अफगानिस्तान आपदा – भारत से आयात निर्यात पर लगायी रोक, अमेरिकी सैनिक रहेंगे तैनात
काबुल। अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ कई गुट एकजुट हो रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल गनी एक बार फिर देश वापस आने की तैयारी कर रहे हैं। अफगानिस्तान से जुड़ी हर जानकारी…
-काबुल से भारतीयों को निकालने के लिए आज भी जा सकता है वायुसेना का C-17 विमान।
-मंगलवार को 150 लोगों को भारत लाया गया था।
-अफगानिस्तान के हालात पर भारत की नजर।
– कब्जा करने के बाद तालिबान भले ही दावा कर रहा हो कि वह क्रूरता नहीं दिखाएगा, लेकिन अब उसकी हकीकत सामने आती जा रही है।
-अफगानिस्तान छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे लोगों पर तालिबान के दहशतगर्द कोड़े बरसा रहे हैं।
-काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार रात फिर से फायरिंग हुई है। हालांकि, बताया जा रहा है कि ये फायरिंग भीड़ को कंट्रोल करने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने चेतावनी के तौर पर की है।
-अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि वह अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों को तब तक रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जब तक कि वहां से हर अमेरिकी को निकाला नहीं जाता है।
-अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने भारत से सभी तरह के आयात-निर्यात पर लगाई रोक।
-फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (FIEO) के डायरेक्टर जनरल डॉ. अजय सहाय के मुताबिक तालिबान ने फिलहाल पाकिस्तान के ट्रांजिट रूट्स से होने वाली सभी कार्गो मूवमेंट पर रोक लगा दी है।
– ड्राई फ्रूट्स, शाहजीरा और प्याज जैसी चीजों का आयात होता है।
-भारत, अफगानिस्तान को चीनी, फार्मास्यूटिकल्स, चाय, कॉफी और मसाले समेत कई चिजों का निर्यात करता है।
-तालिबान के कब्जे के बाद देश से पलायन करने के पश्चात संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शरण लेने वाले पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने बुधवार को कहा कि वह देश लौटने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
-गनी ने फेसबुक पर अपने वीडियो पोस्ट में वह शांति से तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करना चाहते थे, लेकिन मुझे मेरी मर्जी के विपरीत अफगानिस्तान से निकाल दिया गया।
-उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया था कि तालिबान काबुल में हैं। हमारे बीच एक समझौता था कि तालिबान काबुल में प्रवेश नहीं करेगा, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने ऐसा किया। मैं फांसी नहीं चाहता, क्योंकि एक राष्ट्रपति के रूप में मैं अफगानिस्तान का सम्मान हूं। मैं मौत से नहीं डरता।
-उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा बलों ने मुझे बताया कि मेरे खिलाफ साजिश की गयी थी। गत रविवार को मैं हमेशा की तरह अपने कार्यालय में था। इसी दिन दोपहर में मैं काबुल में स्थिति का आकलन करने के लिए रक्षा मंत्रालय गया। अचानक मेरे सुरक्षाकर्मी एक बड़ी साजिश को विफल करने के लिए पहुंचे और मुझे वहां से बाहर निकाला।’
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