Lockdown extion: जाने भारत में lockdown 4 के नियम व कायदे कानून

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Rashtriya Judgement: Lockdown 4.0 Guideline News केंद्र सरकार ने देशभर में 31 मई तक लॉकडाउन 4 घोषित कर दिया है। कोरोना संकट से लड़ रहे देश में अब दो हफ्ते और यानी 31 मई तक कई पाबंदियां लागू रहेंगी। रविवार को लॉकडाउन बढ़ाने संबंधी अहम घोषणा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से की गई है। इस बीच एनडीएमए ने मंत्रालयों और राज्य सरकारों से कहा है कि 31 मई तक लॉकडाउन जारी रखें।
इस दौरान तमाम सार्वजनिक स्‍थान सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्‍वीमिंग पूल, इंटरटेनमेंट पार्क, बार, ऑडिटोरियम, एसेंबली हॉल, सेमिनार हॉल आगे भी बंद ही रहेंगे। कोरोना वायरस के फैलाव के हिसाब से इस बार क्षेत्रीय इलाकों को कंटेनमेंट जोन, बफर जोन, रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जाेन समेत कुल 5 जोन में बांटा गया है। लॉकडाउन 4 में 18 मई से 14 दिनों के लिए नाइट कर्फ्यू का भी प्रवधान किया गया है।
नाइट कर्फ्यू में शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक सिर्फ आवश्यक गतिविधियों के लिए ही घर से बाहर निकलने की इजाजत होगी। इस बार लॉकडाउन 4 में स्कूल-कॉलेज फिर से बंद रखे गए हैं। जबकि घरेलू, अंतर्राष्ट्रीय उड़ान बंद ही रहेगी। मेट्रो सेवा को भी बंद रखा गया है। जबकि राज्यों के बीच, अंतरराज्‍यीय बस सेवा खुलेगी। रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का फैसला राज्‍य सरकार पर छोड़ा गया है। सभी धार्मिक स्‍थल पूर्ववत बंद रहेंगे।
अबतक की जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस बार 14 दिनों तक लॉक डाउन को बढ़ाते हुए कुल पांच जाेन में पूरे इलाके को बांटा है। लॉक डाउन के चौथे चरण की शुरुआत कल से, यानी 18 मई से होगी। इधर झारखंड में भी 31 मई तक लॉक डाउन लागू कर दिया गया है। राज्‍य सरकार के वित्‍त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि इस मामले में हम शुरू से केंद्र के साथ हैं। केंद्र जैसा कहेगा वही करेंगे। अभी बड़े पैमाने पर बाहर से प्रवासी मजदूर आ रहे हैं। संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। हम कोई रिस्क नहीं ले सकते। अभी तक जो रियायत दी गई थी वह जारी रहेंगी।
मंत्री रामेश्वर उरांव ने स्पष्ट कहा, राज्य सरकार इस मामले में केंद्र के किसी निर्देश की अवहेलना नहीं करेगी। इस पर पूरा कैबिनेट सहमत है। सीएम हेमंत सोरेन पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं। रविवार को इधर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के मुताबिक लॉकडाउन 4 पिछले तीनों चरणों से कई मायनों में अलग दिख रहा है। इस बार के लॉकडाउन की खास बात यह है कि कोरोना संक्रमण के हिसाब से तमाम इलाकों को कुल पांच जोन में बांटा गया है।
लॉकडाउन 4 की डेडलाइन दो हफ्ते बढ़ाने और 31 मई तक देशभर में लॉकडाउन लागू रहने के बाद अब बंदिशों और रियायतों पर भी महत्‍वपूर्ण गाइडलाइंस गृह मंत्रालय की ओर से जारी किया जा रहा है। लिहाजा बढ़ते कोरोना संकट के बीच झारखंड भी इन दिशानिर्देशों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इधर महाराष्‍ट्र, पंजाब, तेलंगाना, मिजोरम और तमिलनाडु में पहले ही 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी गई है। लॉकडाउन 4 की गाइडलाइंस जानने के लिए तमाम लोग टीवी और सोशल मीडिया के विभिन्‍न माध्‍यमों से जुड़े हैं।
