दिल्ली पुलिस ने गोगी गैंग के दो बदमाश दबोचे, पाकिस्तानी ठगों के लिए क्रिप्टो लॉन्ड्रिंग का खुलासा

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आउटर नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट टीम ने गोगी गैंग और सोनू खरखरी के कुख्यात अपराधियों को धर दबोचा है। गिरफ्तार आरोपियों से एक 2 जिंदा कारतूसों के साथ सेमी-ऑटोमैटिक पिस्टल, एक कारतूस के साथ देसी कट्टा और एक सफेद i20 कार बरामद की गई। मुख्य आरोपी 22 वर्षीय ऋतिक उर्फ बमब छह गंभीर मामलों का हिस्ट्रीशीटर है और कापसहेड़ा थाने का घोषित बदमाश है। 19वर्षीय सह-आरोपी चंदन दो हत्या के प्रयास और लूट के मामलों में फंसा है। पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि ऋतिक पाकिस्तानी ठगों के लिए क्रिप्टोकरेंसी के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग करता था, जिसमें फर्जी लोन ऐप्स से ब्लैकमेल की गई रकम को छिपाया जाता था।

आउटर नॉर्थ के डीसीपी हरीश्वर स्वामी ने बताया कि दुर्गा पूजा की धूम में 2 अक्टूबर को समायपुर बादली थाने की गश्ती टीम, कॉन्स्टेबल विकास, अश्वनी और विजय के नेतृत्व में संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर के बीजी ब्लॉक में गश्त कर रही थी। श्री राम धर्मकांटा के सामने एक बिना फ्रंट नंबर प्लेट वाली सफेद i20 कार दिखी। पुलिस को देखते ही कार उल्टी दिशा में भागी, लेकिन त्वरित पीछा कर वाहन को रोक लिया गया। तीन संदिग्ध भाग निकले, जबकि ऋतिक, चंदन और रोहित को मौके पर पकड़ लिया गया। रोहित को बाद में छोड़ दिया गया, लेकिन ऋतिक और चंदन के पास से अवैध हथियार बरामद हुए। समायपुर बादली थाने में आर्म्स एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।

ऋतिक राजेश भारती की ‘क्रांति गैंग’ से जुड़ा था, जिसका सरगना 2018 में एनकाउंटर में मारा गया। उसके बाद वह सोनू खरखरी और गोगी गैंग के लिए काम करने लगा, जो साउथ-वेस्ट दिल्ली में वसूली और संगठित अपराध में सक्रिय है। पूछताछ में ऋतिक ने कबूला कि वह पाकिस्तानी व्हाट्सएप नंबर्स के जरिए विदेशी हैंडलर्स से जुड़ा था। फर्जी लोन ऐप्स से शिकार बने लोगों को ब्लैकमेल कर वसूली जाती, जो यूपीआई के जरिए ऋतिक को भेजी जाती। वह बिनेंस ऐप पर क्रिप्टोकरेंसी बेचता और 5% कमीशन लेता। उसके फोन से 6 पाकिस्तानी नंबर, 3 बिनेंस अकाउंट और संदिग्ध चैट्स मिले। चंदन ऋतिक का सहयोगी था, जो हथियार और लॉजिस्टिक मुहैया कराता। दोनों ने हथियार फरार साथी सूरज उर्फ ऋतिक से लिए थे।

इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह जाखड़ के नेतृत्व में यह कार्रवाई एसीपी रवि नंदन, डीसीपी हरीश्वर स्वामी, जॉइंट सीपी विजय सिंह और स्पेशल सीपी रविंदर यादव के पर्यवेक्षण में हुई। पुलिस ने कापसहेड़ा और आसपास छापेमारी की, लेकिन सूरज फरार है। अदालत ने दोनों को 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा। वित्तीय जांच जारी है, जिसमें बिनेंस और यूपीआई ट्रांजेक्शन ट्रेस किए जा रहे हैं।

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