चंदौसी हत्याकांड: टीवी देखने घर आई बच्ची का गला दबाकर की हत्या

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टीवी देखने घर आई नौ साल की बच्ची की गला दबाकर हत्या करने वाले पड़ोसी ने दुष्कर्म की कोशिश से पहले मासूम को बरगलाने की कोशिश भी की थी। बच्ची ने गलत इरादे भांप कर सारी बात घर वालों को बताने की बात कही।
यह सुनते ही वह आपा खो बैठा। पोल खुलने के डर से आनन-फानन बच्ची का गला दबा दिया। शव को अंधेरे में ठिकाने लगाने की कोशिश में घर वालों की निगाह पड़ जाने पर धरा गया।
थाना प्रभारी ने बताया कि गिरफ्त में आने के बाद बच्ची के हत्यारोपी दयाराम ने अपना अपराध कुबूल किया। वारदात का पूरा सिलसिला बताते हुए स्वीकार किया कि बच्ची को बरगलाने के लिए उनसे अश्लील फिल्म भी दिखाई थी। उसका ऐसा रवैया देखकर बच्ची चौकन्नी हो गई। धक्का देते हुए बोली, घर वालों को सारी बात बताऊंगी।
दयाराम ने पुलिस से कहा कि बच्ची की धमकी से डरकर उसने हाथों से ही उसका गला दबा दिया। पुलिस के मुताबिक आरोपी का कहना है कि बदनामी के डर से बच्ची की हत्या दी। इसके बाद हाथ-पैर बांध कर शव बोरे में बंद कर दिया।

दिन का उजाला होने से पहले शव ठिकाने लगाने के इरादे से बोरा लेकर निकला था। पहचान न हो इस लिए सिर्फ अंडर वियर बनियान पहनकर घर से बाहर आया लेकिन बच्ची को तलाश रहे माता-पिता के देख लेने से पकड़ा गया। थाने में उसने अपने किए पर अफसोस जताया।

आरोपी ने बच्ची के साथ दुष्कर्म में विफल होने पर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। आरोपी को परिजन और मोहल्ले वालों ने बच्ची का शव ले जाते समय पकड़ लिया। पिता की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
धर्मपाल सिंह, प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली चंदौसी
11 घंटे खाली घर में मासूम के शव के साथ रहा
चंदौसी। टीवी देखने आई बच्ची की गलत नीयत के कारण हत्या करने वाला पड़ोसी दयाराम 11 घंटे मासूम के शव के साथ अकेले घर में रहा। पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया कि बच्ची की हत्या गुरुवार शाम पांच बजे की थी। किसी को पता न चले, इस लिए शुक्रवार तड़के चार बजे शव लेकर निकला। लेकिन चालाकी चल नहीं सकी।
दो बेटों का पिता है आरोपी 
आरोपी ने बताया कि उसके दो बेटे हैं। एक बेटा पांच साल और दूसरा तीन साल का है। उसकी पत्नी जन्माष्टमी पर दोनों बेटों के साथ अपने मायके चली गई थी। वारदात के वक्त वह घर पर अकेला था।
अक्सर टीवी देखने आती थी बच्ची
हत्या का शिकार हुई बच्ची अक्सर टीवी देखने हत्यारोपी दयाराम के घर जाती थी। उसके अलावा मोहल्ले के अन्य बच्चे भी टीवी देखने उसके घर आते थे। गुरुवार को बच्ची अकेली ही पहुंची। घर में दयाराम की पत्नी व बच्चे नहीं थे। अकेले में उस पर सवार हुई आपराधिक सोच ने एक परिवार से उसकी मासूम बेटी छीन ली।
R J दीपक वर्मा✍️

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