इसके साथ ही आज, रविवार को लॉकडाउन 3 की मियाद खत्‍म हो गई। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन 4 के लिए नई एडवाइजरी जारी की जा रही है। जिस पर देशभर के साथ ही झारखंड की भी नजरें टिकी हैं। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन 4 की घोषणा की थी। इसके बाद उन्‍होंने कहा था कि यह जल्‍द ही नए स्‍वरूप में आएगा। अब 31 मई तक एक बार फिर से लॉक डाउन घोषित कर दिया गया है।
इधर झारखंड में कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने दो टूक कहा है कि अभी किसी भी स्‍तर पर रियायतें नहीं दी जाएंगी। हालांकि उन्‍होंने लॉकडाउन 4 के लिए केंद्र के दिशानिर्देश के साथ आगे बढ़ने की बात कही है। ऐसा माना जा रहा है कि लॉकडाउन-4 में ग्रीन जोन को पूरी तरह खोला जा सकता है। जबकि ऑरेंज और रेड जोन में पाबंदियां थोड़ी कम रहेंगी। कुछ क्षेत्रों की बंदिशें आंशिक और पूर्ण रूप से खत्‍म की जा सकती हैं।
https://twitter.com/ANI/status/1262001460117528579?s=20
इधर राजधानी रांची के अलावा, हजारीबाग, गढ़वा, गिरिडीह, पलामू, जमशेदपुर आदि कई नए इलाके के रेड जोन में शामिल हो जाने के कारण राज्‍य में अभी लॉक डाउन में कोई ढील दिए जाने की उम्‍मीद बेहद कम है। खासकर बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों के दूसरे राज्‍यों से झारखंड लौटने के बाद जिस तरह कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है, उससे अब सबकी नजरें लॉकडाउन 4 के नए नियमों व दिशानिर्देशों पर लगी हैं।
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बच्चों की सुरक्षा को एसआरसी ने सरकार को किया अलर्ट
लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में न सिर्फ प्रवासी मजदूर झारखंड लौटे हैं, बल्कि उनके साथ लगभग 25 हजार बच्चों का भी आगमन हुआ है। इनमें से हजारों बच्चे अपनी इच्छा से तो कई दूसरे के बहकावे में आकर रोजी-रोटी की तलाश में दूसरे प्रदेशों को गए थे। इनमें मानव तस्करी के शिकार बच्चों की भी खासी तादाद है। ऐसे बच्चों की खोज खबर रखने के लिए प्रदेश स्तर पर गठित राज्य संसाधन केंद्र (एसआरसी) ने इन बच्चों के भविष्य को लेकर सरकार को अलर्ट किया है। एसआरसी ने इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जिलों के लिए एडवाइजरी भेजने को कहा है, ताकि बच्चों का फिर से पलायन न हो।
प्रवासियों के साथ लौटे हैं 25 हजार बच्चे
एसआरसी ने इससे पूर्व बच्चों की वापसी और उसके पुनर्वास को लेकर सरकार को अलर्ट कर चुके राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) का हवाला दिया है। पत्र के माध्यम से एसआरसी ने कहा है कि मौजूदा परिस्थिति और भावी आर्थिक संकट को देखते हुए इस आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता कि पलायन, बाल तस्करी और बाल विवाह के लिए बदनाम झारखंड में यह समस्या और भी गहरा जाए। इससे बचने के लिए जरूरी है कि सरकार ऐसे बच्चों खासकर 16 से 18 साल की लड़कियों के लिए पुनर्वास तथा कौशल विकास प्रशिक्षण पर फोकस करे। एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए एसआरसी ने दावा किया है कि राज्य से हर साल फीसद बालिकाएं मानव तस्करी की शिकार हो रही हैं। ऐसे में उनका पुनर्वास कर झारखंड को कलंकित होने से बचाया जा सकता है।

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