39 से 01:56 तक
कन्या > 01:56 से 04:11 तक
तुला > 04:11 से 06:29 तक

?विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

?दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 15 + 1 = ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

?? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ??

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

चन्द्र ग्रह मुखहुति

? शिव वास एवं फल -:

15 + 15 + 5 = 35 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

?भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

?? विशेष जानकारी ??

* कार्तिक पूर्णिमा

* श्री निम्बार्काचार्य जयन्ती

* भीष्म पंचक समाप्त

??? शुभ विचार ???

यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी ।
विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि ।।
।।चा o नी o।।

उस व्यक्ति ने धरती पर ही स्वर्ग को पा लिया :
१. जिसका पुत्र आज्ञांकारी है,
२. जिसकी पत्नी उसकी इच्छा के अनुरूप व्यव्हार करती है,
३. जिसे अपने धन पर संतोष है।

??? सुभाषितानि ???

गीता -: विभूतियोग अo-10

महर्षीणां भृगुरहं गिरामस्म्येकमक्षरम्‌ ।,
यज्ञानां जपयज्ञोऽस्मि स्थावराणां हिमालयः ॥,

मैं महर्षियों में भृगु और शब्दों में एक अक्षर अर्थात्‌‌ ओंकार हूँ।, सब प्रकार के यज्ञों में जपयज्ञ और स्थिर रहने वालों में हिमालय पहाड़ हूँ॥,25॥,

?? दैनिक राशिफल ??

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
शुभ समाचार मिलेंगे। मान बढ़ेगा। धनार्जन होगा। रोजगार के बेहतर अवसर मिलने से आय बढ़ेगी। दांपत्य जीवन सुखद रहेगा। प्रसन्नतावर्धक समाचार मिलेंगे। व्यापार में इच्छित लाभ होगा। लेन-देन में सावधानी रखें। मेहमानों का आगमन होगा।

?वृष
कोई मुसीबत आ सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। फालतू खर्च होगा। जोखिम न उठाएं। व्यावसायिक योजना के विस्तार में मित्रों से मदद मिलेगी। पुरानी झंझटों से राहत रह पाएगी। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखना होगा। व्यस्तता रहेगी।

?मिथुन
विवाद से क्लेश होगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक करेगा। व्यापार में नए प्रस्ताव लाभकारी रहेंगे। सही समय पर लिए गए फैसले लाभ दिला सकते हैं। आवास संबंधी समस्या हल होने के योग हैं।

?कर्क
शत्रु सक्रिय रहेंगे। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। क्रोध पर नियंत्रण रखें। विवाद न करें। उतावली में कोई काम न करें। पुरानी संपत्ति के रख-रखाव पर धन खर्च हो सकता है। सामाजिक, धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। विद्यार्थियों को पढ़ाई की चिंता रहेगी।

?सिंह
संपत्ति के कार्य लाभप्रद रहेंगे। भावनात्मक संबंधों में जल्दबाजी में निर्णय न लें। अधिकारी आपकी कार्यशैली से नाराज हो सकते हैं। परिश्रम के अनुरूप सफलता नहीं मिलेगी। संतान की इच्छा पूरी होगी। शत्रु सक्रिय रहेंगे। घर-बाहर तनाव रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें।

?कन्या
प्रयास सफल रहेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। व्यस्तता रहेगी। प्रसन्नता बढ़ेगी। कारोबार में वांछित तेजी आने की संभावना रहेगी। विवेक से निर्णय करने पर लाभ एवं सफलता प्राप्त हो सकेगी। नए कार्य का आरंभ लाभदायी रहेगा।

?‍♀️तुला
सुख के साधन जुटेंगे। कानूनी बाधा दूर होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। लाभ में वृद्धि होगी। कुसंगति से बचें। परिवार में मांगलिक कार्यक्रमों की चर्चा संभव है। संतान की रोजी-रोटी की चिंता समाप्त होने के योग हैं। व्यापार अच्छा चलेगा।

?वृश्चिक
धनार्जन होगा। पूँजी निवेश संबंधी कार्यों में सावधानी रखें। आत्मविश्वास बना रहेगा। कारोबार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। पारिवारिक समस्याओं को प्राथमिकता से हल करें। यात्रा मनोरंजक रहेगी। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी सफल रहेंगे।

?धनु
दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है। धैर्य रखें। काम का बोझ कम करने के लिए जिम्मेदारियों को बाँटना आवश्यक है। आर्थिक कामों में परेशानी आने की संभावना है। दूसरों के काम में व्यर्थ मीन-मेख न निकालें।

?मकर
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा लाभदायक रहेगी। धनार्जन होगा। घर की चिंता रहेगी। विरोधी भी आपसे प्रभावित होंगे। कला के क्षेत्र में इच्छित सफलता मिलने के योग हैं। सरकारी राज्यपक्ष के कामों में पर्याप्त सावधानी रखें। मित्रों से मदद मिलेगी।

?कुंभ
कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। मेहनत व लगन से कार्यक्षेत्र में बेहतर सफलता हासिल कर सकेंगे। अपने व्यसनों पर काबू रखना चाहिए। विवाह संबंधी प्रस्ताव आएँगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

?मीन
नए अनुबंध हो सकते हैं। प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। साझेदारी में शुरू किया गया कार्य लाभ के अवसरों को बढ़ा सकता है। स्थायी संपत्ति खरीदने का मन बनेगा। दांपत्य जीवन में विश्वास बढ़ेगा। कामकाज की गति बनी रहेगी। शत्रु परास्त होंगे। क्रोध पर नियंत्रण रखें।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More