कटनी नदी पर बन रहे निर्माणाधीन पुल को बम के धमाके से किया गया ध्वस्त

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कटनी नदी पर निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होते ही देवता भी सो गए! आज देवशयनी एकादशी है।
आदरणीय कमलनाथ जी का पुतला दहन विगत दिनों भाजपाइयों द्वारा किया गया था, दैवीय शक्तियों ने इसका समर्थन नहीं किया फलस्वरूप भाजपा सरकार को ही भ्रष्टाचार का अपना स्मारक खुद तोडना पड़ा।
देर है, मगर अंधेर नहीं है।
जोरदार धमाके से नवनिर्मित कटनी नदी पुल का रामनाम सत्य
कटनी।।।आधी रात को जोरदार धमाके से मेरी छाती थर- थर कांपी नींद में लगा बारिश और बादलों की गर्जना होगी।बाहर देखा तो न ही बारिश थी और न ही बादल थे मगर इंद्र देव से तेज गर्जना कटनी शहर में किसकी हो सकती है।।सुबह तक जिज्ञासु मन को नहीं समझा सका।।सुबह सुबह कटनी नदीपुल के पुराने पुल पर नवनिर्मित पुल की बर्वादी का तमाशा देखने लोगों की भीड जमा थी मैने भी देखा तो कई लोगों ने बताया रात में तेज आवाज विस्फोट की और जोरदार धमाके से पुल की छत जमीन पर गिरा दी गयी।।अब केवल पाये बचे है।।छत पूरी तरह बैठ चुकी है।।बारिश से ढही पुल की छत के नामो निशाना भी नहीं बचे।।
बनाके क्यों बिगाडा रे
दरअसल कटनी नदीपुल का नवनिर्मित पुल ध्वस्त नहीं हुआ।।समूचे जिले की विकास की भावनाएं ध्वस्त हुई है।।शर्मनाक तो यह है की करीब एक दशक से आशा लगाये बैठे लोगों को यह उम्मीद थी कि कटनी नदी पुल के निर्माण से शहर को बेहतर मार्ग मिलेगा, जाम से छुटकारा मिलेगा, मगर ठेकेदार कंपनी की घोर अनियमितता से लोगों की भावनाएं आहत ही नहीं हुई, अपितु ध्वस्त भी हो गयी।।
बूढा पुल भी मंद मंद मुस्कुरा रहा होगा कि मैं बूढा जरूर हूं मगर बोझ जवानों से अधिक ढो रहा हूं।।मुझे अंग्रेजों ने पूरी ईमानदारी से बनाया था इसलिये ताकत आज भी वैसी ही है।
कटनी से संवाददाता हरिशकरपाराशर की रिपोर्ट

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