साइबर ठगों का अंतरराज्यीय जाल ध्वस्त: फर्जी होटल बुकिंग से 1 करोड़ की लूट, चार धोखेबाज धराए

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की दक्षिण-पूर्वी जिला साइबर सेल ने पांच सितारा होटलों के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर देशभर में ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। 144 घंटे के मेगा ऑपरेशन में राजस्थान और उत्तराखंड से चार शातिर ठगों को गिरफ्तार किया गया। इनके नेटवर्क से जुड़ी 100 से अधिक फर्जी होटल वेबसाइट्स का खुलासा हुआ है। एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज 132 शिकायतों में ठगी की कुल रकम 1 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई है।

दक्षिण-पूर्व जिले के डीसीपी डॉ. हेमंत तिवारी ने बताया कि 19 अगस्त को चंडीगढ़ निवासी शशांक रायजादा ने JW मैरियट होटल में बुकिंग के नाम पर 68 हजार रुपये की ठगी की शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई। इसके बाद इंस्पेक्टर पवन लाकड़ा के नेतृत्व में गठित टीम ने 23 से 31 अक्टूबर तक पांच राज्यों में लगातार छापेमारी की।

24 अक्टूबर को राजस्थान के दीग जिले के गांव झेंझपुरी में दबिश देकर शरूप (26), इकरार (27) और सोहेल (24) को दबोचा गया। पूछताछ में इकरार ने खुद को गिरोह का मास्टरमाइंड बताया। वेबसाइट डेवलपमेंट, गूगल ऐड्स का भुगतान और पैसे का लेन-देन उसी के जिम्मे था। 28 अक्टूबर को मेवात से अपराध में इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद हुआ। डिजिटल कड़ियां उत्तराखंड के उद्यम सिंह नगर पहुंचीं, जहां 30 अक्टूबर को “Adsline” विज्ञापन एजेंसी के मालिक गोपाल सिंह कार्की (32) को गिरफ्तार किया गया। उसके लैपटॉप से 100 से ज्यादा फर्जी होटल पोर्टल्स का पूरा डेटा मिला।

पुलिस ने 6 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप और जाली डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए। डीसीपी हेमंत तिवारी ने कहा, “तकनीक और टीमवर्क का ऐसा ऑपरेशन साइबर अपराधियों की कमर तोड़ने की मिसाल बनेगा।” पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और बैंक खातों की छानबीन कर रही है।

ठगी का तरीका था बेहद शातिराना  

आरोपी गूगल पर पेड ऐड चलाते थे, जिससे सर्च में असली होटल की जगह उनकी फर्जी साइट टॉप पर आती। कॉल आते ही खुद को रिसेप्शनिस्ट बताकर 10-20% डिस्काउंट का लालच देते। पेमेंट लिंक भेजकर पैसे ऐंठते और तुरंत व्यापारियों के जरिए सोना-मोबाइल खरीदकर नकद में बदलते। एक ही शिकायत में 68 हजार का सोना जयपुर में डिलीवर कराया गया था।

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