सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल को नहीं मिला इलाज, ताले में कैद एक्स-रे मशीन, मरीजों को नहीं मिल रही सुविधा

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बहोरीबंद ।(कटनी)कटनी जिले के बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अव्यवस्थाओं के कारण मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। बताया गया कि लापरवाही का आलम इस कदर हावी है कि मरणासन्न अवस्था में आए पीड़ितों को भी इलाज़ नसीब नहीं हो पा रहा है। बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिन प्रतिदिन जिम्मेदार अधिकारियों एवं डॉक्टरों की लापरवाही बढ़ती ही जा रही जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ता है।
विगत दिवस बहोरीबंद से कुआं गांव जा रहे राहगीर पवन बर्मन का दोपहिया वाहन ग्राम सिंदूरसी के पास सड़क पार कर रहे जंगली सूअर से टकरा गया जिससे वाहन अनियंत्रित हो गया और राहगीर सड़क पर ही गिर गया। हादसे में पवन को गंभीर चोटें आई और वह बेहोशी की हालत में ही बीच सड़क पर पड़ा रहा। वहीं मोटरसाइकिल और सुअर की भिड़ंत में सूअर की भी मौके पर ही मौत हो गई।रास्ते से गुजर रहे राहगीरों ने 108 वाहन को फ़ोन किया लेकिन मौके पर 108 वाहन उपलब्ध नहीं हो पाया।
लोगों ने बहोरीबंद थाना प्रभारी श्रीमती रेखा प्रजापति को फोन कर सूचित किया गया वहीं थाना प्रभारी ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल मौके पर डायल 100 वाहन घटना स्थल भेज कर बेहोशी की हालत में पड़े पवन बर्मन को बहोरीबंद समुदाय अस्पताल इलाज के लिए पहुंचाया। आश्चर्य तो तब हुआ जब गंभीर रूप से घायल व्यक्ति का इलाज करने के लिए कोई भी डॉक्टर अस्पताल में उपस्थित नहीं मिला। डाक्टरों की अनुपस्थिति में काफी देर तक घायल मरीज बिना उपचार कराये अस्पताल में ही पड़ा रहा तब एक नर्स उपस्थित मिली जिन्होंने प्राथमिक इलाज किया।
काफी देर बाद मेडिकल ऑफिसर गौरव अवस्थी अस्पताल पहुंचे और मरीज को बिना देखे ही कटनी जिला अस्पताल रेफर करने की बात कहने लगे। उन्होंने जबाब देते हुए कहा कि यहां पर एक्सरे से संबंधित किसी भी प्रकार के कार्य नहीं हो पायेंगे इसलिए इन्हें कटनी ले जाना पड़ेगा। परिजनों ने कटनी जिला अस्पताल ले जाने के लिए सरकारी वाहन की मदद मांगी तो डॉक्टर गौरव अवस्थी ने डेढ़ घंटे बाद वाहन आने का आश्वासन दिया और मौक़े पर कवरेज कर रहे पत्रकार को कवरेज करने से रोका।
परिजनों का आरोप है कि डाक्टर साहब मरीज को मरणासन्न अवस्था में स्ट्रेचर में छोड़कर अपने कमरे में वापस चले गए। डॉक्टर के इस रवैये से धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर की संवेदनहीनता का अंदाजा लगाया जा सकता है।रात्रि में बेवस मरीज का परिवार परेशान होता रहा।सहायता न मिलने पर मजबूर परिजनों ने निजी वाहन से घायल व्यक्ति को जबलपुर लेकर गए जहां उसका इलाज जारी है।
गौरतलब है कि बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर अक्सर इसी तरह की असंवेदनशीलता के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं इस तरह के गैरजिम्मेदार मेडिकल ऑफिसर के रवैये से भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होना लाजमी है।
अस्पताल में व्याप्त है भर्राशाही
बहोरीबंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों एवं जिम्मेदार अधिकारियों की भर्राशाही से अव्यवस्थाएं व्यापत हैं। ड्यूटी डॉक्टरों की मनमानी के चलते पीड़ितों को शहरों का रुख करना पड़ता है या अपनी जान गवानी पड़ती है।
बहोरीबंद के सरकारी अस्पताल में इस उद्देश्य से एक्स-रे मशीन लगाई गई थी ताकि दूर दराज के ग्रामीण इलाकों से आने वाले गरीब मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र में ही एक्स – रे की सुविधा मिल सके उन्हें निजी अस्पतालों में न जाना पड़े। लेकिन यह व्यवस्था मात्र दिखावटी साबित हो रही है कुल मिलाकर मशीन लगाकर स्वास्थ्य विभाग कागज़ी वाहवाही लूट रहा है।क्योकि बहोरीबंद अस्पताल में लगी एक्सरा मशीन कमरे में बंद धूल खा रही है।
ग्रामीणों की मांग है कि यदि जिला कलेक्टर बहोरीबंद स्वास्थ्य केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण करते हैं तो ऐंसे गैरजिम्मेदार डॉक्टरों की मनमानी सामने आ सकती है।

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