झांसी: खदान में विस्फोट से दो मजदूरों की मौत पर परिजनों ने किया हाईवे जाम और पथराव

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झांसी। गोरामछिया स्थित खदान में शुक्रवार सुबह हुई दो मजदूरों की मौत के मामले में

खदान में विस्फोट

परिजनों ने कार्रवाई की मांग को लेकर देर रात झांसी-कानपुर हाईवे जाम कर दिया।
वे आरोपियों पर कार्रवाई व मृतक परिवार को 50 लाख रूपए मुआवजा देने की मांग पर अड़े थे।
सूचना पाकर पहुंचे डीएम व एसपी ने लोगों को समझाने का प्रयास किया,
तभी अचानक भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया।
जिससे दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालत पर काबू पाया है।
थाना बड़ागांव के गोरामछिया में खदान है।
शुक्रवार की सुबह खदान स्थल पर डायनामाइट लगाकर पत्थर तोड़े जा रहे थे।
तभी धमाके से पत्थरों की चपेट में आकर मजदूर मिथुन (25) व राजीव (20) घायल हो गए।
दोनों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
यह देख खदान का ठेकेदार मौके से फरार हो गया।
इसकी सूचना पाकर पहुंचे परिजनों ने पुलिस को जानकारी दी और
ठेकेदार मोहर सिंह यादव के खिलाफ केस दर्ज कराया।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
देर शाम परिजन पोस्टमार्टम कराकर शव घर ला रहे थे,
लेकिन अचानक लोगों ने इस घटना के विरोध में झांसी-कानपुर राजमार्ग पर
शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। भारी तादाद में लोग धरने पर बैठे गए थे।
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी शिवसहाय अवस्थी व
एसएसपी डॉक्टर ओपी सिंह ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाते हुए जाम खुलवाने को कहा,
लेकिन लोग अपनी मांगों पर डटे रहे। अभी वार्ता चल रही थी,
तभी अचानक भीड़ ने आपा खोने के बाद पुलिसकर्मियों पर हमला बोल दिया।
अभी पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते, तभी भीड़ ने मारपीट करने के बाद पथराव कर दिया।
अधिकारी समेत पुलिसकर्मी किसी तरह मौके से भागे, तभी पत्थर लगने से दो पुलिसकर्मी घायल हो गए।
भीड़ ने जाम में फंसे वाहनों पर भी पथराव कर दिया,
जिससे एक दर्जन से अधिक वाहनों के कांच टूटने के साथ ही वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
इसके बाद पुलिस ने भीड़ पर नियंत्रण पाने के लिए लाठीचार्ज कर खदेड़ा,
जिससे मौके पर भगदड़ मच गई।
इस बीच पुलिस ने पथराव करने के मामले में कई लोगों को हिरासत में ले लिया है।
डीआईजी सुभाष सिंह बघेल ने भी घटना की जानकारी लेकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
परिजनों का आरोप है कि जिस खदान में ब्लॉस्टिंग हुई है, वह 150 फिट गहरी है।
इतनी गहरी खदान में सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर रात के समय काम कराया जा रहा था।
परिजनों ने यह भी बताया कि लंबे समय से दोनों खदान में काम कर रहे थे।
काम करने से जाने को मना कर दिया था।
खदान मालिक मोहर सिंह यादव जबरन उन्हें अपने साथ ले गया था।
वहीं, मुकदमा दर्ज करने से पहले आरोपी खदान मालिक बड़ागांव पुलिस के पास था।
परिजनों का आरोप है कि मुकदमा दर्ज करने से पहले आरोपी को छोड़ दिया गया।
वह परिजनों को मुआवजा देने को भी तैयार था।
लेकिन पुलिस ने सांठगांठ कर उसे छोड़ दिया।
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