ये तो अपने सुना ही होगा कि ये पूरी दुनिया सोच पर टिकी है.
सोच आपकी जिंदगी में महत्वपूर्ण किरदार निभाती है ये सकारात्मक भी होती है
तो नकारात्मक भी, लेकिन एक जैसे ही लगने वाले इन शब्दों में जमीन आसमान का फर्क है.
सकारात्मक सोच आपको जीवन में आगे ले जाती है और वही नकारात्मक सोच कभी भी जीवन में आगे नहीं बढ़ने देती.
सकारात्मक सोच से व्यक्ति हमेशा खुश रह सकता है और नकारात्मक सोच से व्यक्ति अवसाद से घिर जाता है
दोस्तों आज हम आपको एक ऐसी ही मोटिवेशनल स्टोरी की और लेकर जा रहे है.
मोटिवेशनल कहानी –
एक बार की बात है. पिताजी अपनी बेटी को बाजार घुमाने ले गए,
बाजार में तरह-तरह की चीजें थी. लेकिन बेटी ने एक बार भी किसी चीज के लिए जिद नहीं की.. पिता ये सब देख बहुत खुश थे.
लेकिन तभी बेटी की नजर सेब से भरे एक ठेले पर पड़ी ।
बेटी ने अपने पिताजी को कहा पिताजी मुझे भूख लगी है आप मुझे सेब दिलादो.
अपनी बेटी के कहने पर पिताजी गए और दो सेब खरीदकर अपनी बेटी को दे दिए.
बेटी बहुत खुश थी. अब उसके दोनों हाथो में एक एक सेब था.
पिताजी ने अपनी बेटी से पूछा – बेटी क्या तुम मेरे साथ एक सेब बाँट सकती हो?
क्या आप मुझे इस सेब का सिर्फ एक टुकड़ा दे सकती हो.
अपने पापा की बात सुनते ही बेटी ने एक सेब का टुकड़ा खा लिया।
इससे पहले उसके पिताजी कुछ और कहते उसने दूसरे सेब का टुकड़ा भी खा लिया।
ये सब देखकर उसके पिताजी हैरान हो गए उन्हें बहुत दुःख हुआ कि
उनकी बेटी अभी से उनके साथ ऐसा क्यों कर रही है .
और वो अपने मन ही मन सोचने लगे – आखिर मेने अपनी बेटी को ये कैसे संस्कार दिए है.
मेरी इतनी छोटी सी बेटी के अंदर लालच की भावना कहा से पैदा हुई.
शायद इन सबकी वजह मै ही हु मेरे ही ज्यादा लाड प्यार से ये बिगड़ गयी है.
वो मन ही मन ये सब बातें सोच रहे थे तभी बेटी ने अपने पापा को एक सेब बढ़ाते हुए कहा पापा ये लोग आप ये सेब खाएये ये सेब इस दूसरे सेब से ज्यादा मीठा और रसीला है.
तो आप ये मीठा सेब खाइये.अपनी बेटी की अब ये बात सुनकर वो कुछ भी नहीं कहा पाए उन्हें अपनी सोच पर बहुत बुरा मह्सूस हो रहा था.
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