ओबीसी वोट बैंक साधने की तैयारी में बहुजन समाज पार्टी; भाईचारा कमेटी की बैठक में बनायी गई ये स्ट्रेटेजी

राष्ट्रीय जजमेन्ट

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने शनिवार को प्रदेश मुख्यालय में पिछड़े वर्ग समाज भाईचारा संगठन के प्रदेश पदाधिकारी की मासिक बैठक ली. इस बैठक में उन्होंने ओबीसी समाज को बीएसपी से जोड़ने के लिए दिए गए पिछले निर्देशों के अनुसार हुए काम की समीक्षा की.ओबीसी समाज को बीएसपी से जोड़ने पर जोर: बैठक में उन्होंने ओबीसी समाज को बीएसपी से जोड़ने के लिए पिछले कुछ महीने पूर्व उनके द्वारा ली गई बैठक में दिए गए जरूरी दिशा निर्देशों की जमीनी कार्रवाई और उसके रिजल्ट के बारे में जिलावर रिपोर्ट ली.
साथ ही पार्टी को आर्थिक सहयोग देने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए. इसके अलावा चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश सहित देश भर के 12 राज्यों में कराई जा रहे मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण एसआईआर के महत्व को समझाते हुए, उन्हें चुनाव आयोग के गाइडलाइन को पूरी तत्परता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं.
बामसेफ पढ़े लिखे कर्मचारियों का सामाजिक संगठन: बहुजन समाज पार्टी की तरफ से जारी किए गए प्रश्नोत्तरी में बताया गया है कि बैठक में मायावती ने ओबीसी समाज बीएसपी के बैनर तले सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने के लिए जितनी जल्दी संगठित होकर मजबूती से काम करेगा. उनके अच्छे दिन उतने ही जल्दी जरूर आएंगे.
साथ ही इस बैठक में उन्होंने बामसेफ के बारे में आए दिन किस्म किस्म की फैलाई जा रही भ्रांतियां को दूर करने के उद्देश्य से आए पदाधिकारी को कहा कि बामसेफ राजनीतिक संगठन है, पार्टी नहीं है. यह पढ़े लिखे कर्मचारियों का एक सामाजिक संगठन है.बहुजन समाज में सामाजिक चेतना जागृत करें: इसका प्रमुख काम अपनी सुविधा अनुसार बहुजन समाज के लोगों को सामाजिक चेतना पैदा करने का है. उन्होंने अपने पदाधिकारियों से कहा कि वह ऐसे लोगों को ज्यादा से ज्यादा बामसेफ में जोड़ें और कांशीराम के द्वारा स्थापित इस संगठन में उनका सहयोग लें और दलित व पिछले जाति के लोगों को मुख्य धारा में लाने के लिए उनका सहयोग लें.
उन्होंने बैठक में आए पदाधिकारी को 2005 से बहुजन समाज पार्टी में अति पिछड़ा वर्ग और दलित सहित स्वर्ण समाज को जोड़ने के लिए जो भी जरूरी कदम उठाए गए हैं, उन्हें दोबारा फिर से शुरू करने और उसके माध्यम से लोगों को जोड़कर बसपा की नीतियों को बताने के निर्देश दिए.
78 जातियों को मिला चुनाव लड़ने का हक: बैठक के बाद बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बैठक में आए सभी पदाधिकारी को निर्देश दिए कि वह ज्यादा से ज्यादा अति पिछड़ा समाज के लोगों को बहुजन समाज पार्टी से जोड़े. उन्हें उनके मौजूदा राजनीतिक हितों और नुकसान के बारे में बताए
उन्होंने कहा कि इस प्रदेश में बसपा के गठन होने से पहले 78 ऐसी अति पिछड़े जातियां थीं, जिन्हें कभी भी चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला था. मान्यवर काशीराम ने जब बसपा का गठन किया तो अति पिछड़े समाज की इन 78 जातियों को चुनाव लड़ने का हक मिला.
लोगों ने बरगला पाएं बीजेपी और सपा: बैठक में आए सभी बड़े पदाधिकारी को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने-अपने जिलों में जाकर बसपा के के कार्यकाल में अति पिछड़ों, दलित, मुसलमान और सर्व समाज के लिए जो भी कार्य किए गए हैं, उसे लोगों को बताएं. साथ ही मौजूदा भाजपा सरकार की नीतियों और समाजवादी पार्टी के फर्जी पीडीए के बहकावे में आकर जिन लोगों ने अपने वोट को खराब किया है, उन्हें दोबारा से पार्टी से जोड़ा जाए.
दोबारा सत्ता में आने के लिए एकजुट हों: बहुजन समाज पार्टी को 2027 के विधानसभा चुनाव में दोबारा सत्ता दिलाने के लिए उन्हें एकजुट किया जाए. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग बहुजन समाज का ही एक अंग है. बहुजन समाज पार्टी ने ही पिछला वर्ग की लड़ाई सबसे अधिक लड़ी है. चाहे वह मंडल कमीशन के माध्यम से आरक्षण लागू करना हो या फिर उन्हें राजनीतिक भागीदारी में शामिल करना हो.यह सभी काम बसपा शासन में बखूबी किया गया है. प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि वोटर सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के लिए बहन मायावती ने जो गाइडलाइन दी है. उसके साथ हम चुनाव आयोग के साथ मिलकर काम करेंगे.

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