टोल प्लाजा पर खत्म होगी बार-बार भुगतान की टेंशन; यूपीडा जल्द शुरू करेगा नई वार्षिक टोल कार्ड योजना, वाहन चालकों को मिलेगी सुविधा

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ : जल्द ही वाहन चालकों को यूपीडा के टोल प्लाजा पर बार-बार भुगतान की टेंशन से छुटकारा मिल जाएगा. टोल भुगतान को आसान बनाने के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) जल्द ही अपनी नई वार्षिक टोल कार्ड योजना शुरू करने जा रहा है. यह योजना राज्य के प्रमुख एक्सप्रेस-वे जैसे आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर लागू होगी.
NHAI ने पिछले महीने शुरू की थी टोल पास योजना : NHAI ने पिछले महीने 15 अगस्त से अपनी फास्टैग आधारित वार्षिक टोल पास योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत 3000 रुपये का वार्षिक टोल कार्ड राष्ट्रीय राजमार्गों पर पूरे साल या अधिकतम 200 यात्राओं तक वैध माना जाता है. यह योजना उन वाहन चालकों के लिए लाभकारी है जो नियमित रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करते हैं. हालांकि, उत्तर प्रदेश के प्रमुख एक्सप्रेस-वे जो यूपीडा के नियंत्रण में हैं वहां के टोल प्लाजा पर ये पास काम नहीं करते हैं. इसके पीछे की वजह ये है कि आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे एक्सप्रेस-वे का संचालन और रख-रखाव यूपीडा की ओर से किया जाता है.NHAI के सालाना पास से अधिक हो सकती है कीमत : यूपीडा ने स्वतंत्र वार्षिक टोल कार्ड योजना तैयार की है. इस योजना के तहत वाहन चालक एक निश्चित राशि का भुगतान कर पूरे साल यूपीडा के सभी एक्सप्रेस-वे पर यात्रा कर सकेंगे. हालांकि अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इस कार्ड की कीमत NHAI के 3000 रुपये वाले पास से अधिक हो सकती है. इसका कारण यह है कि यूपीडा के अधीन एक्सप्रेसवे पर टोल की दरें पहले से ही राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में अधिक हैं. उदाहरण के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर एकतरफा यात्रा के लिए कार चालकों को औसतन 600-700 रुपये का टोल देना पड़ता है, जबकि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर यह राशि और भी अधिक हो सकती है.
यूपीडा के CEO बोले-समय की भी होगी बचत : यूपीडा के CEO दीपक कुमार ने बताया कि नई वार्षिक टोल कार्ड योजना का उद्देश्य नियमित यात्रियों जैसे व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों और दैनिक यात्रा करने वाले लोगों को आर्थिक राहत देना है. इस योजना के तहत एकमुश्त भुगतान कर वाहन चालक बार-बार टोल देने की झंझट से बच सकेंगे. यह योजना फास्टैग सिस्टम के साथ पूरी तरह एकीकृत होगी. इससे टोल प्लाजा पर समय की बचत होगी.वाहन चालकों को रखने पड़ेंगे 2 कार्ड : ट्रांसपोर्टर राजीव दयाल का मानना है कि यूपीडा की इस योजना की सफलता इसकी कीमत और उपयोगिता पर निर्भर करेगी. अगर कार्ड की लागत बहुत अधिक होगी तो छोटे वाहन चालक इसे अपनाने से हिचक सकते हैं. इसके अलावा NHAI और यूपीडा की अलग-अलग योजनाओं के कारण वाहन चालकों को 2 तरह के टोल कार्ड रखने पड़ सकते हैं. यह कुछ हद तक असुविधाजनक हो सकता है.यूपीडा ने स्पष्ट किया है कि नई योजना को जल्द ही अंतिम रूप दे दिया जाएगा. इसके विवरण जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे. तब तक वाहन चालकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपनी यात्रा की जरूरतों के हिसाब से NHAI या यूपीडा की योजनाओं का चयन करें.

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