नेपाल से जेल तोड़ भागे कैदियों को लेकर भारत में बॉर्डर पर हाई अलर्ट, अब तक 10 पकड़े गए, जानिए ताजा हालात

राष्ट्रीय जजमेंट

सिद्धार्थनगर/महराजगंज: नेपाल में हिंसक घटनाओं के दौरान सिद्धार्थनगर जिले से सटे नेपाल के कपिलवस्तु और महराजगंज जिले की नवलपरासी जेल से कैदियों के भाग जाने की घटना से यूपी से सटे बॉर्डर पर हाई अलर्ट घोषित किया गया है। आशंका है कि जेल तोड़कर भागे ये कैदी कहीं भारत की सीमा में प्रवेश न कर जाएं जिससे भारतीयों को खतरा हो जाए। भारत-नेपाल सीमा पर सख्ती बढ़ा दी गई है। वहीं खबर आई है कि अब तक चेकिंग के दौरान 10 नेपाली कैदियों को पकड़ा गया है। इनसे यूपी पुलिस, एसएसबी और खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं।महराजगंज के सोनौली बार्डर पर मालवाहक वाहनों की लंबी कतार लगी हुई है। भारतीय ट्रक चालक भारत में प्रवेश के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन भारतीय सुरक्षा बलों ने अभी उन्हें इजाजत नहीं दी है। हर आने-जाने वाले की गहन जांच की जा रही है। सिद्धार्थनगर में डीआईजी बस्ती संजीव त्यागी, डीएम डॉ. राजा गणपति आर, एसपी डॉ.अभिषेक महाजन, एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट जसवंत ने ककरहवा व कपिलवस्तु बॉर्डर पर पहुंचकर नेपाल के चाकरचौड़ा में पुलिसकर्मियों से बातचीत की। कपिलवस्तु में बुधवार की शाम कर्फ्यू लगने की सूचना के बाद नेपाल के कपिलवस्तु बॉर्डर पर भारतीय क्षेत्र में आने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है। डीएम राजा गणपति आर ने दो टोल फ्री नंबर जारी किए हैं।नेपाल में हुए घटनाक्रम के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है। एसएसबी और स्थानीय पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस के कवच पॉइंट्स और एसएसबी के जवान आपसी सहयोग से सीमा पर सघन गश्त कर रहे हैं। नदी पार जाने वाले रास्तों तक पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। प्रशासन का साफ संदेश है कि नेपाल से कोई भी अराजक तत्व भारतीय सीमा में घुसपैठ न कर पाए। डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल और एसपी संकल्प शर्मा खुद बॉर्डर की हर हलचल पर पैनी नजर रखे हुए हैं। दोनों अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
मदद को आगे आया संघ
नेपाल में फंसे भारतीयों की मदद के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) आगे आया है। आरएसएस अवध प्रांत ने अपने चार पदाधिकारियों के नंबर जारी किए हैं। साथ ही नेपाल सीमा से सटे जिलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है। संघ के सीमा जागरण मंच के पदाधिकारी राम कृपाल ने बताया कि नेपाल से सटे जिलों में कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे प्रशासन और अपने कार्यकर्ताओं की मदद से वहां मुसीबत में फंसे भारतीयों से संपर्क करें। यदि किसी को कोई दिक्कत हो तो उसको मदद पहुंचाएं। यदि वह भारत आना चाहता है, तो प्रशासन से मिलकर उनको यहां लाने के लिए भी प्रयास करें।

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