दिल्ली में सस्ता हो सकता है कोरोना का इलाज, प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी रोकने की तैयारी
राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वायरस के इलाज को लेकर मनमानी नहीं चलेगी। जल्द ही
कोविड-19 के इलाज पर खर्च की सीमा तय हो सकती है। प्राइवेट एम्बुलेंस के चार्जेस और प्राइवेट लैब्स में
कोविड टेस्ट्स के रेट भी कम हो सकते हैं। कुछ प्राइवेट अस्पतालों में ICU और वेंटिलेटर वाले बेड का एक
दिन का खर्च 72 हजार रुपये तक वसूला जा रहा है। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की
मंगलवार को होने वाली बैठक का यही मेन एजेंडा रहेगा। मीटिंग में उप-राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री
अरविंद केजरीवाल भी शामिल होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिए साफ संकेत
हाल ही में, तमिलनाडु सरकार ने ऐसा किया है। वहां पर प्राइवेट अस्पताल के जनरल वार्ड में इलाज का खर्च
अधिकतम 7,500 रुपये और ICU वाले का 15 हजार रुपये तय किया गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र
जैन ने शनिवार को साफ संकेत दिए कि राजधानी में प्राइस कैप लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा,
“कोविड इलाज के लिए कितना चार्ज ले रहे हैं, इसकी जानकारी सारे अस्पतालों को देनी होगी। हम हर
अस्पताल की डिटेल्स देखने के बाद तय करेंगे कि क्या करना है।”
कोरोना मरीज का इलाज कितने में किया, बताना होगा
मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक, पिछले कुछ दिनों में ऐसी रिपोर्ट्स आई हैं कि प्राइवेट अस्पताल कोविड
मरीजों से मनमाने चार्ज वसूल रहे हैं। इसी हफ्ते दिल्ली सरकार ने कोविड मरीजों का इलाज कर रहे सभी
अस्पतालों से रेटलिस्ट दिखाने को कहा था। इसमें लैब टेस्ट्स, आइसोलेशन बेड्स से लेकर वेंटिलेटर चार्जेस
तक की जानकारी दी जानी थी। इसके अलावा, डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विर्सिज ने भी अस्पतालों ने
कोविड मरीजों के इलाज में खर्च की लिस्ट मांगी है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि कुछ प्राइवेट अस्पताल जनरल वार्ड के लिए 15 हजार से 25 हजार रुपये
तक वसूल रहे हैं। ट्विन शेयरिंग वार्ड के लिए 18,000 से 27,000 रुपये, आइसोलेशन के साथ प्राइवेट रूम
20,000 से 30,00 रुपये तक में दिया जा रहा है।
धनंजय सिंह टेक्निकल एडिटर ✍️