जहरीली हवा में दुनिया की 91 फीसद आबादी ले रही है सांस
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर साल दुनिया में 70 लाख लोग सामान्यतौर पर सांस लेने से मारे जा रहे हैं।
वायु प्रदूषण को नए किस्म की तंबाकू बताते हुए संस्था ने चेताया है कि
दुनिया की 91 फीसद आबादी आज विषैली वायु की चपेट में है।
वायु प्रदूषण से सबको नुकसान होता है, लेकिन विकसित होते अंगों वाले बच्चों और शिशुओं के लिए यह विषैली हवा बहुत खतरनाक है।
दुनिया में 30 करोड़ लोग ऐसी जगहों पर रहते हैं जहां विषैली हवा का स्तर अंतरराष्ट्रीय मानकों से छह गुना ज्यादा है।

वायु प्रदूषण से हर साल होने वाली अनमोल मानव संसाधन की मौतें और उनके इलाज में खर्च की रकम बहुत अधिक है। विश्व बैंक का अध्ययन बताता है कि
हर साल दुनिया को इस मद में पांच लाख करोड़ डॉलर की चपत लगती है। प्रदूषण करने वाले उद्योगों को बंद करके, यातायात के स्वच्छ ईंधन वाले माध्यमों को अपनाकर न
केवल हम इस महामारी को रोक सकते हैं बल्कि जलवायु परिवर्तन की गहराती समस्या का भी समाधान पा सकते हैं।
