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***|| जय श्री राधे ||***
?? महर्षि पाराशर पंचांग ??
??? अथ पंचांगम् ???
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक -: 30/01/2021,शनिवार
द्वितीया, कृष्ण पक्ष
माघ
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि ——–द्वितीया 22:11:56 तक
पक्ष —————————-कृष्ण
नक्षत्र ————मघा 26:26:56
योग ———-सौभाग्य 15:06:22
करण ———–तैतुल 10:59:22
करण ————–गर 22:11:56
वार ————————-शनिवार
माह ———————— —–मघा
चन्द्र राशि ——————— सिंह
सूर्य राशि ——————-मकर
रितु ————————–शिशिर
आयन ——————- उत्तरायण
संवत्सर ———————-शार्वरी
संवत्सर (उत्तर) ————-प्रमादी
विक्रम संवत —————-2077
विक्रम संवत (कर्तक)——2077
शाका संवत —————-1942
वृन्दावन
सूर्योदय —————–07:08:01
सूर्यास्त —————–17:57:19
दिन काल ————-10:49:18
रात्री काल ————-13:10:12
चंद्रास्त —————-08:21:17
चंद्रोदय —————–19:36:25
लग्न —- मकर 16°14′ , 286°14′
सूर्य नक्षत्र ——————श्रवण
चन्द्र नक्षत्र ———————मघा
नक्षत्र पाया ——————- रजत
??? पद, चरण ???
मा —-मघा 09:08:47
मी —-मघा 14:56:04
मू —-मघा 20:42:04
मे —-मघा 26:26:56
??? ग्रह गोचर ???
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
========================
सूर्य=मकर 16°52 ‘ श्रवण, 2 खू
चन्द्र = सिंह 03°23 ‘ मघा , 1 मा
बुध = कुम्भ 02°07′ धनिष्ठा’ 3 गु
शुक्र= धनु 02 ° 55, उ oषाo ‘ 2 भो
मंगल=मेष 16°30 ‘ भरणी ‘ 2 लू
गुरु=मकर 14°22 ‘ श्रवण , 2 खू
शनि=मकर 10°43 ‘ श्रवण ‘ 1 खी
राहू=(व)वृषभ 23°12 ‘मृगशिरा , 1 वे
केतु=(व)वृश्चिक 23°12 ज्येष्ठा , 3 यी
???शुभा$शुभ मुहूर्त???
राहू काल 09:50 – 11:12 अशुभ
यम घंटा 13:54 – 15:15 अशुभ
गुली काल 07:08 – 08:29 अशुभ
अभिजित 12:11 -12:54 शुभ
दूर मुहूर्त 08:35 – 09:18 अशुभ
?गंड मूल 07:08 – 26:27* अशुभ
?चोघडिया, दिन
काल 07:08 – 08:29 अशुभ
शुभ 08:29 – 09:50 शुभ
रोग 09:50 – 11:12 अशुभ
उद्वेग 11:12 – 12:33 अशुभ
चर 12:33 – 13:54 शुभ
लाभ 13:54 – 15:15 शुभ
अमृत 15:15 – 16:36 शुभ
काल 16:36 – 17:57 अशुभ
?चोघडिया, रात
लाभ 17:57 – 19:36 शुभ
उद्वेग 19:36 – 21:15 अशुभ
शुभ 21:15 – 22:54 शुभ
अमृत 22:54 – 24:32* शुभ
चर 24:32* – 26:11* शुभ
रोग 26:11* – 27:50* अशुभ
काल 27:50* – 29:29* अशुभ
लाभ 29:29* – 31:08* शुभ
?होरा, दिन
शनि 07:08 – 08:02
बृहस्पति 08:02 – 08:56
मंगल 08:56 – 09:50
सूर्य 09:50 – 10:44
शुक्र 10:44 – 11:39
बुध 11:39 – 12:33
चन्द्र 12:33 – 13:27
शनि 13:27 – 14:21
बृहस्पति 14:21 – 15:15
मंगल 15:15 – 16:09
सूर्य 16:09 – 17:03
शुक्र 17:03 – 17:57
?होरा, रात
बुध 17:57 – 19:03
चन्द्र 19:03 – 20:09
शनि 20:09 – 21:15
बृहस्पति 21:15 – 22:21
मंगल 22:21 – 23:27
सूर्य 23:27 – 24:32
शुक्र 24:32* – 25:38
बुध 25:38* – 26:44
चन्द्र 26:44* – 27:50
शनि 27:50* – 28:56
बृहस्पति 28:56* – 30:02
मंगल 30:02* – 31:08
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
?दिशा शूल ज्ञान———————पूर्व
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
? अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 2 + 7 + 1 = 25 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
? वास एवं फल -:
17 + 17 + 5 = 39 ÷ 7 = 4 शेष
सभायां = सन्ताप कारक
?भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
?? विशेष जानकारी ??
* कुष्ठ निवारण दिवस
??? शुभ विचार ???
श्वानपुच्छमिच व्यर्थ जीवितं विद्यया विना ।
न गुह्यगोपने शक्तं न च दंशनिवारणे ।।
।।चा o नी o।।
एक अनपढ़ आदमी की जिंदगी किसी कुत्ते की पूछ की तरह बेकार है. उससे ना उसकी इज्जत ही ढकती है और ना ही कीड़े मक्खियों को भागने के काम आती है.
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