भगवान परशुराम के नाम पर गन्दी राजनीत करना क्या ठीक है ?

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उन्नाव । लखनऊ से कानपुर जाते समय उन्नाव में हाईवे पर स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता में सपा के प्रदेश प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा ने कहा। कि भगवान परशुराम को राजनीति के छोटे चश्मे से देखना गलत है । गवान परशुराम भी हमारे हैं ,और भगवान राम भी हमारे हैं ,और हम भगवान राम के हैं, उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने लखनऊ में भगवान परशुराम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने की घोषणा की है जिसके बारे में किसी ने परिकल्पना भी नहीं की थी ।
यह बात विपक्ष को पच नहीं रही है । इसीलिए वह राजनीति कर रही है । उन्होंने कहा कि राजनीतिक परिवेश में केवल सपा और भाजपा ही यूपी में बची है । इसके अलावा कोई भी पार्टी नहीं है । चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के मिलन पर मीडिया वालों के पूछने के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं, कि जो कार्य समाज देश और यूपी के हित का होगा वही कार्य किया जाएगा । पूर्व मंत्री ने वर्तमान में ब्राह्मणों की स्थिति को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि जिस 16 फ़ीसदी समाज के लोगों ने इन्हें सत्ता पर बिठाया उसी समाज के लोगों की आज उपेक्षा की जा रही है ।
उन्हें नकारा जा रहा है, उनका शोषण हो रहा है, उन पर अत्याचार किए जा रहे हैं। पूर्व में गाजीपुर में जिस तरह से एक इंस्पेक्टर ने जनेऊ को अपने पैरों के तले कुचला उसके बाद वहां 9 लोगों को मारा गया । यह एक बहुत ही शर्मिंदगी भरा कृत्य है। इससे पता चलता है कि सरकार की इस समाज के प्रति क्या सोच है। ब्राह्मण समाज को अब समझ में आ गया है। यह सरकार इनका शोषण कर रही है इसलिए अब वह एकत्रित हो रहे हैं ,और आगे आने वाले चुनाव में इसका जवाब इस सरकार को सत्ता से हटा कर देंगे।
घनश्याम द्विवेदी
राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़
संवाददाता (उन्नाव)

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