बंदरों  के आतंक से परेशान अलीगढ़ के नगला मानसिंह इलाके की जनता, खा जाते है बच्चों के कान

अलीगढ़ के नगला मानसिंह इलाके में खूनी बंदरों की एक टोली ने पिछले तीन महीने से आतंक मचा रखा है। यह दोनों बंदर छोटे बच्चों को अकेला देखकर उन पर हमला कर देता है और उनका मांस नोचकर खा जाते हैं। अगर कोई बड़ा समय पर आ गया तो यह बच्चे को लहूलुहान करके भाग जाते हैं। पिछले तीन महीने में यह इलाके के 70 से ज्यादा बच्चों पर हमला करके उन्हें घायल कर चुके हैं। स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है कि इलाके का कोई घर ऐसा नहीं बचा है, जहां बंदर के हमले से घायल बच्चा न हो।

बच्चों के कान खा जाते हैं बंदर

नगर निगम क्षेत्र में आने वाले नगला मानसिंह इलाके का यह हाल हो चुका है कि यहां के ज्यादातर छोटे बच्चे एक कान वाले हो चुके हैं। क्योंकि यह दोनों बच्चों पर हमला करने के बाद सीधे उनके कान पर ही हमला करते हैं। आदमखोर बन चुके यह बंदर अपने नुकीले दांतों से छोटे बच्चों के कोमल कान को काटकर खा जाते हैं। जिसके हर बच्चे का एक कान क्षतिग्रस्त हो चुका है।

दर्जनों बच्चों के बचा सिर्फ एक कान

दोनों बंदर सिर्फ 11-12 साल की उम्र तक के बच्चों पर ही हमला करते हैं। इसमें बड़े बच्चों के हाथ या पैर को वह निशाना बनाते हैं। लेकिन छोटे बच्चे जिनको वह आसानी से दबोच लेते हैं, उनके यह सीधे कान पर ही हमला करते हैं। प्रत्यक्ष दर्शियों की माने तो बंदर बच्चों को पकड़ने के बाद उनके कंधे पर बैठ जाते हैं और कान खा जाते हैं। जिसके बाद बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे भी हैं, जिनका सिर्फ एक कान ही बचा है।

छोटे बच्चों के पास पहरा देते हैं परिजन

इलाके के लोगों ने बताया कि दोनों बंदर कभी भी और कहीं भी बच्चों पर हमला कर देते हैं। दोनों इतने निडर हो चुके हैं कि घर के आंगन, छत के साथ कमरे के अंदर भी घुस जाते हैं और अकेला देखकर बच्चों पर हमला कर देते हैं। इसलिए छोटे और नवजात बच्चों को लोग अब अकेला नहीं छोड़ रहे हैं और हर समय घर का कोई न कोई सदस्य लाठी डंडा लेकर उनके पास पहरा देता रहता है।

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