लालच में गवाया आईफोन और नगद रुपए, पहुंचा थाने, पुलिस ने दो को दबोचा, तीसरा फरार

नई दिल्ली: दिल्ली के व्यस्त लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन के पास एक सुनियोजित ठगी की कहानी ने मोहम्मद ओवैस को जाल में फंसा लिया। 23 अगस्त की दोपहर, उत्तर प्रदेश के संभल से आए 30 वर्षीय ओवैस मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन बदल रहे थे। तभी एक 12 साल का लड़का, मासूम चेहरा और चतुराई भरी बातों के साथ, उनके पास पहुंचा। उसने एक मनगढ़ंत कहानी सुनाई—वह हरियाणा से अपने मालिक का पैसा चुराकर भागा है, और उसके बैग में भारी मात्रा में नकदी भरी है। लड़के ने बिहार पहुंचने के लिए मदद मांगी और बदले में नकदी बांटने का लालच दिया। कहानी को और विश्वसनीय बनाने के लिए, दो अन्य, बिलाल और राहुल भी वहां पहुंचे और लड़के की बातों का समर्थन करने लगे। ओवैस ने लालच में आकर 1,000 रुपये दे दिए। लेकिन यह कहानी का सिर्फ शुरुआती पन्ना था। ठगों ने चालाकी से ओवैस का स्क्रीन लॉक पासवर्ड और यूपीआई पिन नोट कर लिया। लक्ष्मी नगर मेट्रो स्टेशन पर उतरते ही, ठगों ने बहाना बनाया कि ओवैस बैग लेकर भाग न जाएं, और उनका कीमती आईफोन-15 हथिया लिया। जब ओवैस ऑटो का इंतजाम करने में व्यस्त थे, ठग पलक झपकते ही गायब हो गए, उनके साथ नकदी और फोन भी।

हैरान और परेशान ओवैस ने तुरंत शकरपुर थाने में शिकायत दर्ज की। पूर्वी जिला के डीसीपी अभिषेक धनिया ने मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए। एसएचओ/शकरपुर और एसीपी प्रीत विहार अशोक कुमार के मार्गदर्शन में एक विशेष जांच टीम गठित की गई, जिसमें सब-इंस्पेक्टर अनुभव, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर प्रवीण, हेड कांस्टेबल अनुराग, हेड कांस्टेबल राहुल और कांस्टेबल नवीन शामिल थे। पुलिस ने तकनीकी और पारंपरिक जांच के मिश्रण का सहारा लिया। सबसे पहले चोरी हुए आईफोन-15 की लाइव लोकेशन को ट्रैक किया गया, जो चांदनी चौक के गुरुद्वारा सीसगंज साहिब और लाल किला क्षेत्र में सक्रिय थी। इसके साथ ही, मेट्रो स्टेशनों और आसपास के सीसीटीवी फुटेज का गहन विश्लेषण किया गया। भारी बारिश, तंग गलियों और भीड़भाड़ वाले इलाके की चुनौतियों के बावजूद, पुलिस ने समन्वित छापेमारी की और कुछ ही घंटों में जेजे कॉलोनी, बवाना के निवासी 25 वर्षीय बिलाल और 29 वर्षीय राहुल को धर दबोचा। तीसरा साथी, एक नाबालिग अपनी हिस्सेदारी लेकर फरार हो गया।

डीसीपी ने बताया कि जांच में सामने आया कि यह गिरोह बेहद चालाकी और सुनियोजित तरीके से काम करता था। नाबालिग लड़के को मासूम चेहरा होने के कारण लोगों का भरोसा जीतने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। वह अपनी कहानी से शिकार को लालच में फंसाता, जबकि बिलाल और राहुल ठगी को अंजाम देते। इस मामले में, ठगों ने ओवैस के यूपीआई खाते से 3,000 रुपये की स्ट्रॉन्ग टोनी साइकिल खरीदी। इसके अलावा, उन्होंने फर्जी ऑनलाइन ट्रांसफर का लालच देकर राहगीरों से करीब 40,000 रुपये की ठगी की, जिसमें से 22,500 रुपये नकद में बदले गए। ठगों की चालाकी का आलम यह था कि उन्होंने ओवैस का फोन पासवर्ड और यूपीआई पिन नोट कर लिया, जिससे वे उनके खाते से आसानी से लेनदेन कर सके।

पुलिस की तलाशी में बिलाल के पास से ओवैस का आईफोन-15, राहुल के पास से 7,000 रुपये नकद, यूपीआई से खरीदी गई स्ट्रॉन्ग टोनी साइकिल और आरोपियों के पास से दो वीवो मोबाइल फोन बरामद किए गए।

बिलाल, इस गिरोह का सरगना, शराब और गांजे का आदी है। जेजे कॉलोनी, बवाना का निवासी, उसने आठवीं तक पढ़ाई की और पहले दिहाड़ी मजदूरी करता था। उसका आपराधिक रिकॉर्ड भी भारी-भरकम है, जिसमें चोरी, डकैती और स्नैचिंग के पांच मामले दर्ज हैं। दूसरी ओर, राहुल, जो बवाना में एक चप्पल फैक्ट्री में कर्मचारी है, इस गिरोह का सहयोगी था। दोनों का मकसद आसान और त्वरित कमाई था, और वे सुनियोजित कहानियों के जरिए मासूम यात्रियों को निशाना बनाते थे। नाबालिग लड़के को गिरोह इसलिए शामिल करता था, क्योंकि उसका मासूम चेहरा लोगों का भरोसा आसानी से जीत लेता था।

डीसीपी अभिषेक धनिया ने बताया कि शकरपुर पुलिस ने ओवैस की शिकायत पर तुरंत एफआईआर दर्ज की, जिसमें धारा 318(4)/3(5) बीएनएस के तहत मामला बनाया गया। जांच अभी जारी है, और टीम फरार नाबालिग की तलाश में जुटी है।

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