बलिया में बनी पीपीई किट को भारत सरकार की मिली मंजूरी

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बलिया में बनी पीपीई किट को कानुपर की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के लेबोरेट्री में किट का परीक्षण किया गया
पीपीई किट को ग्रेडिंग देते हुए सर्टिफिकेट जारी किया गया । इस उपलब्धि के हासिल होते ही जिला प्रशासन के साथ ही उद्योग केंद्र व उद्यमी सबकी बांछे खिल गयी है ।
एक तरफ जहां उद्योगविहीन छोटे से जनपद में जहां कोई भी रा मैटेरियल उपलब्ध नही है,
और कोरोना महामारी के चलते पहले चरण के लॉक डाउन होने के वावजूद इसके लिये जरूरी सामानों को लाकर उच्च क्वालिटी की पीपीई किट बना देना ,
उद्यमी के साथ ही जिला प्रशासन से जुड़े लोगों के लिये गर्व की बात है ।
भारत सरकार से प्रमाण पत्र मिलने के बाद प्रशासन की तरफ से इस किट को बनाने वाले उद्यमी सरदार सुरेंद्र छावड़ा को कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ विपिन जैन,
सीएमओ डॉ पीके मिश्र,राजीव पाठक उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र ने सामूहिक रूप से सम्मानित करते हुए प्रमाण पत्र सौंपा ।
कहते है चाहे राह कितनी भी कठिन क्यों न हो, इरादे अगर बुलन्द हो तो किस्मत बदल ही जाती है।
जिस कोरोना काल मे विदेशों से लेकर भारत के अंदर भी पीपीई किट की कमी एक बड़ी समस्या बनी रही
वही बलिया पीपीई किट के मामले में शुरू से ही आत्म निर्भर बन गया। ये कमाल किया बलिया शहर के एक छोटे से उद्यमी सुरेंद्र सिंह छाबड़ा ने।
पेशे से बैग बनाने का काम करने वाले सुरेंद्र ने लॉक डाउन के दौरन पीपीई किट बनाने का फैसला किया
जिसके लिए उन्होंने खुद ही गाड़ी चला कर नोयडा से लेकर बेंगलुरु तक का सफर तय किया।
कई नाकामियों के बाद सुरेंद्र ने सही पीपीई किट तैयार की जिसे भारत सरकार के कानपुर स्थित ऑर्डिनेंस
फैक्ट्री की लेबोरेट्री ने मुहर लगा कर अप्रूवल दे दिया।
अप्रूवल भी ऐसा वैसा नही UCC ग्रेडिंग का ,यानी बलिया में बना हुआ पीपीई किट अंतरराष्ट्रीय मानकों को भी पूरा करता है ।
जिला प्रशासन द्वारा माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के उद्योग शुरू करने के लिये स्टार्टअप योजना में
पहली बार मे ही सफलता का झंडा गाड़ कर
बलिया को राष्ट्रीय फलक पर पीपीई किट के मामले में पहचान दिला दी ।
सरदार सुरेंद्र छाबड़ा द्वारा बनाये जा रहे पीपीई किट का इस्तेमाल बलिया में कोरोना पेसेंट का इलाज कर रहे
चिकित्साकर्मी कर रहे है ।
जहां एक तरफ बड़े बड़े अस्पतालो में, मेडिकल कालेजों में बड़ी बड़ी कम्पनियों के पीपीई किट पहने के
बावजूद कई चिकित्सक व चिकित्सकीय कर्मी कोरोना पॉजिटिव मरीजो का इलाज करने के दरमियान संक्रमित हो गये ।
वही बलिया में कोरोना पेशेंट का इलाज कर रही चिकित्सकीय टीम के 125 टेस्ट हुए है
लेकिन इस पीपीई किट की वजह से कोई भी संक्रमित नही हो पाया है ,
जो स्वयं ही इस किट की गुणवत्ता को बताने के लिये काफी है ।
यही नही बागी बलिया में निर्मित यह किट कीमत में भी सबको चौका रहा है । सामान्य तौर पर जहां पीपीई किट की कीमत 12 सौ रुपये है
वही बलिया में बनी पीपीई किट की कीमत महज 6 सौ रुपये के आस पास है।
सुरेंद्र सिंह के इस कामयाबी के पीछे सरकार के स्टार्टप योजना के जरिये जिला उद्योग विभाग द्वारा जो सहयोग मिला ,
उसी की देन है कि सुरेंद्र सिंह ने यह मुश्किल कार्य को भी अंजाम तक पहुंचा दिया ।
एक तरफ जहां बड़ी बड़ी कम्पनियों के पास खुद के टेक्निकल विंग्स है,
डिजाइनर है , वही छावड़ा जी के पास सिर्फ हिम्मत व कर गुजरने का जज्बा था,
फिर भी नोडल अधिकारी डॉ विपिन जैन का टेक्निकल व प्रशासनिक सहयोग ,
जिला उद्योग केंद्र के उपयुक्त का रा मैटेरियल को सुगमता से सुलभ कराना, इसकी सफलता में मिल का पत्थर साबित हुआ है ।
बता दे कि यह पीपीई किट यूपी में इसके पहले मात्र 3 जगहों पर ही बनता था,
चौथी जगह अब बलिया है ।
आने वाले दिनों में बलिया आसपास के जनपदों व बिहार के लिये पीपीई किट सप्लाई करने का हब बन सकता है ।
भगवान् उपाध्याय-बलिया, राष्ट्रीय जजमेंट 

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