चीन से पार्ट्स, कबाड़ से मदरबोर्ड, फिर करोल बाग में बनते थे ‘नए’ फोन, IMEI बदलने वाला पूरा गैंग धराया, 1826 फोन बरामद

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के व्यस्त इलाके करोल बाग में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली मोबाइल फोन बनाने और IMEI नंबर बदलने की एक अत्याधुनिक अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के थाना करोल बाग की टीम ने बीदनपुरा की गली नंबर-22 स्थित चार मंजिला इमारत की चौथी मंजिल पर छापेमारी कर पांच शातिर आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। मौके से 1826 तैयार की-पैड व स्मार्टफोन, हजारों मोबाइल बॉडी पार्ट्स, IMEI राइटर सॉफ्टवेयर और लैपटॉप बरामद किया गया।

पुलिस के मुताबिक यह गैंग पिछले दो साल से यह अवैध धंधा चला रहा था। आरोपी कबाड़ियों से पुराने मोबाइल फोन के मदरबोर्ड सस्ते दामों पर खरीदते थे, चीन से नए-नकोर बॉडी पार्ट्स, स्क्रीन और कवर मंगवाते थे। फिर इन पुराने मदरबोर्ड को नए पार्ट्स के साथ जोड़कर फोन असेंबल करते थे। सबसे खतरनाक बात यह थी कि असेंबल फोन का IMEI नंबर “WRITEIMEI 0.2.2” नाम के अवैध सॉफ्टवेयर से बदल दिया जाता था, ताकि चोरी के या ब्लैकलिस्ट फोन भी नेटवर्क पर चलने लगें और बाजार में असली ब्रांडेड फोन की कीमत पर बिक सकें।

डीसीपी सेंट्रल निधिन वल्सन ने बताया कि पिछले 15 दिनों से “ऑपरेशन साइबरहॉक” के तहत करोल बाग थाना पुलिस को लगातार इनपुट मिल रहे थे। इसी आधार पर एसएचओ करोल बाग के नेतृत्व में एसआई भूपेंद्र सिंह, हेड कांस्टेबल दीपक, मनोज, मंजीत, नरेंद्र और कांस्टेबल कमलजीत, कौशल व सुनील की टीम गठित की गई। 20 नवंबर को रात में छापा मारा गया और “आदित्य इलेक्ट्रॉनिक्स एंड एक्सेसरीज” नाम की दुकान से पूरा गैंग पकड़ा गया।

गिरफ्तार आरोपियों में अवैध फैक्ट्री का मालिक ककरोला निवासी आशोक कुमार (45 वर्ष), तिलक नगर निवासी रामनारायण (36 वर्ष), मोती नगर निवासी धर्मेंद्र कुमार (35 वर्ष), मंडावली निवासी दीपांशु (25 वर्ष) और सबसे कम उम्र का आरोपी तिलक नगर निवासी दीपक (19 वर्ष) शामिल है। पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध सामान जब्त किया, जिसमें 1826 पूरी तरह तैयार की-पैड व स्मार्टफोन, IMEI नंबर बदलने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा एक लैपटॉप, WRITEIMEI 0.2.2 नाम का अवैध सॉफ्टवेयर, IMEI स्कैन करने वाली विशेष मशीन, हजारों की संख्या में मोबाइल फोन के नए बॉडी पार्ट्स, पहले से प्रिंट किए गए हजारों फर्जी IMEI लेबल, फोन असेंबल करने के सभी औजार और पैकिंग सामग्री शामिल हैं।

डीसीपी ने बताया कि करोल बाग थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4)/112, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 65 तथा टेलीकॉम एक्ट-2023 की धारा 42(3)(c) व 42(3)(e) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस अब इस गैंग की सप्लाई चेन, चीन से पार्ट्स लाने वाले सप्लायर्स और दिल्ली-एनसीआर में इन फोन को खपाने वाले बड़े व्यापारियों की तलाश कर रही है।

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