अभिभावकों की शिकायत पर निजी स्कूलों पर कसा जा रहा शिकंजा, जांच में मिली गड़बड़ी

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सिवनी। निजी स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों से ज्यादा फीस वसूले जाने की शिकायतें जांच सही पाई गई हैं। सरकार व सुप्रीम कोर्ट से जारी गाइडलाइन का उल्लंघन कर शहर के कुछ निजी स्कूलों द्वारा ज्यादा फीस वसूले जाने की शिकायत अभिभावकों ने गत दिवस की थी। शिक्षा विभाग द्वारा इस मामले में जांच कराई गई जिसमें अनियमितताएं पाए जाने की बात सामने आ रही है।
वहीं अभिभावकों के पास निजी स्कूल संचालकों द्वारा ली गई नियम विरुद्ध अधिक फीस वसूली के प्रिंट दस्तावेज भी हैं, जिसे अभिभावकों ने अधिकारी को सौंपा है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी जीएस बघेल ने बताया कि जिले के लगभग 4-5 स्कूलों निजी स्कूलों की जांच चल रही है। जांच अधिकारी ने अपनी तरह से जांच पूरी कर ली है। प्रतिवेदन अभी उनके पास नहीं आया हुआ है। हालांकि जांच में जुटी टीम में से कुछ अधिकारी के अस्वस्थ चलने के कारण जांच में थोड़ा विलंब होने की बात अधिकारी कह रहे हैं। वही इस मामले में जो भी निजी स्कूल संचालक दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अब तक तीन निजी स्कूलों की जांच पूरी कर ली है। अन्य एक स्कूल के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच गठित टीम कर रही है। साथ ही जिले के सभी निजी स्कूलों में शिक्षण शुल्क संबंधी दस्तावेज रिकॉर्ड मांगे गए हैं। जांच में कमी मिलने पर संबंधित निजी स्कूलों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब हो कि अक्टूबर माह में अभिभावकों ने कलेक्टर एसडीएम व जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर निजी स्कूलों द्वारा ज्यादा फीस वसूले जाने की शिकायत करते हुए जांच की मांग का ज्ञापन सौंपा था। शिकायत में कहा गया था कि जबलपुर रोड नगझर स्थित महर्षि विद्या मंदिर व लूघरवाड़ा स्थित आईपीएस स्कूल में मनमानी फीस वसूले जाने के आरोप अभिभावकों ने लगाए थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतों की जांच करने सहायक संचालक एसएस कुमरे के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम गठित की है। महर्षि विद्या मंदिर व आईपीएस स्कूल के खिलाफ मिली शिकायत जांच में सही पाई जाने की बात अधिकारी द्वारा बताई जा रही है। दोनों के खिलाफ कार्यवाही का प्रतिवेदन तैयार कर आगे की कार्यवाही के लिए भेजे जाने की बात सामने आ रही है।
जिले में 416 निजी स्कूल संचालित हैं। इनमें से 72 हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल है। अभिभावकों ने जिले के सभी स्कूलों की जांच कराने की मांग की थी। शिक्षा विभाग ने सभी निजी स्कूलों को पिछले साल ली गई शिक्षण व इस साल ली गई शुल्क की मदवार व कक्षावार जानकारी मांगी थी। स्कूलो फीस संबंधी दस्तावेज मिलने के बाद जांच की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा।
अभिभावकों ने बताया कि निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा तरह-तरह से चार्ज लगाकर फीस अभिभावकों से वसूली जाती है। जिसमें फैकल्टी मैनेजमेंट शुल्क, मैगजीन शुल्क, शिक्षण शुल्क, कंप्यूटर शुल्क, लाइब्रेरी शुल्क, खेल शुल्क, एडमिशन शुल्क, कॉशनमनी, मेडिकल, परीक्षा शुल्क, रजिस्ट्रेशन शुल्क आदि वसूला जाता है। इसके अलावा बस किराया सहित अन्य कई तरह के अतिरिक्त शुल्क भी लिए जाते हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए इस साल स्कूल संचालकों को केवल शिक्षण शुल्क लेने की छूट दी गई है। शिक्षा विभाग की जांच टीम में सहायक संचालक एस एस कुमरे के अलावा लखनवाडा हाई स्कूल प्रचार अजय अवसरे, डीईओ कार्यालय के आईटी सेल प्रभारी चुनेन्द्र बिसेन को शामिल किया गया है। हालांकि इसमें जांच टीम में लगे कुछ अधिकारी के अस्वस्थ होने के कारण जांच मैं थोड़ा विलंब भी हुआ है और शेष स्कूलों की जांच भी करवाई जा रही है ।

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