नेपाल में जेल में झड़प के दौरान तीन कैदियों की मौत, अब तक 15,000 से अधिक कैदी फरार

राष्ट्रीय जजमेंट

काठमांडू : नेपाल में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच गुरुवार को एक जेल में सुरक्षा बलों के साथ झड़प के दौरान तीन कैदियों की मौत हो गई, जबकि अब तक दो दर्जन से अधिक जेलों से 15,000 से अधिक कैदी फरार हो चुके हैं.
अधिकारियों ने बताया कि ताजा घटनाक्रम के साथ, मंगलवार से भड़की हिंसा के दौरान सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़पों में मरने वाले कैदियों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है. प्रदर्शनकारियों द्वारा जेलों पर हमले करने और अराजकता के चलते देशभर में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर बनी हुई है. अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर रहे हैं.
हिंसक प्रदर्शन के कारण के पी शर्मा ओली को मंगलवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, जिसके बाद नेपाल सेना ने गंभीर कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण विभिन्न प्रांतों में प्रतिबंध लगा दिए. पुलिस सूत्र ने बताया कि गुरुवार सुबह मधेस प्रांत के रामेछाप जिला जेल में कैदियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हिंसक झड़प में तीन कैदियों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए.सूत्र ने बताया कि झड़प तब शुरू हुई जब कैदियों ने गैस सिलेंडर में विस्फोट करके जेल से बाहर निकलने की कोशिश की. सुरक्षा बलों ने हालात काबू में करने के लिए गोलीबारी की, जिसमें तीन कैदी मारे गए. पुलिस ने बताया कि घायलों को रामेछाप जिला अस्पताल ले जाया गया.मीडिया में आयी एक खबर में गुरुवार को कहा गया कि मंगलवार को हिंसा भड़कने के बाद से देश भर में 24 से अधिक जेलों में झड़पें और कैदियों के भागने की घटनाएं हुई हैं, जिनमें हजारों कैदी आगजनी और दंगों के बीच भाग गए.अखबार ‘द काठमांडू पोस्ट’ ने पुलिस के हवाले से कहा, ‘‘जेल से भागने की घटनाएं तब शुरू हुईं जब युवा प्रदर्शनकारियों ने कई जेलों में धावा बोल दिया, प्रशासनिक भवनों में आग लगा दी और जेल के दरवाज़े जबरन खोल दिए. बुधवार शाम तक प्रारंभिक रिपोर्टों से पुष्टि हुई कि 25 से अधिक जेलों से 15,000 से ज़्यादा कैदी भाग गए थे, जिनमें से केवल कुछ ही स्वेच्छा से लौटे या फिर से गिरफ्तार किए गए.’’गंडकी प्रांत के कास्की जिला कारागार से 773 कैदी भागे. जेलर राजेंद्र शर्मा ने बताया कि भागने वालों में 13 भारतीय नागरिक और चार अन्य विदेशी शामिल हैं.
खबरों के अनुसार, जेल प्रबंधन विभाग ने कहा कि वह अब भी सभी प्रांतों से अंतिम आंकड़े एकत्र कर रहा है. महानिदेशक लीला प्रसाद शर्मा ने पुष्टि की कि नेपाल सेना, सशस्त्र पुलिस बल और नेपाल पुलिस सहित सुरक्षा बलों को देश भर में फरार कैदियों को फिर से गिरफ्तार करने और व्यवस्था बहाल करने के लिए तैनात किया गया है.
काठमांडू पोस्ट ने डीजी शर्मा के हवाले से कहा, ‘‘हम उन्हें जल्द से जल्द फिर से गिरफ्तार करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं.’’ इससे पहले, मंगलवार रात पश्चिमी नेपाल में बांके के बैजनाथ ग्रामीण नगर पालिका-3 में स्थित नौबस्ता क्षेत्रीय जेल के नौबस्ता सुधार गृह में सुरक्षा कर्मियों के साथ झड़प में पांच किशोर कैदियों की मौत हो गई.
इस बीच, नेपाल पुलिस के सूत्रों के अनुसार भारत के अर्धसैनिक बल सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने गुरुवार को बैरगनिया जांच चौकी के पास 13 कैदियों को अपने कब्जे में ले लिया, जो दक्षिणी सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे. वे उन सैकड़ों कैदियों में शामिल थे जो भारत-नेपाल सीमा के पास रौतहट ज़िले में स्थित गौर जेल तोड़कर भागे थे.
सूत्र ने कहा, ‘‘उचित प्रक्रिया का पालन करने के बाद उन्हें नेपाल पुलिस को सौंप दिया जाएगा.’’सूत्र ने बताया कि अपनी सज़ा काट रहे 291 कैदियों में से लगभग 260, ‘जेन-जी’ के विरोध प्रदर्शनों के बाद जेल से भाग गए. पुलिस उनमें से केवल 31 को ही वापस ला पाई, 13 को भारतीय सुरक्षा बलों ने पकड़ लिया और बाकी 216 अब भी फरार हैं.

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