सदर बाजार से लोनी तक फैला नकली दवाओं का जाल टूटा, दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पकड़े दो आरोपी, 2.3 करोड़ की फर्जी दवाएं जब्त

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने नकली दवाओं के एक बड़े और बेहद संगठित रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह द्वारा स्किन एलर्जी और खेल चोटों में इस्तेमाल होने वाली शेड्यूल-एच मलहमों की नकली ट्यूबें बनाकर पूरे देश में सप्लाई की जा रही थीं। पुलिस ने करीब 1200 ट्यूब नकली बेटनोवेट-सी, 2700 से ज्यादा ट्यूब नकली क्लोप-जी, 3700 से ज्यादा ट्यूब नकली स्किन-शाइन, 22 हजार खाली फेक क्लोप-जी ट्यूबें, 350 किलो से ज्यादा नकली मलहम बेस, अन्य रसायन, मशीनरी आदि बरामद की गई। इन फर्जी दवाओं की कीमत करीब 2.3 करोड़ रुपये बताई जा रही है, जो लोगों की सेहत से खतरनाक खिलवाड़ कर रही थीं।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि इस मामले में दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपी गौरव भगत (मेरपुर हिंदू गांव, लोनी, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश निवासी) और श्री राम उर्फ विशाल गुप्ता (निर्मल विहार, सभापुर, दिल्ली निवासी) हैं। यह कार्रवाई इंस्पेक्टर मनजीत कुमार के नेतृत्व में एसीपी अनिल शर्मा के पर्यवेक्षण में की गई।

गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस टीम ने सबसे पहले सदर बाजार के तेलीवाड़ा इलाके में छापेमारी की, जो दिल्ली का प्रमुख थोक दवा और कॉस्मेटिक बाजार है। यहां से बड़ी मात्रा में नकली बेटनोवेट-सी और क्लोप-जी मलहम बरामद किए गए। ये दवाएं त्वचा एलर्जी और स्पोर्ट्स इंजरी के इलाज में व्यापक रूप से इस्तेमाल होती हैं, इसलिए इनकी फर्जी सप्लाई से आम लोगों की जान को गंभीर खतरा था।

डीसीपी आदित्य गौतम ने बताया कि इसके बाद फॉलो-अप जांच और तकनीकी विश्लेषण से गाजियाबाद के लोनी इलाके में मेरपुर हिंदू गांव स्थित नकली दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का पता चला। ड्रग इंस्पेक्टरों और फार्मास्युटिकल कंपनियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में यहां से भारी मात्रा में तैयार नकली दवाएं, पैकिंग सामग्री, कच्चा रसायन और मशीनरी बरामद की गई। ड्रग इंस्पेक्टरों ने मौके पर जांच कर सैंपल लिए और पुष्टि की कि जब्त दवाएं पूरी तरह फर्जी हैं। ये न तो मूल कंपनियों द्वारा बनाई गई थीं और न ही आरोपियों के पास इनके निर्माण, भंडारण या बिक्री का कोई वैध लाइसेंस था। इसके आधार पर 12 दिसंबर को क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में बीएनएस की संबंधित धाराओं और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

डीसीपी ने बताया पूरे सप्लाई चेन को तोड़ने के लिए आगे भी छापेमारी जारी है। बिक्री करने वाले, डिलीवरी हैंडलर और डिस्ट्रीब्यूटरों की तलाश की जा रही है। जांच पूरी तरह समन्वित तरीके से चल रही है ताकि इस अवैध कारोबार के सभी लाभार्थियों तक पहुंचा जा सके।

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