समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेताजी मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन आज

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समाजवादी पार्टी  के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव देश में समाजवादी राजनीति के पुरोधा रहे हैं. उन्होंने राम मनोहर लोहिया और चौधरी चरण सिंह से इसकी बानगी सीखी और उसे जीवन में अमल में लाया. गरीब किसान परिवार में जन्मे मुलायम सिंह जिला स्तर के पहलवान थे लेकिन 15 साल की उम्र में ही उन पर लोहिया की विचारधारा का असर देखने को मिला था. उन्होंने 28 साल की उम्र में साल 1967 में अपने राजनीतिक गुरू राम मनोहर लोहिया की पार्टी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से विधायकी का चुनाव पहली बार लड़ा था और जीतने में कामयाब रहे.

अगले ही साल यानी 1968 में जब राम मनोहर लोहिया का निधन हो गया, तब मुलायम सिंह अपने दूसरे राजनीतिक गुरू चौधरी चरण सिंह की पार्टी भारतीय क्रांति दल में शामिल हो गए. 1974 में भारतीय क्रांति दल और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का विलय हो गया और नई पार्टी भारतीय लोक दल का गठन हुआ. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध में जब कई विपक्षी पार्टियां एकजुट हुईं और 1977 में जनता पार्टी का गठन हुआ तब मुलायम सिंह इसमें भी शामिल रहे.

 पहली बार 1977 में बने मंत्री:

मुलायम इसी पार्टी के जरिए 1977 में फिर विधायक चुने गए और उत्तर प्रदेश की रामनरेश यादव सरकार में मंत्री बनाए गए. यादव के पास पशुपालन विभाग के अलावा सहकारिता विभाग भी थी. उन्होंने इस विभाग के जरिए राज्य में अपनी राजनीतिक पैठ जमाई. उन्होंने उस वक्त मंत्री रहते हुए सहकारी (कॉपरेटिव) संस्थानों में अनुसूचित जाति के लिए सीटें आरक्षित करवाई थीं. इससे मुलायम सिंह यादव पिछड़ी जातियों के बीच काफी लोकप्रिय हो गए थे. जल्द ही उन्हें धरतीपुत्र कहा जाने लगा.

1979 में चौधरी चरण सिंह ने जनता पार्टी से खुद को अलग कर लिया. इसके बाद मुलायम सिंह उनके साथ हो लिए. चरण सिंह ने नई पार्टी लोक दल का गठन किया. मुलायम सिंह यूपी विधान सभा में नेता विरोधी दल बनाए गए. मुलायम लगातार अपनी सियासी जमीन मजबूत कर रहे थे. 1987 में चौधरी चरण सिंह के निधन के बाद उनकी पार्टी दो हिस्सों में बंट गई. चौधरी चरण सिंह के बेटे अजीत सिंह एक हिस्से (लोक दल-अ) के मुखिया हुए जबकि मुलायम सिंह गुट लोक दल-ब कहलाया.

जनता दल में कराया पार्टी का विलय:

1989 में राजनीतिक हवा का भांपते हुए मुलायम सिंह ने लोक दल (ब) का विलय जनता दल में कर दिया. उस वक्त वीपी सिंह राजीव गांधी सरकार से इस्तीफा देकर देशभर में बोफोर्स घोटाले के बारे में लोगों को बता रहे थे. वीपी सिंह ने जनमोर्चा बनाया था. 1989 के दिसंबर में ही लोकसभा चुनाव के साथ-साथ यूपी विधान सभा चुनाव भी हुए. केंद्र में वीपी सिंह की सरकार बनी और यूपी में मुलायम सिंह यादव पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. उन्हें बीजेपी ने भी सपोर्ट किया था.मुलायम सिंह यादव : कुश्ती के अखाड़े में सीखा था धोबी पछाड़ दांव, आज़माया राजनीति में; 3-3 बार बने मुख्यमंत्री
गरीब किसान परिवार में जन्मे मुलायम सिंह जिला स्तर के पहलवान थे लेकिन 15 साल की उम्र में ही उन पर लोहिया की विचारधारा का असर देखने को मिला था.

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