इंदौर में सट्‌टे का बड़ा कारोबार पकड़ा, मुख्य आरोपी समेत 8 गिरफ्तार

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इंदौर। पुलिस ने मुख्य आरोपी के घर पर दबिश देकर एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि जब्त की है।
सरगना सट्‌टा खिलाने के लिए नौकरी पर रखा था कर्मचारी, रकम हवाला के जरिए बंटती थी
पुलिस ने मौके से 1 करोड़ से ज्यादा कैश और बैंक अकाउंट से 1.5 करोड़ रुपए भी जब्त किया।
पुलिस ने बुधवार को शहर में अब तक के सबसे बड़े सट्टा चलाने वाले गिरोह को पकड़ा है। मुख्य सरगना के पास से 1 करोड़ 31 लाख 66 हजार 623 रुपए कैश और अलग-अलग बैंक खातों से 1.5 करोड़ रुपए भी जब्त किए गए हैं। वह ऑनलाइन सॉफ्टवेयर गेम के जरिए सट्‌टे का कारोबार चला रहा था। पुलिस ने मुख्य आरोपी, सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।
सॉफ्टवेयर गेम बनाने के लिए उसने इंदौर के एक इंजीनियर की मदद ली थी। आरोपी गरीब और मजदूरों के दस्तावेज लेकर बैंक खाते खुलवाता था। इन्हीं अकाउंट में सट्टे के रुपयों का लेनदेन करता आ रहा था। रकम हवाला के जरिए सट्‌टेबाजों में बांटी जाती थी। पुलिस को अभी ऐसे 13 बैंक खातों के बारे में जानकारी मिली है। इनमें पिछले 6 महीने में 53 करोड़ 23 लाख 70 हजार 417 रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ है।
आरोपी राजा ने सट्‌टे के संचालन के लिए लोगों को नौकरी पर रखा था।
लैपटॉप और मोबाइल के जरिए लगवाते थे दांव
पुलिस को महू के गुजरखेड़ा इलाके के एक मकान में बड़े स्तर पर सट्‌टा खिलाने की जानकारी मिली थी। सट्‌टा राजा वर्मा के मकान में चल रहा था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर विकास सिंह यादव निवासी खंडवा, जितेन्द्र लोवंशी निवासी सिवनी मालवा गोलगांव होशंगाबाद, हेमंत गुप्ता निवासी बरमकेला छत्तीसगढ़, सोनू गुप्ता निवासी बरमकेला छत्तीसगढ़ को गिरफ्तार किया। आरोपी 3 लैपटॉप और मोबाइल के जरिए ऑनलाइन सट्‌टे पर दांव लगवा रहे थे।
मुख्य आरोपी ने सभी को नौकरी पर रखा था
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि राजा वर्मा उर्फ लोकेश निवासी गुजरखेड़ा (महू) ने उन्हें सट्टा खिलाने के लिए नौकरी पर रखा है। राजा के साथ पलाश अभिचंदानी और शुभम कलमे भी इस धंधे में हैं। इसके बाद मुख्य आरोपी राजा वर्मा, उसके साथी शुभम कलमे और पलाश अभिचंदानी को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
अवैध कमाई से इंदौर में खरीद रहा था महंगी प्रॉपर्टी
जांच में पता चला कि राजा वर्मा मुख्य आरोपी है। वह महू और इंदौर के गरीब, मजदूर वर्ग के लोगों को दुकान खुलवाने या लोन दिलवाने के नाम पर फंसाता था। इसके बाद उनके आधारकार्ड और दूसरे दस्तावेज लेकर अलग-अलग बैंकों में इनके नाम से व्यापारी फर्म बनाकर करंट एकाउंट खुलवाता था।
इन खातों में वह ऑनलाइन सट्टे के पैसे जमा करवाता था। राजा दो साल से सट्टे का कारोबार कर रहा था और इससे मिले रुपयों से महू तथा इंदौर में अपने और परिवार के नाम से प्राॅपर्टी खरीद रहा था। उसने अब तक 6 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी है।
हवाला के जरिए बंटती थी रकम
जांच में पता चला है कि इंदौर के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मनोज उर्फ मोंटी मालवीय ने गेम का सॉफ्टवेयर तैयार किया था। पुलिस ने मामले में सॉफ्टवेयर इंजीनियर मनोज को भी गिरफ्तार कर लिया है। मनोज सॉफ्टवेयर को संचालित करने के लिए राजा की मदद करता था और सट्टे से मिली राशि हवाला के जरिए सट्टेबाजों में बांटता था।

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