‘बाबा किस्मतवाले’ का काला साम्राज्य ध्वस्त: दिल्ली पुलिस ने पकड़ा जामताड़ा-बंगाल कनेक्शन, 2 लाख ठगी सॉल्व

नई दिल्ली: साइबर ठगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की मुहिम ने एक और बड़ी कामयाबी दर्ज की है। वेस्ट डिस्ट्रिक्ट की साइबर थाना पुलिस ने अंतरराज्यीय फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़ करते हुए इसके मास्टरमाइंड नीवाश कुमार मंडल (28) को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया। नीवाश टेलीग्राम चैनल ‘बाबा किस्मतवाले’ चलाकर देशभर के साइबर अपराधियों को बैंक कस्टमर्स का पर्सनल और फाइनेंशियल डेटा बेचता था। उसके साथी प्रद्युम्न कुमार मंडल (24) को झारखंड के कुख्यात जामताड़ा से दबोचा गया। एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने 9 मोबाइल फोन, 5 एटीएम/क्रेडिट कार्ड, 3 चेकबुक, एक मैकबुक, एक आईपैड और 47,800 रुपये नकद बरामद किए हैं।

यह कार्रवाई एक शिकायत के बाद शुरू हुई, जिसमें पीड़ित को दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के नाम पर फर्जी व्हाट्सऐप मैसेज भेजकर 2 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया। ठगों ने ‘दिल्ली जल बोर्ड V4.apk’ नाम का मैलिशियस फाइल भेजा और पीड़ित को बैंकिंग डिटेल्स डालने के लिए उकसाया। पैसे हिंदुस्तान पेट्रोलियम के ड्राइवट्रैक प्लस कार्ड के जरिए हरियाणा के नूंह में पेट्रोल पंप पर निकाले गए। साइबर थाना वेस्ट में एफआईआर दर्ज की गई।

डीसीपी वेस्ट दराड़े शरद भास्कर के निर्देश पर एसीपी ऑप्स विजय सिंह की देखरेख में स्पेशल टीम गठित हुई। टीम ने मनी ट्रेल का पीछा किया तो पता चला कि कार्ड इंफीबीन पेमेंट गेटवे से बना था। टेक्निकल एनालिसिस से जामताड़ा कनेक्शन सामने आया। नीवाश का नाम उभरा, जो 2024 से ‘बाबा किस्मतवाले’ टेलीग्राम बॉट चला रहा था।

सुबह-सुबह रेड की गई। पहले पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना में नीवाश को पकड़ा गया। उसके पास से डिजिटल डिवाइस और कैश बरामद हुए। फिर झारखंड के जामताड़ा में प्रद्युम्न और नाबालिक को दबोचा गया। नीवाश बीटेक (कंप्यूटर साइंस) पास और CEH डिप्लोमा होल्डर है। उसके खिलाफ दिल्ली में 2 सहित 4 साइबर केस दर्ज हैं। प्रद्युम्न के नाम 3 केस हैं। नाबालिक जो सॉफ्ट वॉइस में कॉल करके APK इंस्टॉल करवाता था।

गैंग DJB, बैंक और BSES का नाम लेकर फर्जी मैसेज भेजता था। डेटा चुराकर नीवाश इसे यूपी, राजस्थान, बंगाल, झारखंड के ठगों को बेचता। आगे की जांच जारी है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More