कुशीनगर: गन्ना बकाया मूल्य भुगतान और बन्द चीनी मिल को चलवाने हेतु किसानों में आक्रोश

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रिपोर्ट प्रेम चन्द्र कुशीनगर

कुशीनगर। भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई, जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति माध्यम से बताया गया है कि पिपराईच चीनी मील 08 दिसम्बर 2019 को पेराई सत्र 2019-20 शुरू किया था और मिल द्वारा भुगतान दिनाँक 18 दिसम्बर 2019 (मात्र 10 दिन) का अभी तक हुआ है|

कुशीनगर

इस सम्बन्ध में यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने दिनाँक 04 अप्रैल 2020 को जनरल मैनेजर पिपराईच चीनी मिल से मोबाइल से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि गन्ना भुगतान 08 अप्रैल 2020 से शुरू किया जायेगा|

दिनाँक 09 अप्रैल 2020 जनपद कुशीनगर (सर्कल 3, लाला छपरा) के दर्जनों किसान गन्ने का भुगतान के लिये जब पूर्वांचल बैंक, लक्ष्मीगंज पहुँचे तो पिपराईच चीनी मिल द्वारा बैंक में गन्ने का भुगतान नही भेजा गया। जिसकी सूचना किसानों द्वारा यूनियन के जिलाध्यक्ष श्री सिंह को दिया गया|

श्री सिंह ने तत्काल जनरल मैनेजर से मोबाइल पर सम्पर्क किया गया तो उनके मोबाइल से बात नही हो सका| इस सम्बन्ध में तत्काल जिला गन्ना अधिकारी से बात किया गया तो उनके द्वारा भी कोई ठोस जबाब नही मिल सका| इस समय गेहूं की मडाई का समय आ गया है और

गन्ने का भुगतान समय से नही होने के वजह से किसान आक्रोशित नजर आ रहा है और जिम्मेदार अपने आँख और कान दोनों बन्द करके मौन धारण किये हुए है जबकि योगी सरकार का फरमान है कि गन्ने का भुगतान चीनी मीलों द्वारा 14 दिन में कराया जायेगा।

मगर उनके फरमान की धज्जियां पिपराईच सरकारी चीनी मिल द्वारा ही उडाया जा रहा है तो प्राइवेट चीनी मीलों के विषय में क्या कहना? कुछ किसानों का कहना है कि लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल चलवाने के लिये 109 दिन लगातार धरना प्रदर्शन किया गया।

उसके बाद भी योगी सरकार मिल को चलवाने के लिये घोषणा नही किया जो इस परिक्षेत्र के किसानों के साथ सरासर नाइंसाफी है| यदि लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मिल चालू हो जाता या यहाँ पर नया चीनी मिल लग जाता तो इस क्षेत्र के किसानों की ऐसी दुर्दशा देखने को नही मिलता|

भारतीय किसान यूनियन (भानु) की जिला इकाई कुशीनगर के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने योगी सरकार को चेताया है कि यदि जनपद कुशीनगर (सर्कल 3, लाला छपरा) के किसानों के गन्ने का भुगतान पिपराईच चीनी मील द्वारा अबिलम्ब नही हुआ और साथ ही साथ लक्ष्मीगंज बन्द चीनी मील चलवाने या

यहाँ पर नया चीनी मिल लगवाने की घोषणा नही किया गया तो किसान हित में हमारे यूनियन द्वारा कोई कठोर फैसला लिया जा सकता है जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी|

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