गुरुग्राम और मानेसर के गारमेंट उद्यमी ग्रेटर नोएडा की ओर कर रहे पलायन

गुरुग्राम और मानेसर के गारमेंट उद्यमी अपने उद्योगों को ग्रेटर नोएडा के यमुनाएक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर 29 में शिफ्ट करने का मन बना चुके हैं। वहां पर 1000 वर्गमीटर और उससे अधिक क्षेत्रफल के प्लाट हैं। उन्हें लेने के लिए कुछ ने पिछले साल सितंबर -अक्तूबर में आवेदन किया था।

उन्होंने अब किस्त अदा करके अलाटमेंट करा लिया है। कुछ उद्यमियों ने पिछले सप्ताह उस क्षेत्र को देखकर अब आवेदन कर रहे हैं। सोमवार को भी कई उद्यमियों ने आवेदन के साथ-साथ ग्रेटर नोएडा के यीडा कार्यालय में जानकारी भी जुटाई है।

हरियाणा के युवाओं को उद्योगों में 75 प्रतिशत नौकरी प्रदान करने के कानून की जानकारी  पहले  से ही थी। इसीलिए उन्होंने ग्रेटर नोएडा के यीडा में भविष्य तलाशना शुरू कर दिया था। अब कानून को राज्यपाल की हरी झंडी मिलने पर प्लाटों को  अलॉट कराना शुरू कर दिया है।

मानेसर की स्प्रिंग ओवरसीज इंडस्ट्री सहित कई ने 1000-1000 वर्गमीटर के प्लाट ले लिए हैं। पिछले सप्ताह और सोमवार को वहां जाकर कई उद्यमी भी मन बना चुके हैं। उन्होंने यीडा कार्यालय में विस्तार से जानकारी की। साथ ही प्लाट के लिए आवेदन भी कर दिए हैं।
येडा के यह हैं रेट
उद्यमियों के लिए येडा ने 6405 रुपये वर्गमीटर का रेट तय किया है। जिसकी 10 फीसदी धनराशि रजिस्ट्रेशन के समय ली जा रही है।  20 फीसदी धनराशि अलॉटमेंट के 60 दिन के अंदर जमा कराई जा रही है। शेष राशि छह- छह महीने के अंतराल में दस आसान किस्तों में जमा कराने के आदेश हैं।

हरियाणा सरकार ने गारमेंट उद्योग में भी 75 फीसदी हरियाणा के युवाओं को नौकरी देने का कानून पास किया है। इस उद्योग में 80 फीसदी कर्मचारी दर्जी होते हैं। इस समय हरियाणा के युवा कपड़ों की सिलाई में दक्ष नहीं हैं। नया कानून बनने पर दूसरे राज्यों से रख नहीं सकते, ऐसे में अपने उद्योग को सुरक्षित रखने के लिए यूपी जैसे राज्य में पलायन करना ही एक मात्र विकल्प है। सतीश चंद्र, स्पिंग ओवरसीज

हरियाणा के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण प्रदान करने के कानून के कारण गारमेंट की कई इंडस्ट्री ने ग्रेटर नोएडा के यीडा सेक्टर 29 की ओर रुख कर लिया है। कई ने आवेदन भी कर दिए हैं। यह स्थान उनके उद्योग के लिए काफी अच्छा है, क्योंकि उस स्थान के आसपास जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, यमुना एक्सप्रेसवे, केएमपी तथा लुधियाना से कोलकता तक फ्रेट कोरिडोर भी है। मनोज त्यागी, महा सचिव, आईएमटी मानेसर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

उद्यमियों से पहले बात कर ली होती तो शायद इस कानून को बनाने की आवश्यकता नहीं होती। अब अपर मुख्य सचिव श्रम सुझाव मांग रहे हैं, जबकि कानून पहले ही बन चुका है। अब सुझाव का कोई फायदा नहीं होने वाला। निजी क्षेत्र में आरक्षण अनैतिक है, काबलियत और गुणवत्ता के आधार पर रोजगार प्रदान करना चाहिए। सरकार युवाओं को रोजगार देना चाहती है तो निवेश बढ़ाए न कि आरक्षण। आरक्षण देना ही है तो इसकी शुरुआत 25 फीसदी से हो।  साथ में स्किल्ड डेवलपमेंट पर जोर देना चाहिए

P.K. SINGH RJ

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