सीमा पर तनाव बढ़ा तो चीन के साथ पाक और नेपाल की सेनाओं का दबाव भी झेलेगा भारत- ग्लोबल टाईम्स

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बीजिंग. 

गलवान घाटी में सैन्य झड़प के बाद चीन ने एक बार फिर

सरकारी अखबार के जरिए भारत पर दबाव बनाने की

कोशिश की।

चीनी सरकार के मुखपत्र यानी माउथपीस ग्लोबल टाइम्स

के मुताबिक,

अगर एलएसी पर तनाव बढ़ा तो भारत को चीन के

अलावा पाकिस्तान और यहां तक कि नेपाल की सेना का

भी दबाव झेलना पढ़ेगा।

बता दें कि सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में

भारत और चीन के बीच सैन्य झड़प हुई थी।

और भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।

रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन के 43 सैनिक या

तो मारे गए या घायल हुए।

मानसिक दबाव बनाने की साजिश

ग्लोबल टाइम्स चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का

मुखपत्र है।

और उसके आर्टिकल चीन सरकार का ही नजरिया होते

हैं।

इसलिए अखबार कई दिनों से भारत को धमकाने वाले

आर्टिकल पब्लिश कर रहा है।

उसने शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइंस के रिसर्च फैलो

हू झियोंग का आर्टिकल पब्लिश किया है।

इसमें झियोंग ने कहा,

“फिलहाल, भारत का चीन के अलावा पाकिस्तान और

नेपाल से भी सीमा विवाद चल रहा है।

पाकिस्तान और चीन के करीबी रिश्ते हैं।

और नेपाल भी हमारा सहयोगी है। दोनों देश चीन के वन

बेल्ट रोड प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं।”

भारत के पास इतनी सैन्य ताकत नहीं

झियोंग आगे कहते हैं,

“अगर भारत सीमा पर तनाव बढ़ाता है तो उसे तीन मोर्चों

पर सैन्य दबाव का सामना करना पड़ेगा।

क्योंकि उसकी सेनाओं के पास इतनी ताकत नहीं कि वो

इस दबाव को झेल पाएं।

इसलिए भारत की करारी शिकस्त हो सकती है।”

 

जांच कराए भारत

आर्टिकल में आगे कहा गया,

“भारत को यह तय करना चाहिए कि भविष्य में गलवान

घाटी जैसी घटनाएं फिर न हों।

और चीन को कमजोर समझना भारत के लिए भारी पड़

सकता है।

भारत सरकार को गलवान वैली मामले की जांच कराना

चाहिए।

और जिम्मेदार लोगों को सख्त सजा देनी चाहिए।”

अखबार ने चीन के एक मिलिट्री एक्सपर्ट का बयान भी

प्रकाशित किया है।

हालांकि, उनका नाम नहीं बताया गया।

इस बयान के मुताबिक,

चीन ने अपने मारे गए या घायल हुए सैनिकों की
संख्या या नाम इसलिए नहीं बताए क्योंकि इससे

तनाव बढ़ सकता है।

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