खुद को पुलिस वाला बताकर लूटपाट कर रहा था ईरानी गैंग; कई राज्यों में था नेटवर्क, मेरठ में तीन बदमाश गिरफ्तार

राष्ट्रीय जजमेन्ट

मेरठ: मेरठ में पुलिस ने ईरानी गैंग के तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इस गैंग के सदस्य खुद को पुलिस वाला बताकर उनका बैग और सामान चेक करते थे. इसके बाद उनका कीमती सामान लेकर फरार हो जाते थे. 12 अगस्त को इस गिरोह ने सर्राफा कारोबारी से लाखों की लूटपाट की थी. अभियुक्तों के पास से 300 ग्राम आभूषण भी बरामद किए गए हैं.

देहरादून में है ईरानी गैंग का हेडक्वार्टर: एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने बताया कि तीन अभियुक्त ईरानी गैंग से ताल्लुक रखते हैं. ये खुद को पुलिस वाला बताकर अचानक चेकिंग करने लगते थे. अगर लोगों के पास अधिक कैश या जेवर होता था, तो यह उनका सामान लेकर भाग जाते थे. इस गैंग का हेडक्वार्टर देहरादून में है.

बिजनौर के रहने वाले दिलावर हुसैन एक आभूषण कारीगर हैं. वह अपने साथी राजेश मलिक (कारीगर) दीपू ज्वैलर्स के यहां पुराने सोने के आभूषण स्कूटी से लेकर 12 अगस्त को मेरठ आया था. राजेश ने दिलावर को रोडवेज बस स्टैंड सोहराब गेट पर उतारा था. उसके बैग में 50 लाख रुपये से अधिक के जेवरात थे.

50 लाख के जवरात लेकर हो गये थे फरार: दिलावर के पास पहले एक व्यक्ति आया. इसके बाद दूसरा व्यक्ति आया. दोनों ने दिलावर को खुद को पुलिस बताया और अपनी बातों में उलझाकर चेकिंग के लिए बैग ले लिया. इसके बाद दोनों बैग लेकर मोटर साइकिल से फरार हो गये.

एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा ने कहा कि यह छह सदस्यों का गैंग है. दुर्गेश इस गैंग का साथी था, जो कि सोने को ठिकाने लगाने में मदद करता था. यह गैंग कई दूसरे राज्यों में भी लोगों को अपना शिकार बना चुका था.

लूट का सामान बेचने मेरठ पहुंचे थे गैंग के सदस्य: मंगलवार रात फिरोज और विश्वजीत सर्राफ दुर्गेश की मदद से कारोबारी से लूटे गए जेवरात बेचने के लिए उत्तराखंड के देहरादून से मेरठ पहुंचे थे. पुलिस से हुई मुठभेड़ में दो आरोपियों को गोली लग गयी. इस गैंग का मास्टरमाइंड हबीब है. उसे पुलिस अभी नहीं पकड़ पाई है. हबीब समेत गैंग के चार सदस्य अब भी फरार हैं.

ऑनलाइन सट्टेबाजी के रैकेट का पर्दाफाश, संभल में 5 गिरफ्तार: संभल पुलिस ने ऑनलाइन सट्टेबाजी करने वाले रैकेट का पर्दाफाश करके पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि 12 अगस्त को दीनदयाल नाम के एक व्यक्ति ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज की थी. उसके पीएनबी चंदौसी खाते में अचानक 1.70 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ था.

जंबो 365 वेबसाइट के जरिए सट्टेबाजी: जांच में पता लगा कि जंबो 365 नाम की वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी की जा रही थी. रैकेट में पीएनबी चंदौसी के रिकवरी एजेंट ऋषिपाल की भूमिका सामने आई. उसने दीनदयाल और उसकी पत्नी के नाम से खाते खुलवाए थे. इन खातों में करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ था.

एक खाता खुलवाने पर मिलते थे 20 हजार रुपये: चंदौसी निवासी अमित वार्ष्णेय हर खाता खुलवाने के एवज में 10 हजार रुपये देता था. दिल्ली निवासी इंगित कोहली एक खाता खुलवाने पर 20 हजार रुपये देता था. पुलिस पूछताछ में इंगित कोहली ने बताया कि उसे 2.5 लाख रुपये मासिक वेतन मिलता है. इस नेटवर्क के पूरे देश में करीब 500 फ्रेंचाइजी हैं.

हवाला के जरिए दुबई ट्रांसफर किये करोड़ों रुपये: हर फ्रेंचाइजी सालाना लगभग 8 करोड़ रुपये की कमाई करते हैं. यह पैसा हवाला के जरिए दुबई ट्रांसफर कर दिया जाता था. इस पूरे गोरखधंधे के मास्टरमाइंड जय कक्कड़ और आदित्य गुप्ता बताए जा रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों ऋषिपाल यादव, अमित वार्ष्णेय, इंगित कोहली, पुष्कर सरकी और पवन कुमार को गिरफ्तार कर लिया. इनके कब्जे से 3 लैपटॉप, 21 मोबाइल फोन और 183 चेकबुक बरामद की गई हैं.

पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने कहा कि बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी है. जल्द ही इस गैंग का पूरी तरह से सफाया कर दिया जाएगा.

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