धान खरीद : किसान, व्यापारी और अधिकारी परेशान

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राजधानी लखनऊ में अधिकारियों द्वारा लगातार किए जा रहे निरीक्षण से सरकारी धान क्रय केंद्रों द्वारा धान खरीद सुचारू रूप से शुरू हो गई है इस बार धान की फसल पर मौसम की मार से किसान और व्यापारी दोनों परेशान हैं और सरकारी धान क्रय केंद्र प्रभारी जो किसानों और अधिकारियों दोनों को अपने कार्य से संतुष्ट कर रहे है वह भी धान खरीद के अत्याधिक दबाव से मानसिक प्रताड़ित हो रहे हैं |
इस बार मौसम की मार की वजह से धान कुटाई के बाद चावल कम और खंडा ज्यादा प्रतिशत में बन रहा है यह चावल टूटने की समस्या हाइब्रिड धान (डंकल) में सबसे ज्यादा है क्योंकि हाइब्रिड डंकल चावल लंबे किस्म का होता है और महीन चावल में टूटन(खंडा) कम निकलता है महीन धान की पैदावार का कार्यकाल हाइब्रिड की अपेक्षा 20-25 दिन ज्यादा रहता है 15 दिन बाद बाजार में महीन धान पूरी तरह से उपलब्ध हो जाएगा |
अभी हाइब्रिड धान ही बाजार में आया है उसमें टूटन का प्रतिशत ज्यादा है इसी कारण किसान को 11 सौ रुपए प्रति कुंतल की दर से व्यापारियों को बेचना पड़ रहा है क्योंकि गोसाईगंज विकासखंड में 6 धान क्रय केंद्र हुआ करते थे आज सिर्फ 3 क्रय केंद्र ही बचे हैं किसान अपने धान की तौल कराने के लिए धान क्रय केंद्र पर टोकन लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहा है |
किसान द्वारा मेहनत कर कर पैदा किया हुआ धान 1868 रुपए सरकारी मूल्य में बेचने के लिए कम क्रय केंद्र होने के कारण लंबे समय का इंतजार करना पड़ रहा है व्यापारी 11 सौ रुपए में भी धान नहीं खरीद रहा क्योंकि एक्सपोर्ट बंद होने के कारण किसी भी प्रदेश में धान की खरीद और बिक्री नहीं है लॉक डाउन की मार झेल चुके व्यापारी पहले से टूटे हुए हैं |
दस हजार कुंटल खरीद का लक्ष्य
26-10-20 को सरकारी धान क्रय केंद्र पर खरीद शुरू हो गई जिसमें गोसाईगंज विकासखंड के मलौली स्थित किसान सेवा सहकारी समिति द्वारा 434 कुंटल 12 किलो धान 15 किसानों से क्रय किया गया 181 किसान टोकन लेकर इंतजार कर रहे है गंगागंज स्थित भारतीय खाद निगम के क्रय केंद्र में 240 कुंटल 80 किलो खरीद 9 किसानों से हुई 168 किसान टोकन लेकर प्रतीक्षा सूची में है बहरौली में पीसीएफ के धान क्रय केंद्र पर 60 कुंटल धान की खरीद 2 किसानों से हुई है 92 किसान टोकन लेकर प्रतीक्षा सूची में है मलौली धान क्रय केंद्र पर पीडीएस की 1300 पुरानी बोरी भेजी गई जिसमें 400 बोरी पूरी तरह से फटी और डैमेज है बहरौली स्थित क्रय केंद्र में बिजली जाने पर धान तुलाई डस्टर बंद होने की वजह से रुक जाती है
छोटे किसान ज्यादा परेशान
किसान को धान क्रय केंद्र टोकन लगाने के लिए 20 किलोमीटर दूर तहसील से खसरा खतौनी को प्रमाणित कराना पड़ता है उसके बाद ऑनलाइन रजिस्टर्ड करा कर क्रय केंद्र प्रभारी के पास जमा करना पड़ता है छोटे किसान जिनको 5 कुंतल धान सरकार को बेचना है उनके लिए यह प्रक्रिया बहुत जटिल है उसको तहसील के चक्कर लगाने पड़ेंगे
राघवेंद्र सिंह संवाददाता राष्ट्रीय जजमेंट लखनऊ

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