आरोपियों को नौसेना अधिकारी से 10 लाख की फिरौती न मिलने से जिंदा जलाया

आर जे न्यूज़-

तमिलनाडु से अगवा कर महाराष्ट्र लाकर जिंदा जलाए गए नौसेना अधिकारी सूरज कुमार दुबे के मामले की जांच में 10 पुलिस अधिकारी और 100 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। झारखंड के रांची निवासी सूरज की रिहाई के बदले अपहरणकर्ताओं ने 10 लाख रुपये फिरौती की मांग की थी।

पालघर पुलिस अधीक्षक दत्तात्रेय शिंदे ने रविवार को बताया कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। एडिशनल एसपी प्रकाश गायकवाड़ के नेतृत्व में जांच की जा रही है और तीन टीमें चेन्नई भेजी गई हैं।

उन्होंने बताया कि चेन्नई में अगवा करने के बाद एक एटीएम से सूरज के बैंक अकाउंट से 5 हजार रुपये भी निकाले गए थे। उनके दो बैंक अकाउंट है। एक खाते में करीब 90 रुपये और दूसरे खाते में 302 रुपये बैलेंस है।

जांच के अनुसार, सूरज के पास तीन सिमकार्ड थे जिसमें से चेन्नई एयरपोर्ट पर उतरने के बाद दो सिमकार्ड बंद कर दिए गए थे। जबकि एक सिमकार्ड चालू था। इस सिमकार्ड से आस्था क्रेडिट कंपनी भोपाल और एंजल ब्रोकिंग कंपनी मुंबई के शेयर मार्केट के लिए लिए लेनदेन किए गए है। सूरज के तीसरे सिमकार्ड के बारे में उसके परिवार और दोस्तों को पता नहीं था।

जांच में यह भी सामने आया है कि सूरज कर्ज से दबा था। उसने अपने एक दोस्त से 6 लाख व बैंक से लाखो रुपये कर्ज ले रखा था लेकिन पैसा लौटाया था।

नौसेना अधिकारी को जलाकर मारने की घटना पर भाजपा ने महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व विधायक राम कदम ने कहा कि पालघर में देश की रक्षा करने वाले जवान को निर्ममता और बर्बरता से मार दिया गया।

यह वही भूमि है जहां पर 10 माह पूर्व हमारी संस्कृति की रक्षा करने वाले साधु-संतों को पीट-पीटकर मार दिया गया था। बहरी सरकार संतों की बात नहीं सुनती। प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ चुकी हैं। न यहां साधु-संत सुरक्षित हैं और न अपने प्राणों की चिंता किए बिना देश की रक्षा करने वाले हमारे जवान।

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