जज प्रतिभा हत्याकांड से पर्दाफाश, सामने आई बड़ी कार के मांग वाली काल-रिकॉर्डिंग

पापा मैं समझ नहीं पाई, मेरे पति, सास-ससुर लालची प्रवृत्ति के हैं, वे अक्सर मुझ पर बड़ी कार दिलाने के लिए दबाव बनाते हैं और प्रताड़ित करते हैं। मनु से शादी के बाद महिला जज प्रतिभा द्वारा अपने पिता को फोन पर कही गई इन बातों को पिता राजाराम ने कोर्ट में दिए बयान में दोहराया था।

प्रतिभा की मां प्रेमा देवी और ड्राइवर दिनेश ने भी दहेज उत्पीड़न की बात कहते हुए कोर्ट में बयान दिए थे। इन्हीं बयानों को आधार मानकर कोर्ट ने मनु पर दहेज हत्या का आरोप तय करने का फैसला किया है। प्रतिभा के पिता राजाराम दोहरे ने बयान में कहा था कि शादी के बाद मनु के माता-पिता उरई आए थे और शादी की औपचारिकताएं पूरी न करने पर रिश्तेदारी न चल पाने और प्रतिभा के खुश न रहने की धमकी दी थी।

बड़ी कार देने का दबाव बनाते थे और प्रतिभा ने फोन पर बताया था कि एक बार गर्भपात करा चुके हैं, दोबारा गर्भ गिराने का दबाव बना रहे हैं। अभियोजन की अर्जी पर बचाव पक्ष ने तर्क रखा कि पहली बार 14 फरवरी 2017 को कोर्ट ने दहेज हत्या के बजाय हत्या का आरोप तय कर अभियोजन की अर्जी खारिज की थी।

इसके बाद 10 अक्तूबर 2019 को भी अभियोजन ने मौखिक तौर पर प्रार्थना की लेकिन इसे भी कोर्ट खारिज कर चुकी है। मुकदमे में गवाही और जिरह पूरी हो चुकी है। मामला अंतिम बहस पर चल रहा है। कोई नया साक्ष्य भी नहीं आया है। ऐसे में दोबारा आरोप तय करने की अर्जी खारिज की जानी चाहिए।

फैसले के लिए अभी और करना होगा इंतजार
कानपुर देहात में न्यायिक मजिस्ट्रेट पद पर तैनात प्रतिभा ने दिल्ली के मनु के साथ जनवरी 2016 में विवाह किया था। 9 अक्तूबर 2016 को सर्किट हाउस में प्रतिभा की लाश मिली थी। छावनी थाने में पति मनु उर्फ अभिषेक राजन, सास नीरू व ससुर एससी राजन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। कोर्ट में मनु के खिलाफ दहेज हत्या में चार्जशीट दाखिल की गई। हत्या में आरोप तय हुए।

अभियोजन ने 15 गवाह, जबकि बचाव पक्ष ने दो गवाह कोर्ट में पेश किए। प्रतिभा के ड्राइवर और घरेलू नौकर समेत अभियोजन के तीन गवाह बयानों से मुकर भी गए थे। मनु ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट तक से गुहार लगाई थी लेकिन जमानत न मिलने से वह लगभग चार साल से जेल में है। अब दोबारा आरोप तय होने के बाद एक बार फिर लंबी न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है। कोर्ट दोबारा गवाहों को तलब कर सकती है। उनके बयान और जिरह के बाद फिर बहस और फैसला आ सकेगा।

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