निजीकरण की नीतियों के विरोध मे बिजली कर्मचारी 3 फरवरी को करेंगे कार्य बहिष्कार, सीएम को भेजा नोटिस

केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध तथा समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर बिजली कर्मचारी 3 फरवरी को कार्य बहिष्कार करेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री को नोटिस भेजकर आंदोलन की सूचना दे दी है।

मुख्यमंत्री को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि संघर्ष समिति बिजली क्षेत्र में निजीकरण का लगातार विरोध कर रही है। समिति 17 अप्रैल 2020 को केंद्र सरकार की ओर से जारी ड्राफ्ट इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 तथा बिजली वितरण के शत-प्रतिशत निजीकरण के लिए 20 सितंबर 2020 को जारी ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट का विरोध कर रही है। साथ ही चंडीगढ़, पुडुचेरी समेत सभी केंद्र शासित प्रदेशों एवं उड़ीसा में चल रही निजीकरण की प्रक्रिया से बिजलीकर्मियों में रोष व्याप्त है।

नोटिस में कहा गया है कि ट्रांसमिशन, कंट्रोल रूम व उत्पादन में पाली में कार्यरत बिजलीकर्मियों को कार्य बहिष्कार से अलग रखा जाएगा। समिति ने केंद्र व राज्य सरकार से विद्युत (संशोधन) विधेयक 2020 व निजीकरण के लिए जारी स्टैंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट को तत्काल वापस लेने, ग्रेटर नोएडा में विद्युत वितरण व आगरा में फ्रेंचाइजीकरण तत्काल निरस्त करते हुए निजीकरण की चल रही प्रक्रिया को रोकने, केरल व हिमाचल प्रदेश की यूपी में सभी बिजली कंपनियों का एकीकरण करके यूपीएसईबी लि. का गठन करने, सभी बिजलीकर्मियों को पुरानी पेंशन योजना लागू करने समेत कई मांगों का पूरा करने की मांग की गई है।

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