भोपाल: चुनावी शोर थमा अब जनता देगी जवाब

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भोपाल। प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान में महज 48 घंटे बाकी हैं, लेकिन राज्य के पूर्व मुख्‍यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ इन सीटों पर पार्टी की सम्मानजनक जीत को लेकर आश्वस्त हैं। चुनाव आयोग द्वारा प्रचार के आखिरी दौर में स्टार प्रचारक के तौर पर उन पर प्रचार पाबंदी लगाने का कमलनाथ पर रत्ती भर भी असर नहीं हुआ है। उल्टे वो दूने उत्साह से काम में जुट गए हैं। कमलनाथ कहते हैं कि उपचुनाव में जनता दलबदलुअों को सबक सिखाएगी और भाजपा नेताअों ने मुझ पर जो अनर्गल आरोप लगाए हैं, उनका भी तगड़ा जवाब देगी।
जब उनसे पूछा गया कि चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार समाप्त होने के 48 घंटे पहले चुनाव आदर्श आचार स‍ंहिता के उल्लंघन के आरोप में आप के प्रचार करने पर रोक लगा दी, इसे आप किस रूप में देखते हैं? कमलनाथ ने निश्चिंत भाव से कहा मैं प्रचार करने जा रहा हूं। स्टार प्रचारक जैसा न तो कोई पद होता है और न ही कोई दर्जा। चुनाव आयोग के फैसले पर मैं 10 नवंबर के बाद टिप्पणी करूंगा। ये सब क्यों हो रहा है, जनता सब जानती है। जहां तक इस मामले में कानूनी कार्रवाई का प्रश्न है तो हमारे वरिष्ठ वकील विवेक तंखा इस मामले को देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सहित तमाम भाजपा नेताअों द्वारा लगाए जा रहे उन पर लगाए जा रहे आरोपो के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि ऐसी बातें तब होती हैं, जब कोई पार्टी पिट रही होती है। भाजपा नेताअों के बयानों और आरोपों में उनकी बौखलाहट झलकती है। क्योंकि हर हथकंडा अपनाने के बाद भी उन्हें भरोसा नहीं है कि वो चुनाव जीत जाएंगे। कमलनाथ बोले कि अब मतदाता पहले से ज्यादा परिपक्व होता जा रहा है।
यह परिवर्तन हर चुनाव में दिखाई देता है। इसीलिए 2018 और 2019 के चुनाव में अंतर था और अब 2020 के उपचुनाव में भी अंतर है। मप्र के 95 फीसदी मतदाता वास्तविकता समझते हैं। एक चुनी हुई सरकार को गिराने और पिछले दरवाजे से प्रदेश की सत्ता पाने के लिए हमारे विधायकों को धन का प्रलोभन देकर कैसे खरीदा गया, यह हर मतदाता को पता है। आप उसे मूर्ख नहीं बना सकते। बीजेपी के‍ टिकट पर जो दलबदलू चुनाव लड़ रहे हैं, जनता उन्हें पूरा सबक सिखाएगी।
कमलनाथ ने साफ कहा कि मैं इस निचले स्तर की राजनीति नहीं करता। भाजपा के भी कई विधायक मेरे संपर्क में थे, आज भी हैं, लेकिन मैंने किसी को खरीदने की कोशिश नहीं की। मेरे पास कई बीजेपी विधायकों के फोन भी आए। चाहता तो मैं भी बीजेपी की तरह उन्हें खरीद सकता था। लेकिन मैं सौदेबाजी में भरोसा नहीं करता। मैंने मप्र के मुख्‍यमंत्री के बतौर खूब काम किया। क्योंकि मैं काम करने में विश्वास करता हूं, बजाए बातें करने के। इस चुनाव में मतदाता आकलन करेगा कि कमलनाथ के 15 महिने‍ शिवराज के 5 महिनों पर क्यों भारी हैं। मैंने खाली घोषणाएं नहीं कीं। घोषणा की भी तो तब, जब मेरे पास का काम का पूरा रोड मैप था और जो घोषणा की, उसे पूरा भी किया।
इस उपचुनाव में शीर्ष राजनेताअों की अमर्यादित बयानबाजी, प्रचार के गिरते स्तर और उसके व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक सिमटने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि उनके (बीजेपी) के पास बताने के लिए कुछ नहीं है। इसीलिए वो निजी आरोपो पर उतर आएं हैं। बीजेपी नेताअों को पता है कि प्रदेश की जनता 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्हे खारिज कर चुकी है। इसलिए अब वो भ्रम का जाल फैला रहे हैं और गलत तरीके से सत्ता हासिल करने के कृत्य को किसी तरह से जायज ठहराना चाहते हैं। लेकिन जनता को सच पता है।
अट्ठाइस सीटों के लिए कांग्रेस के वचन पत्र के संदर्भ मे कमलनाथ ने कहा कि हमारे वचन पत्र में 52 वादे हैं। ये वो बातें हैं, जो व्यावहारिक रूप से संभव हैं और सरकार में रहते हुए हमने उन पर अमल किया है। उदाहरण के लिए ‍िकसानों की कर्ज माफी, सौ रूपए में सौ यूनिट ‍िबजली, शुद्ध के लिए युद्ध अभियान आदि। कमलनाथ ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लाए तीनो कृ‍षि बिल किसानों को तबाह कर देंगे। हमने वचन पत्र में वादा किया है कि यदि कांग्रेस फिर सत्ता में लौटी तो प्रदेश में कृषि बिल कानून लागू नहीं होगा। क्योंकि यह किसानों के लिए अहितकारी है।
यह पूछे जाने पर ‍कि आपकी नजर में भाजपा सरकार कितने दिन की मेहमान है? कमलनाथ ने मुस्कुराकर कहा कि मैं कोई बड़े दावे नहीं करता, लेकिन उपचुनाव के नतीजे खुद जवाब दे देंगे। आगे-आगे देखिए होता है क्या?

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