यूपी: शराब कारोबारियों की सी.एम् से मांग, करेंगे दुकानों को बंद की घोषणा

शराब कारोबारियों ने सोमवार को एसोसिशन की मीटिंग में फैसला किया है कि अगर सरकार लॉकडाउन पीरियड की लाइसेंस फीस वापस नहीं करती है तो वह विरोध करेंगे.

लखनऊ. यूपी के शराब कारोबारी अपनी दुकानें बंद करने की घोषणा कर सकते हैं. शराब कारोबारियों की मांग है कि कोरोना लॉकडाउन में दुकानें बंद रहीं उस दौरान की लाइसेंस फीस सरकार वापस करे. सोमवार को शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में इस मामले पर योगी सरकार से सीधे बात करने पर फैसला लिया गया.

लखनऊ के हजरतगंज स्थित एक होटल में एसोसिएशन की मीटिंग में अध्यक्ष सरदार एसपी सिंह और महामंत्री कन्हैया लाल ने बोला कि लॉकडाउन में 45 दिन दुकानें बंद रहीं और किसी भी तरह से बिजनेस नहीं हुआ. वहीं लाइसेंस के लिए फीस पूरे साल की जमा करनी होती है. लॉकडाउन में बंद के दौरान बिजनेस ठप रहा और अब सरकार जमा हुई फीस वापस नहीं कर रही है.

एसोसिशन की मीटिंग में फैसला हुआ कि अगर सरकार बंदी के दौरान की फीस वापस नहीं करती है तो यूपी में शराब कारोबारी अगले महीने से विरोध करेंगे. अध्यक्ष ने बताया कि जल्द ही इस बारे में एसोसिशन के पदाधिकारी सीएम योगी से मुलाकात करने की मांग कर उन्हें ज्ञापन सौंपेगे. इसी के साथ नौ अप्रैल को शराब कारोबारी काला फीता बांधकर प्रदेश में पैदल मार्च निकालेंगे.

शराब कारोबारी एसोसिशन के अध्यक्ष के अनुसार यूपी में 30 हजार से ज्यादा शराब की दुकानें हैं. सरकार को इनसे बहुत बड़ा रेवन्यू मिलता है. वहीं लखनऊ में ही 1 हजार से ज्यादा शराब की दुकानें हैं. शराब की दुकान लाइसेंस के लिए हर कारोबारी को 15 से 20 लाख रुपए फीस के तौर पर जमा करने होते हैं. यह रकम इतनी बड़ी होती है कि हर कारोबारी के लिए निकालना मुश्किल होता है. सरकार लॉकडाउन के दौरान की फीस वापस करती है तो व्यापारियों के लिए राहत होगी.

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