एसीबी के शिकंजे में मेडिकल बिल पास करने के लिए 15 लाख रुपये रिश्वत लेने वाले दो डॉक्टर

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अहमदाबाद गुजरात। कोविड अस्पताल में इलाज करा चुके मरीजों के मैडिकल बिल पास करने के लिए 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने के मामले में लिए एन्टि करप्शन ब्यूरो (एसीबी) वोइस सैम्पल ले कर डॉक्टर अरविन्द पटेल और डॉक्टर नरेश मल्होत्रा से पूछ ताछ करेगी। शहर के 70 से अधिक अस्पतालों में लोगों ने कोरोना का इलाज कराया है। एसीबी की जाँच में बड़े भ्रष्टाचार सामने आने की प्रबल संभावना है। एसीबी ने इन दोनों डॉक्टरों के कार्यालय एवं घर पर भी छान- बिन शुरु कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोविड19का उपचार करा चुके मरीजों का बिल पास कराने के लिए अहमदाबाद महानगर पालिका के हेल्थ आफ़िसर डॉक्टर अरविन्द पटेल ने पूरे बिल का दस प्रतिशत के हिसाब से 15 लाख रुपये रिश्वत के रुप में लिया है। शहर के 70 से अधिक निजी अस्पतालों को ओमओयु किया गया था एसीबी की जाँच में बड़े भ्रष्टाचार सामने आने की प्रबल संभावना है। एसीबी आदित्य हास्पिटल के डॉक्टर नरेश मल्होत्रा और डेप्युटी महानगर पालिका हेल्थ आफिसर डॉक्टर अरविन्द पटेल से पूछ – ताछ कर रही है। आज एसीबी अधिकारी दोनों डंक्टरों की वोइस सैम्पल लेकर उसे जाँच कराने के लिए एफएसएल में भेजेगें। वर्तमान समय में दोनों डॉक्टरों के घर और कार्यालय में सर्च आपरेशन चल रहा है। इसके अलावा पुलिस दोनों डॉक्टरों की काल्स डिटेल लेकर उनके आवाज की स्पेक्ट्रोग्राफी भी किया है।
उल्लेखनीय है, अहमदाबाद महानगर पालिका ने शहर के कई निजी अस्पतालों से एमओयु किया है, जहाँ इलाज कराने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों का खर्च सरकार वहन करती है। सिम्स अस्पताल में भी कोरोना के बहुत से मरीज उपचार करा चुके हैं। उन्हीं मरीजों का बिल पास करने के लिए रिश्वत लिया गया था। एसीबी के डायरेक्टर केशव कुमार ने कहा है कि शिकायत दर्ज करने से पहले आरोपी और फरियादी के बात की रिकार्डिंग लेकर एफएसएल में फेजा गया था, वहाँ से नो टेम्परिंग प्रमाण पत्र लिया गया है। एफएसएल के साइन्टिफिक प्रमाण के कारण आरोपियों का बचना मुश्किल है। ऐसे अनेक मामले अन्य लोगों के साथ घटित हुए होंगें, वे लोग भी खुल कर सामने आएं तो केस और मजबूत होगा। पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद दोनों डाक्टरों को गिरफ्तार किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी से, हेल्थ आफिसर डॉक्टर अरविन्द पटेल और उनके लिए सिम्स अस्पताल से 15 लाख रुपये रिश्वत मांगने वाले डॉक्टर नरेश मल्होत्रा एक ही साथ एनएचएल मैडिकल कॉलेज में पढ चुके हैं। जिसके कारण दोनों में अच्छी दोस्ती है। पुलिस ने दोनों के बीच हुई टेलिफोनिक बात का पुरावा भी एकत्र किया है। आरेपियों से पूछ – ताछ करने के लिए प्लान आफ इन्वेस्टिगेशन बनाया है। इसमे ढेर से प्रश्नों की सूची होती है। रिश्वत के मामले को लेकर नर्सिंग एसोशिएसन ने सिम्स अस्पताल का समर्थन किया है। उनका कहना है कि ऐसी प्रवृतियों पर अंकुश लगनी चाहिए। सिम्स अस्पताल की ओर से ही डॉक्टर नरेश मल्होत्रा के विरुद्ध एसीबी में शिकायत की गई थी।
रिपोर्ट-ओमप्रकाश यादव

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