पढ़िए आज का राशिफल और पंचांग 17/02/2021

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*********|| जय श्री राधे ||*********
?? *महर्षि पाराशर पंचांग* ??
??? *अथ पंचांगम्* ???
*********ll जय श्री राधे ll*********
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*दिनाँक -: 17/02/2021,बुधवार*
षष्ठी, शुक्ल पक्ष
माघ
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

तिथि ————–षष्ठी अहोरात्र तक
पक्ष —————————शुक्ल
नक्षत्र ——–अश्विनी 23:47:39
योग ————-शुक्ल 26:36:18
करण ———कौलव 18:59:19
वार ————————–बुधवार
माह —————————- माघ
चन्द्र राशि ——————— मेष
सूर्य राशि ——————- कुम्भ
रितु ————————–शिशिर
आयन ——————–उत्तरायण
संवत्सर ———————–शार्वरी
संवत्सर (उत्तर)————- प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942

वृन्दावन
सूर्योदय —————-06:55:58
सूर्यास्त —————–18:10:44
दिन काल ————- 11:14:45
रात्री काल ————-12:44:23
चंद्रोदय —————–10:11:48
चंद्रास्त —————–23:14:15

लग्न —- कुम्भ 4°27′ , 304°27′

सूर्य नक्षत्र —————–धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र —————–अश्विनी
नक्षत्र पाया ——————–स्वर्ण

*??? पद, चरण ???*

चे —-अश्विनी 10:19:04

चो —-अश्विनी 17:02:51

ला —-अश्विनी 23:47:39

ली —-भरणी 30:33:17

*??? ग्रह गोचर ???*

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य= कुम्भ 04°52 ‘ धनिष्ठा, 4 गे
चन्द्र = मेष 04°23 ‘ अश्विनी , 2 चे
बुध = मकर 17°37’ श्रवण ‘ 3 खे
शुक्र= मकर 25 ° 55, धनिष्ठा ‘ 1 गा
मंगल=मेष 27°30 ‘ कृतिका ‘ 1 अ
गुरु=मकर 19°22 ‘ श्रवण , 3 खे
शनि=मकर 12°43 ‘ श्रवण ‘ 1 खी
राहू=(व)वृषभ 22°20 ‘मृगशिरा , 4 वु
केतु=(व)वृश्चिक 22°20 ज्येष्ठा , 2 या

*???शुभा$शुभ मुहूर्त???*

राहू काल 12:33 – 13:58 अशुभ
यम घंटा 08:20 – 09:45 अशुभ
गुली काल 11:09 – 12:33 अशुभ
अभिजित 12:11 -12:56 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:11 – 12:56 अशुभ

?गंड मूल 06:56 – 23:48 अशुभ

?चोघडिया, दिन
लाभ 06:56 – 08:20 शुभ
अमृत 08:20 – 09:45 शुभ
काल 09:45 – 11:09 अशुभ
शुभ 11:09 – 12:33 शुभ
रोग 12:33 – 13:58 अशुभ
उद्वेग 13:58 – 15:22 अशुभ
चर 15:22 – 16:46 शुभ
लाभ 16:46 – 18:11 शुभ

?चोघडिया, रात
उद्वेग 18:11 – 19:46 अशुभ
शुभ 19:46 – 21:22 शुभ
अमृत 21:22 – 22:57 शुभ
चर 22:57 – 24:33* शुभ
रोग 24:33* – 26:08* अशुभ
काल 26:08* – 27:44* अशुभ
लाभ 27:44* – 29:20* शुभ
उद्वेग 29:20* – 30:55* अशुभ

?होरा, दिन
बुध 06:56 – 07:52
चन्द्र 07:52 – 08:48
शनि 08:48 – 09:45
बृहस्पति 09:45 – 10:41
मंगल 10:41 – 11:37
सूर्य 11:37 – 12:33
शुक्र 12:33 – 13:30
बुध 13:30 – 14:26
चन्द्र 14:26 – 15:22
शनि 15:22 – 16:18
बृहस्पति 16:18 – 17:15
मंगल 17:15 – 18:11

?होरा, रात
सूर्य 18:11 – 19:14
शुक्र 19:14 – 20:18
बुध 20:18 – 21:22
चन्द्र 21:22 – 22:26
शनि 22:26 – 23:29
बृहस्पति 23:29 – 24:33
मंगल 24:33* – 25:37
सूर्य 25:37* – 26:40
शुक्र 26:40* – 27:44
बुध 27:44* – 28:48
चन्द्र 28:48* – 29:51
शनि 29:51* – 30:55

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*?दिशा शूल ज्ञान———————उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

*? अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

6 + 4 + 1 = 11 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

*? शिव वास एवं फल -:*

6 + 6 + 5 = 17 ÷ 7 = 3 शेष

वृषभारूढ़ = शुभ कारक

*?भद्रा वास एवं फल -:*

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

*?? विशेष जानकारी ??*

* दारिद्रहरण षष्ठी

* विश्वेश्वरानंद जयन्ती

*??? शुभ विचार ???*

अग्निर्देवो द्विजातीनां मुनीनां हृदि दैवतम् ।
प्रतिमा त्वल्पबुध्दीनां सर्वत्र समदर्शिनाम् ।।
।।चा o नी o।।

द्विज अग्नि में भगवान् देखते है.
भक्तो के ह्रदय में परमात्मा का वास होता है.
जो अल्प मति के लोग है वो मूर्ति में भगवान् देखते है.
लेकिन जो व्यापक दृष्टी रखने वाले लोग है, वो यह जानते है की भगवान सर्व व्यापी है.

