दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय ड्रग रैकेट का पर्दाफाश, 2.25 करोड़ की कोकेन के साथ नाइजीरियाई मास्टरमाइंड समेत तीन गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई में अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है। इस ऑपरेशन में 32 वर्षीय राहुल वाधवा, 29 वर्षीय अब्दुल कादिर और नाइजीरियाई नागरिक 35 वर्षीय चिमेजी लाजरस इंडेडिनिग्वे उर्फ जूडो उर्फ जूड को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से कुल 194 ग्राम कोकेन बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 2.25 करोड़ रुपये आंकी गई है।

क्राइम ब्रांच के डीसीपी पंकज कुमार ने बताया कि 6 सितंबर को क्राइम ब्रांच की आरके पुरम इकाई को एक मुखबिर से सूचना मिली कि राहुल वाधवा और अब्दुल कादिर रोहिणी के सेक्टर 36 में कोकेन की डिलीवरी करने वाले हैं। वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के बाद, एनडीआर यूनिट ने तुरंत रोहिणी में जाल बिछाया। दोपहर करीब 3 बजे, एक होंडा सिटी कार सेक्टर 37 की ओर से आई और निर्धारित स्थान पर रुकी। मुखबिर ने कार के ड्राइवर की पहचान राहुल वाधवा के रूप में की। दस मिनट बाद, अब्दुल कादिर पैदल बारवाला गांव की ओर से आया और राहुल को एक पैकेट सौंपा। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दोनों को हिरासत में ले लिया। अब्दुल कादिर से 54 ग्राम और राहुल वाधवा से 31 ग्राम कोकेन बरामद हुआ। इसके बाद, थाना क्राइम ब्रांच में एनडीपीएस एक्ट की धारा 21/25/29 के तहत एफआईआर दर्ज की गई और दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

पूछताछ में राहुल और अब्दुल ने खुलासा किया कि कोकेन की सप्लाई नाइजीरियाई नागरिक चिमेजी लाजरस इंडेडिनिग्वे उर्फ जूडो उर्फ जूड कर रहा था, जो दिल्ली के महरौली में रहता है। इस जानकारी के आधार पर 10 सितंबर को क्राइम ब्रांच की टीम ने महरौली के गली रेशम अपार्टमेंट वाली में छापेमारी की और जूडो को गिरफ्तार कर लिया। उसकी तलाशी में 109 ग्राम कोकेन बरामद हुई।

जूडो जनवरी 2023 में मेडिकल उपचार के लिए भारत आया था। आर्थिक तंगी के चलते उसने दिल्ली, गुरुग्राम, द्वारका, मेरठ, चंडीगढ़ और हल्द्वानी में कोकेन की तस्करी शुरू की। वह इस सिंडिकेट का मुख्य सरगना था।

डीसीपी ने बताया कि अब्दुल कादिर महरौली का निवासी है। जूडो ने उसे प्रति डिलीवरी 1,000 रुपये का लालच देकर ड्रग तस्करी में शामिल किया। बाद में उसने राहुल वाधवा को भी सिंडिकेट से जोड़ा। इस ऑपरेशन का नेतृत्व इंस्पेक्टर योगेश और विनोद यादव ने किया, जिसे एसीपी उमेश बर्थवाल, एनडीआर की देखरेख में अंजाम दिया गया। टीम में एसआई दीपेंद्र सिंह, प्रमोद कुमार, एचसी राजबीर, राम निवास, कुलदीप, परमानंद, पंकज, भग सिंह और डब्ल्यूसीटी ज्ञानवती शामिल थे। सूचना एचसी राजबीर के जरिए मिली थी। पुलिस अब इस नेटवर्क के वित्तीय लेनदेन और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों की जांच कर रही है।

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