ABVIMS के डॉक्टरों और RML के डॉक्टरों का PM केयर्स फंड में दान देने से इनकार

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रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. लिहाजा सैलरी काटने की बजाय डॉक्टरों को रिस्क अलाउंस दिया जाना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर सबसे आगे खड़े होकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं.

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने के लिए लोग लगातार दान दे रहे हैं. मोदी सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड बनाया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स फंड में दान देने की अपील की है. इस पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), राम मनोहर लोहिया (RML) हॉस्पिटल और अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ने अपने कर्मचारियों की एक दिन की सैलरी को पीएम केयर्स फंड में दान देने का फैसला लिया है. हालांकि डॉक्टर इस फैसले का विरोध कर रहे हैं.

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एम्स के बाद अब राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल और अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉक्टरों ने अपनी एक दिन की सैलरी को पीएम केयर्स फंड में दान देने पर आपत्ति जताई है. रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने अस्पताल के प्रशासन को खत लिखकर अपनी आपत्ति जाहिर की है. साथ ही डॉक्टरों की सैलरी नहीं काटने की अपील की है.

इससे पहले एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी अस्पताल प्रशासन से अनुरोध किया था कि वह पीएम केयर्स फंड में कर्मचारियों के एक दिन का वेतन देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करे. एसोसिएशन का कहना था कि पीएम केयर्स फंड में या तो दान स्वैच्छिक किया जाए या फिर इसे पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए.

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