*??? सुभाषितानि ???*

गीता -: कर्मसंन्यासयोग अo-04

एवं बहुविधा यज्ञा वितता ब्रह्मणो मुखे ।,
कर्मजान्विद्धि तान्सर्वानेवं ज्ञात्वा विमोक्ष्यसे ॥,

इसी प्रकार और भी बहुत तरह के यज्ञ वेद की वाणी में विस्तार से कहे गए हैं।, उन सबको तू मन, इन्द्रिय और शरीर की क्रिया द्वारा सम्पन्न होने वाले जान, इस प्रकार तत्व से जानकर उनके अनुष्ठान द्वारा तू कर्म बंधन से सर्वथा मुक्त हो जाएगा॥,32॥,

*?? दैनिक राशिफल ??*

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

?मेष
राजमान व यश में वृद्धि होगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति से परिचय होगा। सामाजिक कार्य करने की इच्छा रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। काफी समय से लंबित कार्यों में गति आएगी। लाभ के अवसर बढ़ेंगे। कारोबारी नए अनुबंध हो सकते हैं। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।

?वृष
विवेक से कार्य करें। सुख के साधन जुटेंगे। पूजा-पाठ में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। आय के नए साधन प्राप्त हो सकते हैं। नौकरी में सहकर्मी विशेषकर महिला वर्ग से लाभ होगा। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। किसी बात का विरोध हो सकता है। कष्ट व भय बने रहेंगे।

?मिथुन
शत्रु कोई बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। वाहन व मशीनरी के कार्यों में सावधानी रखें। पुराना रोग उभर सकता है। किसी व्यक्ति विशेष से कहासुनी हो सकती है। वाणी पर नियंत्रण रखें। समय पर किसी कार्य का भुगतान नहीं कर पाएंगे। व्यापार-व्यवसाय साधारण रहेगा।

?कर्क
कोर्ट व कचहरी के काम मनोनुकूल रहेंगे। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। नौकरी में मातहतों का साथ रहेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। अज्ञात भय रहेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी। दुष्टजनों से सावधान रहें। शारीरिक कष्ट से बाधा तथा हानि संभव है। बेचैनी रहेगी।

?सिंह
विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। शत्रु पस्त होंगे। उनकी एक नहीं चलेगी। किसी मांगलिक-आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। हल्की हंसी-मजाक से बचें। कार्यक्षेत्र में उत्साह व प्रसन्नता बनी रहेगी।

?‍♀️कन्या
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सुख के साधन जुटेंगे। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देंगे। निवेशादि शुभ रहेंगे। उत्साह में वृद्धि होगी।

⚖️तुला
भूमि व भवन संबंधी कार्य मनोनुकूल लाभ देंगे। आय के नए स्रोत प्राप्त हो सकते हैं। रोजगार में वृद्धि होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। यात्रा संभव है। शत्रु सक्रिय रहेंगे। सावधानी आवश्यक है। घर-परिवार की चिंता रहेगी। चोट व रोग से बचें। कष्ट संभव है। लेन-देन में जल्दबाजी न करे।

?वृश्चिक
परिवार के छोटे सदस्यों की अध्ययन तथा स्वास्‍थ्य संबंधी चिंता रहेगी। विवाद से क्लेश संभव है। दूर से दु:खद समाचार मिल सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ अधिक होगी। लाभ में कमी रहेगी। उत्साह की कमी महसूस करेंगे। व्यापार ठीक चलेगा।

?धनु
वै‍वाहिक प्रस्ताव विवाह के उम्मीदवारों का इंतजार कर रहा है। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। अनहोनी की आशंका रह सकती है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे। आय में वृद्धि होगी। प्रसन्नता बनी रहेगी।

?मकर
राजभय रहेगा। जल्दबाजी व लापरवाही न करें। विवाद को बढ़ावा न दें। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। कुसंगति से बचें। हानि होगी। कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय सोच-समझकर करें। व्यापार-व्यवसाय की गति धीमी रहेगी।

?कुंभ
सामाजिक कार्य करने का मन बनेगा। थोड़े प्रयास से ही रुके काम बनेंगे। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। उत्साह व प्रसन्नता से कार्य कर पाएंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में कार्य की प्रशंसा होगी। अधिकारी वर्ग प्रसन्न रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। थकान व कमजोरी रह सकती है।

?मीन
सुख के साधनों पर बड़ा खर्च हो सकता है। लेन-देन में सावधानी रखें। अज्ञात भय रहेगा। चिंता तथा तनाव रहेंगे। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचारों की प्राप्ति से प्रसन्नता रहेगी। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। कोई बड़ा काम करने की इच्छा प्रबल होगी।

?आपका दिन मंगलमय हो?
?????????
*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
09897565893,09412618599

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