रंगदारी नहीं दी तो कर दी बदमाश की हत्या, पांच नाबालिग ने अपने ही “उस्ताद” का रेलवे ट्रैक पर चेहरा कुचलकर गला रेता, पकड़े गए कातिल

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की उत्तर-पश्चिम जिले की टीम ने राजधानी में सनसनी फैलाने वाले ब्लाइंड मर्डर केस को महज 12 घंटे के अंदर सुलझा कर इतिहास रच दिया। 6 दिसंबर की सुबह WPIA झुग्गियों के पास रेलवे ट्रैक पर जिस व्यक्ति का खून से लथपथ शव मिला था, उसकी बेरहमी से की गई हत्या ने सबको हिला कर रख दिया था। चेहरा कुचला हुआ, गला पूरी तरह रेत दिया गया था। मगर पुलिस ने पांचों हत्यारों को पकड़ लिया, और चौंकाने वाली बात ये कि सभी हत्यारे 15 से 18 साल के नाबालिग हैं।

उत्तर-पश्चिम जिले के डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि 6 दिसंबर को तड़के 3:16 बजे अशोक विहार थाने में सूचना मिली कि रेलवे फाटक नंबर-4 के पास एक लाश पड़ी है। मौके पर पहुंची पुलिस ने देखा कि 25-30 साल के युवक का शव बुरी तरह क्षत-विक्षत हालत में है। चेहरा पहचान से बाहर, गले पर गहरे घाव। मामला सब्ज़ी मंडी रेलवे थाने के क्षेत्र का होने से केस ट्रांसफर कर दिया गया और वहां धारा 103(1) BNS के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।

मामले की गंभीरता को देखते हुए अशोक विहार थाने में इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में स्पेशल टीम गठित की गई। टीम में एसआई नवीन, हेड कांस्टेबल करन पाल, कांस्टेबल भूपेश, संदीप और दिनेश शामिल थे। थाना प्रभारी प्रमोद कुमार और एसीपी आकाश रावत ने सुपरविजन किया। टीम ने सबसे पहले मृतक की शिनाख्त की, जो मोनू उर्फ मनोज उर्फ क्रॉसिंग (28-30), निवासी CSA कॉलोनी, WPIA अशोक विहार निकला। मोनू थाने का कुख्यात बदमाश था, उसके खिलाफ चोरी, लूट, मारपीट सहित सात गंभीर केस दर्ज थे।

डीसीपी भीष्म सिंह ने बताया कि CCTV फुटेज, तकनीकी सर्विलांस और लोकल इनपुट के आधार पर टीम ने 12 घंटे के अंदर सभी पांच नाबालिग को दबोच लिया। पुलिस जांच में जो खुलासा हुआ, वह दिल दहला देने वाला था। मोनू इन पांचों नाबालिगों को छोटी-मोटी चोरियां करवाता था और पैसों में अपना बड़ा हिस्सा रखता था। बाकी लड़कों को धमकी देता था कि “पैसे नहीं दिए तो जान से मार दूंगा”। चोरी के पैसों के बंटवारे को लेकर पुराना विवाद चल रहा था। 5-6 दिसंबर की रात फिर झगड़ा हुआ और गुस्से में आकर इन नाबालिगों ने चाकू-स्‍क्रूड्राइवर से मोनू पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। गला रेत दिया, चेहरा कुचल दिया ताकि कोई पहचान न सके और शव रेलवे ट्रैक पर फेंककर फरार हो गए। पूछताछ में सभी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। अभी हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद नहीं हुए हैं। नाबालिगों के खिलाफ जेजे एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है और जांच जारी है।

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