कासगंज में फंसे दर्जनों असम प्रवासी कामगार, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से घर जाने की लगा रहे गुहार

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असम के अलावा कई अन्य राज्यों के प्रवासी कामगार भी कासगंज में फंसे हैं।
कासगंज: लॉक डाउन के चलते असम राज्य के डेढ़ सौ से अधिक प्रवासी कामगार कासगंज में फंसे,
इन कामगारों में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल हैं,
यह सभी प्रवासी कामगार फिलहाल कासगंज प्रशासन द्वारा संचालित सामुदायिक रसोई से खाना लेकर अपना पेट भर रहे हैं।
लेकिन 15 हज़ार रुपये महीना का मकान किराया भरने के पैसे अब इनके पास नहीं हैं।
ये सभी प्रवासी कामगार अपने राज्य को जाने के लिए असम के मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से गुहार लगा रहे हैं।
प्रवासी कामगार विनय व दीपांकर ने बताया कि बीते कई महीनों से वह कासगंज जनपद में डोर टू डोर मार्केटिंग का काम कर रहे थे, लॉक डाउन के चलते उनका काम अब पूरी तरह बंद हो चुका है।
वह जिस कंपनी के लिए काम करते थे।
वह कंपनी भी कासगंज से अपना कारोबार समेटकर जा चुकी है।
ऐसे में अब उनके पास बापस अपने घर जाने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं।
इन प्रवासी कामगारों में अभिजीत, रिचा भद्रा, सुमारानी मंडल, सुनील टंडन, रूबल गोगोई सहित दो दर्जन कामगार शामिल हैं।
इस तरह असम के अलावा कई अन्य राज्यों के प्रवासी कामगार भी कासगंज में फंसे हैं।

 

अमित तिवारी राष्ट्रीय जजमेंट ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट ✍️

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